फोन की एक कॉल से मिला ठगी का आइडिया, पीएम का लिया नाम, बनाया कई को शिकार
किसी के शातिर बनने की कहानी भी अजीबोगरीब होती है। बेरोजगार व्यक्ति ज्यादा से ज्यादा पैसे कमाने के सपने देखता है। इस सपने को पूरा के लिए यदि वह गलत रास्ता पकड़े तो उसका अंजाम तो जेल की सलाखें ही हैं। यहां भी ऐसा ही हुआ। चार शातिर ठगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया। जो लोगों को पीएम की विभिन्न योजनाओं के तहत लोन देने के साथ ही अन्य तरीकों से लोगों को झांसा देते थे। ये झांसा देना भी उन्होंने एक फोन की उस कॉल से सीखा, जिसने इनसे ठगी का प्रयास किया। उसका शिकार तो ये नहीं बने लेकिन उसी तर्ज पर लोगों को ठगने का धंधा शुरू कर दिया। पुलिस ने इनसे तीन अलग-अलग मोबाइल तथा विभिन्न राज्यों के आठ सिम कार्ड बरामद किये गए।
ये है मामला
देहरादून में नगर कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत आढ़त बाजार में हाल ही में कुछ पोस्टर लगाए गए थे। इनमें प्रधानमंत्री योजना के तहत ऋण देने, आधार कार्ड बनाने, पर्सनल लोन बिजनेस लोन आदि के लिए संपर्क करने को कहा गया था। पोस्टरों में कुछ मोबाइल नंबर भी अंकित थे। पुलिस को इसकी सूचना मिली तो डीआइडी एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने इस मामले की जांच पुलिस क्षेत्राधिकारी को सौंपी। जांच में यह पाया गया कि ये पोस्टर ठगी के लिए लगाए गए हैं। इस पर कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया।
छानबीन में चार लोगों के नाम आए प्रकाश में
पुलिस ने पोस्टरों में अंकित मोबाइल नंबरधारकों के संबंध में जानकारी जुटानी शुरू की। पंजाब और हरियाणा में दो अलग-अलग टीमें भेजी गई। मोबाइल कंपनियों और अन्य जानकारी जुटाने पर जिन चार लोगों के नाम प्रकाश में आए उनके संबंध में जानकारी जुटाई गई। साथ ही उनसे संपर्क करने वाले कई लोगों से जानकारी जुटाई गई। पता चला कि अब तक वे कई लोगों को ठग चुके हैं।
चार आरोपियों को किया गिरफ्तार
पुलिस ने बताया कि इस प्रकरण में मुख्य आरोपी साहिल गोयल पुत्र देवेन्द्र गोयल निवासी ग्राम हांसी जिला हिसार हरियाणा है। जो वर्तमान मे ढकोली पंजाब में रह रहा था। उसे पीर मुछला रोड ढकोली पंजाब से गिरफ्तार किया गया। उसके साथ ही धोखाधड़ी में लिप्त नवीन गुणपाल पुत्र ईश्वर सिह गुणपाल निवासी ग्राम जाडंली कला थाना फतियाबाद हरियाणा हाल निवासी ढकोली पंजाब को भी गिरफ्तार किया गया।
पुलिस ने बताया कि अन्य आरोपियों की तलाश में एसओजी ने मुरादाबाद, बरेली, नोएडा, दिल्ली तथा गाजियाबाद में भी दबिश दी। फिर इस जालसाजी के फर्जी सिम उपलब्ध कराने वाले दो आरोपी पवन सिह पुत्र स्व अरविन्द सिह निवासी विटौरा थाना फतेगंज पश्चिमी जिला बरेली और शरदवीर सिह पुत्र स्व प्रेमकुमार सिह निवासी मौहल्ला विटौरा थाना फतेहगंज पश्चिम जिला बरेली को उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद से गिरफ्तार किया गया ।
कपड़ों का करता था कोरोबार, फिर ऐसे मिला आइडिया
गिरफ्तार शातिर में साहिल गोयल और नवीन आपस में दोस्त हैं। उन्होंने बताया कि साहिल का हिसार हरियाणा में कपड़ों का कारोबार था। लगातार घाटा होने पर वह कर्ज में डूब गया। फिर उसके पास एक कॉल आई। इसमें लोन उपलब्ध कराने का झांसा दिया गया। उसने पुलिस को बताया कि यहीं से उसे भी आइडिया आया कि वह भी ऐसे धंधे को करेगा। फिर उसने नवीन गुणपाल को इस संबंध में अपने साथ मिलाया और लोगों को ठगने की योजना बनाई।
फिर जुटाए फर्जी सिम
पुलिस के मुताबिक लोगों को ठगने के लिए इन्हें अलग-अलग मोबाइल सिम की जरूरत पड़ी। इस पर उन्होंने अपने दोस्तों से संपर्क किया। प्रवीण कुमार पुत्र सुखवीर कुमार निवासी जिरखपुर पंजाब व मंजीत चौधरी पुत्र वेद प्रकाश चौधरी निवासी बरेली उत्तर प्रदेश, जयगंगवार पुत्र प्रमोद कुमार गंगवार निवासी सिकोवाली बरेली उत्तर प्रदेश और सोहन लाल निवासी मीरगंज जिला बरेली उत्तर प्रदेश से उन्होंने फर्जी सिम हासिल किए।
ऐसे करते थे फोन
पुलिस के मुताबिक फर्जी सिम के जरिये ये लोग लोगों को फोन कर इन्श्योरेंस पॉलिसी व लोन के सम्बन्ध में झांसा देते। ग्राहक को लोने लेने तथा बन्द इन्श्योरेन्स पॉलिसी को दोबारा चालू करने के लिए कंडिशन बतायी जाती थी। यदि कोई ग्राहक इन्श्योरेन्स पॉलिसी मे रुचि रखता तो उससे सिक्योरिटी की धनराशि बताए खाते में जमा कराई जाती।
धंधा बढ़ाने को चस्पा कराए पोस्टर
ठगी का धंधा बढ़ाने को आरोपियों ने प्रधानमंत्री योजना के तहत आधार कार्ड लोन, पर्सनल होम लोन व बिजनेस लोन उपलब्ध कराने से सम्बन्धित फर्जी पोस्टर छपवाए। इन पोस्टरों को उत्तराखंड, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश व उत्तर प्रदेश में विभिन्न सार्वजनिक स्थानों पर चिपकाया गया। इसके माध्यम से करीब 120 लोगों ने उनसे सम्पर्क किया। साथ ही उनके बताए खातों में लाखों रुपये जमा भी कराए।
कुछ दिन बाद बदल देते थे सिम
आरोपियों ने पुलिस को बताया कि जिन सिमों से हम ग्राहक से बात करते थे, वे सभी सिम फर्जी होते थे। इन फर्जी सिमो को कुछ दिन इस्तेमाल करने के बन्द कर देते थे। साथ ही अपना स्थान भी बदल देते थे। योजना भारत के अन्य राज्यों में भी इसी प्रकार के अपराधो को अंजाम देने की थी। अपनी इस योजना को अजांम देने से पहले ही हमें दून पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।