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August 26, 2025

यहां से जाता है नरक का रास्ता, 367 फीट की गहराई तक उतरे शोधकर्ता तो दिखा खौफनाक मंजर, पढ़िए पूरी कहानी

इस दुनिया के रहस्य भी निराले हैं। एक ऐसा ही कुआं है, जिसे नरक का द्वार कहा जाता है। कोई इसे भूत प्रेत का ठिकाना बताता है तो कोई कहता है कि यहां शैतानों को कैद किया जाता था।

इस दुनिया के रहस्य भी निराले हैं। एक ऐसा ही कुआं है, जिसे नरक का द्वार कहा जाता है। कोई इसे भूत प्रेत का ठिकाना बताता है तो कोई कहता है कि यहां शैतानों को कैद किया जाता था। इस कुएं के रहस्य को जानने के लिए पहली बार इसमें शोधकर्ता उतरे। जब वे वापस लौटे तो कुछ सच्चाई लेकर आए। हालांकि वहां कोई भूत प्रेत जैसी बात नहीं थी, लेकिन भीतर का नजारा काफी खौफनाक था।
नरक का द्वार कहा जाने वाला कुआं यमन के बरहूत में स्थित है। माना जाता रहा है कि यहां शैतानों को कैद किया जाता था। यहां तक कहा जाता है कि इसके अंदर जिन और भूत रहते हैं। वहां के लोग तो इसके करीब जाने की हिम्मत तक नहीं जुटाते हैं। साथ ही इस कुएं के बारे में बात करने से भी लोग डरते हैं और बचते हैं।
निषिद्ध ‘वेल ऑफ हेल’, जिसका अंधेरा, गोल छिद्र यमन के पूर्वी प्रांत अल-महरा के रेगिस्तानी तल में 30 मीटर (100 फुट) चौड़ा छेद बनाता है। ये धरती की सतह से लगभग 112 मीटर (367 फीट) नीचे गिरता है। इस कुएं से अजीब गंध निकलती है। इस कुएं में उतरी ओमान केव एक्सप्लोरेशन टीम (ओसीईटी) को सांप, मृत जानवर, गुफा वाले मोती आदि मिले, लेकिन अलौकिक के कोई संकेत नहीं मिले। ओमान में जर्मन यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी के भूविज्ञान के प्रोफेसर मोहम्मद अल किंडी ने एएफपी को बताया कि भीतर काफी सांप थे, लेकिन जब तक आप उन्हें परेशान नहीं करेंगे, वे आपको परेशान नहीं करेंगे।
हाल ही में इस कुएं के भीतर ओमान के 8 लोगों की एक टीम ने प्रवेश किया। इसके भीतर प्रवेश करने के बाद उन्होंने ये जानने की कोशिश की कि वास्तविकता में इस कुएं के अंदर क्या है। जब वैज्ञानिकों की टीम ने कुएं के अंदर प्रवेश किया तो उनको किसी भी प्रकार का जिन और भूत उसमें देखने को नहीं मिला। हालांकि कुएं के अंदर सांप और गुफाओं वाले मोती जरूर मिले।
खोजकर्ताओं के मुताबिक, सतह से वो 367 फीट तक नीचे गए थे। वहीं अंदर कुछ दुर्गंध आ रही थी, लेकिन वो मरे हुए जानवरों की ही लग रही थी। हालांकि दुर्गंध का रहस्य ठीक तरीके से नहीं सुलझा। उन्होंने ये भी बताया कि जिस तरह से उन्होंने भूत प्रेतों आदि की बातें सुनी थीं। वहां वैसा पर कुछ नहीं था। यह देश 2014 के बाद से एक विनाशकारी गृहयुद्ध में उलझा हुआ है, जिसने संयुक्त राष्ट्र को दुनिया के सबसे खराब मानवीय संकट के रूप में वर्णित किया है। इसकी 30 मिलियन आबादी का दो-तिहाई हिस्सा किसी न किसी रूप में सहायता पर निर्भर है।

Bhanu Bangwal

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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