Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

April 19, 2025

मानसिक आघात प्रबंधन और खुशहाल रिश्ता पर चौथा आभासी अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन

दो दिवसीय मानसिक आघात प्रबंधन और खुशहाल रिश्ता पर आधारित चौथा आभासी अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन स्पीकिंग क्यूब ऑनलाइन मेंटल हेल्थ कंसल्टिंग फाउंडेशन की ओर से आयोजित किया गया। यह अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन स्पीकिंग क्यूब ने 20 विश्वविद्यालयों, कई प्रतिष्ठित स्वयं सेवी संस्थाएं व प्रतिष्ठित लोगों के साथ मिलकर आयोजित किया। इस आयोजन में लगभग 250 शोध पत्र पढ़े गए। सम्मेलन की मुख्य अतिथि राज्यमंत्री संस्कृति साहित्य एवं कला परिषद मधु भट्ट रही। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

ऑनलाइन आयोजित किए गए इस कार्यक्रम में राज्यमंत्री मधु भट्ट ने महिला सशक्तिकरण और जीवन में मानसिक स्वास्थ्य के महत्व पर अपने ज्ञान के शब्द साझा किए। वह उत्तराखंड के अस्पतालों में प्रसवकालीन मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं की स्थापना, आम आदमी के मन को चिंता मुक्त करने के लिए कायाकल्प केंद्रों की स्थापना के लिए टीम स्पीकिंग क्यूब द्वारा रखे गए बिंदुओं से सहमत हुई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

यूके के राज्यमंत्री मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ाने के लिए स्पीकिंग क्यूब के सकारात्मक प्रयासों परियोजनाओं का समर्थन करने की बात पर सहमत हुए और ऑनलाइन प्रसवकालीन मानसिक स्वास्थ्य ओपीडी को बढ़ावा दिया। राज्य मंत्री संस्कृति साहित्य एवं कला परिषद् मधु भट्ट ने यह भी सुझाव दिया कि यह कार्यक्रम भविष्य में देवभूमि उत्तराखंड पर एक अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम के रूप में किया जा सकता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

प्रदेश मंत्री मधु भट्ट ने डॉ. रीता कुमार, डॉ. रेनू महेश, डॉ. चेतन शारदा, डॉ. नील कोब्रिन, डॉ. टी.एम.मुलौजदी, डॉ. आराधना शुक्ला, डॉ. मधुरिमा प्रधान, नितेश शाही, डॉ0 निधि वर्मा, डॉ0 आभा सिंह, डॉ. अनीताचौहान, डॉ. शालिनी शर्मा, वैज्ञानिकों की संस्था स्पेक्स के सचिव डॉ. बृजमोहन शर्मा को अपने-अपने क्षेत्रों में उत्कृष्टता के लिए सम्मानित किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

स्पीकिंग क्यूब की मनोवैज्ञानिक और प्लेथेरेपिस्ट गुरमीत शारदा ने सत्र की शुरुआत करते हुए आभासी अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में सभी प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए इस अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन की पृष्ठ भूमि पर प्रकाश डाला गया। किस्पीकिंग क्यूब की संस्थापक और निदेशक डॉ. दीपिका चमोली शाही ने जीवन की सकारात्मकता का आह्वान करने के लिए देवीशक्ति से प्रार्थना की। डॉ0 शांता कुमार नेगी, विजिटिंग फैकल्टी ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने मंत्रोच्चारण के साथ कार्यवाही शुरू की और वातावरण को शुद्ध किया। इसके बाद सत्र की कमान डॉ0 दीपिका चमोली शाही को सौंपी गई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इसके बाद सत्र का संचालन डॉ. दीपिका चमोली शाही ने किया जिन्होंने स्पीकिंग क्यूब की कार्यवाही के बारे में अवगत कराया और कैबिनेट मंत्री, उत्तराखंड, गणेश जोशी द्वारा साझा किया गया संदेश पढ़ा। गणेश जोशी ने आघात और नशीली दवाओं की लत उन्मूलन की दिशा में स्पीकिंग क्यूब के प्रयास की सराहना की। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

गुरमीत शारदा ने सम्मेलन के संरक्षक पद्मभूषण को डॉ. अनिल प्रकाश जोशी को  जीवन में सकारात्मकता और शांति के महत्व के बारे में सम्बोधित करने लिए आमंत्रित किया। इसके बाद मंच शूलिनी विश्वविद्यालय के चांसलर डॉ. प्रेम कुमार खोसला को सौंप दिया गया और उन्होंने भारतीय संस्कृति के आध्यात्मिक पहलू के महत्व पर जोर दिया जो खुशहाल रिश्ते स्थापित करने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

डॉ. कर्नल (सेवानिवृत्त) चेतन शारदा, सलाहकार स्पीकिंग क्यूब, चिकित्सा विशेषज्ञ यशोदा अस्पताल गाजियाबाद ने पेशेवर जीवन में आध्यात्मिकता के महत्व के बारे में चर्चा की। इसके बाद मंच को रक्षा अकादमी पुणे के कमांडेंट, सेवानिवृत्त सेना अधिकारी कर्नल सुनील सिन्हा को सौंप दिया गया। उन्होंने अपने जीवन को शालीनता और बहादुरी से जीने के महत्व पर जोर दिया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

मंच को लखनऊ विश्वविद्यालय की हैप्पी ने सलैब की संस्थापक डॉ. मधुरिमा प्रधान ने आगे बढ़ाया। डॉ. मधुरिमा ने अभिघातज के बाद के विकास और खुशी पर इसके प्रभाव पर शोध पर चर्चा की। साई फायेसॉल्यूशंस की संस्थापक और निदेशक डॉ. आभा सिंह ने वर्त्मान समय की ताकत के महत्व पर चर्चा की। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

पूर्व डीन आर्ट, कुमाऊं विश्वविद्यालय डॉ. आराधना शुक्ला ने चर्चा की कि कैसे एक आघात योग्यता विज्ञापन कैडर की परवाह किए बिना सभी को प्रभावित करता है। एकेडमी ऑफ माइंडफुल साइकोलॉक लिफॉर्निआ अमेरिका के संस्थापक डॉ. नील कोब्रिन सत्र में शामिल हुए और सर्वश्रेष्ठ फिट की कहानियों के माध्यम से सफल रिश्ते के बारे में बताया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

डीन कम्युनिटी शिवाजी यूनिवर्सिटी कोल्हापुर डॉ. मंजूषा देश पांडे ने इस सकारात्मक प्रयास के लिए स्पीकिंग क्यूब को बधाई दी। दक्षिण अफ्रीका वेंडा विश्वविद्यालय के कार्यवाहक डीन डॉ. टी.एम. मुलौद ने दर्दनाक मुद्दों के इलाज के लिए दक्षिण अफ्रीका में प्रचलित विभिन्न उपचार पद्धतियों के बारे में चर्चा की। कंसल्टेंट सीनियर फेलो हेडबैंकिंग रिसर्च डॉ. शालिनी सिंह शर्मा, ने चाइल्डहुड फिनांसल ट्रामा के बारे में चर्चा की। सलाहकार स्पीकिंग क्यूब की वरिष्ठ प्रोफेसर (एआईपीएस, एमिटी नोएडा) की डॉ रीता कुमार ने कहा, आघात और नशीली दवाओं की लत साथ-साथ चलती है और समाधान लोगों को जीवन की शुरुआत से ही आध्यात्मिक अभ्यास के माध्यम से करना चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

स्पीकिंग क्यूब ऑनलाइन मेंटल हेल्थ कंसल्टिंग फाउंडेशन की संस्थापक और निदेशक, एडजंक्ट फैकल्टी (ऑनलाइन) दक्षिणी न्यू हेमशायर, यू.एस.एने. डॉ. दीपिका चमोली शाही ने सत्र का आभार व्यक्त किया।
नोटः सच का साथ देने में हमारा साथी बनिए। यदि आप लोकसाक्ष्य की खबरों को नियमित रूप से पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गए आप्शन से हमारे फेसबुक पेज या व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ सकते हैं, बस आपको एक क्लिक करना है। यदि खबर अच्छी लगे तो आप फेसबुक या व्हाट्सएप में शेयर भी कर सकते हो।

+ posts

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page