हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है गंगा दशहरा, घर पर ही करें गंगा स्नान, ऐसे करें पूजन: डॉ. आचार्य सुशांत राज
गंगा दशहरा हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है। इसी दिन मां गंगा का अवतरण पृथ्वी पर हुआ था। ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष के 10 वें दिन को दशमी दशहरा कहते हैं। पुराणों के अनुसार गंगा दशहरा के दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व है।

दान का महत्व
इस दिन दान में सत्तू, मटका और हाथ का पंखा दान करने से दुगुना फल प्राप्त होता है। गंगा दशहरा के दिन किसी भी नदी में स्नान करके दान और तर्पण करने से मनुष्य जाने-अनजाने में किए गए कम से कम दस पापों से मुक्त होता है। इन दस पापों के हरण होने से ही इस तिथि का नाम गंगा दशहरा पड़ा है।
गंगा दशहरा का शुभ मुहूर्त
दशमी तिथि आरंभ- 19 जून 2021 को शाम 06 बजकर 50 मिनट पर
दशमी तिथि समापन – 20 जून 2021 को शाम 04 बजकर 25 मिनट पर रहेगा
पूजा विधि
गंगा दशहरा के दिन लोगों को सुबह सूर्योदय से पहले उठकर नित्यकर्म करके गंगा में स्नान करना चाहिए। हालांकि इस समय कोरोना वायरस के चलते गंगा नदी तक पहुंचना मुश्किल है। ऐसे में पानी की बाल्टी में गंगा जल की कुछ बूँदें डालकर उस पानी से स्नान करें। इसके बाद सूर्योदय के समय सूर्य को गंगाजल से मिले जल का अर्घ्य दें। इसके बाद गंगा के मंत्रों का जाप करें। पूजा करने के बाद गरीब और जरूरत मंद ब्रह्माणों को दान दें। इससे बहुत लाभ होता है।
भगवान विष्णु को खुश करने के लिए व्रत
इस दिन लोग व्रत करके पानी भी (जल का त्याग करके) छोड़कर इस व्रत को करते हैं। ग्यारस (एकादशी) की कथा सुनते हैं और अगले दिन लोग दान-पुण्य करते हैं। इस दिन जल का घट दान करके फिर जल पीकर अपना व्रत पूर्ण करते हैं। इस दिन दान में केला, नारियल, अनार, सुपारी, खरबूजा, आम, जल भरी सुराई, हाथ का पंखा आदि चीजें भक्त दान करते हैं।
आचार्य का परिचय
नाम डॉ. आचार्य सुशांत राज
इंद्रेश्वर शिव मंदिर व नवग्रह शनि मंदिर
डांडी गढ़ी कैंट, निकट पोस्ट आफिस, देहरादून, उत्तराखंड।
मो. 9412950046
Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।