Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

April 15, 2025

पाठक की कलम से-अपनी प्रतिभा के बल पर विक्रम नेगी बढ़ा रहे हैं संस्कृति का मान, देखें वीडियोः माधव सिंह नेगी

प्रकृति की उतुंग वादियों में स्थित रचा बसा मेरा गाँव पैलिंग। ये गांव उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले के ऊखीमठ ब्लॉक में है। रुद्रप्रयाग प्राकृतिक सौन्दर्यता से परिपूर्ण होने के साथ-साथ, आर्थिक, सामाजिक व सांस्कृतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण स्थान रखता है।

प्रकृति की उतुंग वादियों में स्थित रचा बसा मेरा गाँव पैलिंग। ये गांव उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले के ऊखीमठ ब्लॉक में है। रुद्रप्रयाग प्राकृतिक सौन्दर्यता से परिपूर्ण होने के साथ-साथ, आर्थिक, सामाजिक व सांस्कृतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण स्थान रखता है। मुख्य मोटर मार्ग से सुदूरवर्ती गाँव होने के साथ ही यहां शिक्षा का स्तर भी बहुत उन्नत नहीं है। गाँव में मात्र एक प्राथमिक विद्यालय है। सैकेंडरी व उच्च शिक्षा के लिए नौनिहालों को गाँव से बाहर जाना होता है। जिस परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक रही, उन्होंने अपने नौनिहालों को अच्छी तालीम दी। जिनकी नहीं रही, उन्होंने मिडिल या जूनियर की परीक्षा पास कर इति श्री कर दी। फिर भी यहाँ के युवा पढ़ लिखकर ठीक-ठाक नौकरी पेशे में चले जाते हैं। ज्यादातर युवा आर्मी की ओर गमन करते हैं। कुछ घर गाँव में ही रहकर अपनी खेती-बाड़ी पशुपालन व ध्याड़ी मजदूरी करके अपनी आजीविका चलाते हैं। इन्हीं में से एक युवा हैं विक्रम सिंह नेगी सुपुत्र स्व. बालक सिंह नेगी।

विक्रम अधिक पढ़े लिखे भी नहीं हैं, लेकिन इन्होंने अपनी लगन, मेहनत व प्रतिभा के बल पर एक नया मुकाम हासिल किया है। या यूँ कहें कि एक इतिहास रचा है। अपनी प्रतिभा के बल पर ये अपनी संस्कृति के संरक्षण व संवर्द्धन में लगे हुए हैं। सम्पूर्ण तुंगनाथ घाटी सहित रुद्रप्रयाग जनपद के दर्जनों गाँव इनकी जागर गायन शैली कला प्रतिभा के लोग मुरीद बने हुए हैं। विक्रम नाग सिद्धवा देवता, नृसिंह, जीतू बग्ड्वाळ, ऐड़ी-आछरी, बणद्यो देवताओं को पूजने व नचाने के एक कुशल कलाकार हैं।
यह विक्रम का पैतृक पेशा नहीं है। न ही गाँव में कोई इस तरह की कला सिखाने वाले विशेषज्ञ हैं। फिर भी इन्होंने अपनी रुचि, लगन, मेहनत प्रतिभा के बल पर इस क्षेत्र में सभी के दिलों को जीता है तथा अपनी आजीविका का भी अच्छा साधन बनाया है। मैं प्रत्यक्षदर्शियों में से एक हूँ कि विक्रम बचपन से ही गाँव में आयोजित होने वाले सांस्कृतिक व धार्मिक समारोहों में अक्सर घड्याळा की प्रस्तुति देकर दर्शकों को मोहित व आकर्षित कर लेते थे।

श्रोताओं और दर्शकों का कहना है कि विक्रम की आवाज में एक अलग खनक और सम्मोहन है जो उन्हें अन्य जागरियों से अलग ही पहचान देती है। उनके जागर श्रोताओं के दिल और दिमाग पर जादू सा असर करते हैं। उनकी इसी विशेषता व इस क्षेत्र में रुचि को देखते हुए स्व. विशाम्बर नौटियाल ग्राम करोखी वालों ने इन्हें अपना शिष्य बनाया। उन्होंने विक्रम को गुरु मंत्र देकर दीक्षा दी व विक्रम को अपना आशीर्वाद प्रदान किया। विक्रम कहते हैं कि गुरुजी के आशीर्वाद से ही वे आज समाज में अपनी विशिष्ट पहचान बना पाये हैं।


लेखक का परिचय
नाम- माधव सिंह नेगी
प्रधानाध्यापक, राजकीय प्राथमिक विद्यालय जैली
ब्लॉक जखोली, रुद्रप्रयाग, निवासी ग्राम पैलिंग रुद्रप्रयाग, उत्तराखंड।

Website |  + posts

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page