Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

March 18, 2025

रुद्रप्रयाग में 86 करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास एवं लोकार्पण, विधायक निधि की तीसरी किश्त मंजूर, जानिए सीएम की घोषणाएं

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने रुद्रप्रयाग में विभिन्न विभागों की कुल लागत 85 करोड़ 94 लाख की योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया।


मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने रुद्रप्रयाग में विभिन्न विभागों की कुल लागत 85 करोड़ 94 लाख की योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सत्ताइस करोड़ चार लाख लागत की 20 योजनाओं का लोकार्पण किया। साथ ही 52 करोड़ 30 लाख लागत की योजनाओं का शिलान्यास किया। लोकार्पण में लोनिवि की 01, पेयजल निगम की 05, ग्रामीण निर्माण निगम की 03, उत्तराखंड पेयजल निर्माण निगम की 06, विकास खंड ऊखीमठ की 01 व उत्तर प्रदेश निर्माण निगम की 04 योजनाएं शामिल है। वहीं, शिलान्यास में लोनिवि की 02, ग्रामीण निर्माण विभाग की 03, जलागम की 01, उत्तराखंड पेयजल निर्माण निगम की 01, आजीविका की 01 व उत्तर प्रदेश निर्माण निगम की 03 योजनाएं शामिल है।
काली गंगा प्रथम लघु जल विद्युत परियोजना का लोकार्पण
जनपद रुद्रप्रयाग में स्थित यूजेवीएन लिमिटेड की काली गंगा प्रथम लघु जल विद्युत परियोजना का लोकार्पण मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने किया। काली गंगा प्रथम लघु जल विद्युत परियोजना जिला रुद्रप्रयाग के उखीमठ विकासखंड में काली गंगा नदी पर कालीमठ कोटमा मार्ग पर स्थित है। उक्त परियोजना दिनांक 15-16 जून, 2013 में आई अतिवृष्टि एवं बाढ़ से क्षतिग्रस्त हो गई थी। एवं विद्युत गृह बह जाने के कारण परियोजना से उत्पादन बंद हो चुका था।
सुदूरवर्ती क्षेत्र के लिए परियोजना के महत्व को देखते हुए वर्ष 2016 में परियोजना के पुनर्निर्माण कार्य प्रारंभ किए गए। सुदूरवर्ती एवं दुर्गम क्षेत्र में होने के कारण परियोजना के निर्माण कार्य में कई बाधाओं का सामना भी करना पड़ा। अंततः परियोजना को जुलाई 2020 में सफलतापूर्वक सिंक्रोनाइज कर 33kv वितरण लाइन से जोड़ दिया गया था।
आज मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने परियोजना स्थल पर परियोजना का लोकार्पण किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता विधायक केदारनाथ श्री मनोज रावत ने की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत जी ने कहा कि  राज्य सरकार सुदूरवर्ती क्षेत्रों के विकास के लिए समर्पित है एवं विद्युत ऊर्जा हर घर तक पहुंचाने हेतु प्रतिबद्ध है।
परियोजना के बारे में जानकारी देते हुए यूजेवीएन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक संदीप सिंघल ने बताया की परियोजना से प्रतिवर्ष लगभग 26.18 मिलियन यूनिट विद्युत उत्पादन किया जाएगा।  परियोजना से उत्पादित विद्युत से आसपास के जालतल्ला, खुन्नु, कोटमा, कबील्ठा, चौमासी सहित लगभग 25 गांव की विद्युत आपूर्ति में सुधार होगा। लोकार्पण कार्यक्रम में यूजीवीएन लिमिटेड के निदेशक वित्त सुधाकर बडोनी, निदेशक परियोजनाएं सुरेश चंद्र बलूनी तथा अन्य अधिकारी एवं कर्मचारियों के साथ ही बड़ी संख्या में क्षेत्र के जनप्रतिनिधि एवं स्थानीय जनता उपस्थित रहे।


हिलांस आउटलेट का लोकार्पण
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने तिलवाड़ा स्थित गढ़वाल मंडल विकास निगम (जीएमवीएन) परिसर में हिलांस के आउटलेट का लोकार्पण किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि काश्तकारों के स्थानीय उत्पादों को वैल्यू एडेड करके हिलांस उन्हें अच्छा बाजार उपलब्ध करवा रहा है। राज्य सरकार ने स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने और स्वरोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए विकासखंडों में ‘ग्रोथ सेंटर्स’ की स्थापना की है।
बताते चलें कि उत्तराखंड में किसानों को बाजार के नए अवसर उपलब्ध कराने के लिये राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी एकीकृत आजीविका परियोजना (आईएलएसपी) ने अपनी ‘हिलांस’ नाम का ब्रांड बनाया है। ‘हिलांस’ को एक किसान हितैषी पहल के रूप में बढ़ावा दिया जा रहा है।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में गांवों को मिली कनेक्टीवीटी
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने रुद्रप्रयाग में प्रेसवार्ता में कहा कि हमारी सरकार ने कनेक्टीवीटी पर काफी काम किया है। हमारा मानना है कि सड़कें विकास की धुरी होती हैं। सड़कों से होकर ही विकास के रास्ते पर जा सकते हैं। गांवों को सड़कों से जोड़ने के लिए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना बहुत महत्वपूर्ण है। हमारी सरकार ने पीएमजीएसवाई पर विशेष रूप से फोकस किया है।
पीएमजीएसवाई के अंतर्गत उत्तराखंड राज्य में पूर्व से निर्मित मार्गों में कई स्थानों पर सेतुओं का निर्माण न होने के कारण स्थानीय ग्रामीणों को आवागमन में भारी कठिनाई होती थी। इन सेतुओं की स्वीकृति के लिए उन्होंने व्यक्तिगत तौर और पत्राचार के द्वारा भी निरंतर भारत सरकार के ग्रामीण मंत्रालय और केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से अनुरोध किया था।
मुख्यमंत्री ने कहा  कि वर्तमान में भारत सरकार द्वारा इन स्थानों पर 127 सेतुओं के निर्माण और उन पर 330 करोड़ की सैद्धांतिक स्वीकृति मिल चुकी है।  साथ ही पीएमजीएसवाई-1 के अंतर्गत पूर्व में निर्मित 121 कच्चे  मार्गों के डामरीकरण के लिए 530 करोड़ की भारत सरकार द्वारा सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान कर दी गई है।
इस तरह से स्टेज-2 के तहत 860 करोड़ की लागत के कुल 248 कार्यों के लिए सैद्धांतिक स्वीकृति भारत सरकार से प्राप्त होने से उक्त मार्गों पर पूर्व में किया गया खर्च भी सार्थक होगा और ये सड़कें पक्की बन जाएंगी। इससे ग्रामीण लोगों का आवागमन सरल होगा।


मुख्यमंत्री ने इन स्वीकृतियों के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री श्री नरेंद्र तोमर और ग्रामीण विकास मंत्रालय के समस्त अधिकारियों का आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल ही में हमें 15 वें वित्त आयोग से पीएमजीएसवाई के तहत 2322 करोड़ रूपए की की संस्तुति की गई है। आसाम के बाद पीएमजीएसवाई में उत्तराखण्ड को सर्वाधिक राशि स्वीकृत हुई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि  प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी की सरकार में वर्ष 2000 में शुरू की गई थी। अगर आंकड़ों पर गौर किया जाए तो स्पष्ट होता है कि पीएमजीएसवाई में पहले की तुलना में  हमारी सरकार के कार्य काल में कही ज्यादा काम हुआ है। वर्ष 2000 से लेकर मार्च 2017 तक राज्य में पीएमजीएसवाई के तहत 10,263 किलोमीटर लंबाई के संपर्क मार्गों की स्वीकृति मिली। इसके लिए 4001 करोड़ की राशि स्वीकृत हुई थी। इसके सापेक्ष 7,529 किलोमीटर लंबाई की सड़क मार्ग का कार्य पूरा किया गया। इस पर 2810 करोड़ की राशि खर्च हुई। जबकि स्वीकृत 1299 बसावटों के सापेक्ष 955 बसावटों को संपर्क मार्ग से जोड़ा गया।
हमारी सरकार में मार्च, 2017 से 31 दिसंबर, 2020 तक कुल 8892 किलोमीटर लंबाई की सड़क स्वीकृत हुई। इसके लिए 5308 करोड़ की राशि की स्वीकृति मिली। इसके सापेक्ष लगभग पौने चार साल में 7431 किलोमीटर लंबाई की सड़क बन चुकी है। इस पर 3209 करोड़ की धनराशि व्यय की गई। कुल स्वीकृत 573 बसावटों के सापेक्ष लक्ष्य से ज्यादा 645 बसावटों को सड़क मार्ग से जोड़ा गया। इसी वित्तीय वर्ष 2020-21 में आज की तिथि तक पीएमजीएसवाई के तहत बनने वाली सड़कों पर 822 करोड़ की राशि खर्च कर 1800 किलोमीटर लंबाई में मार्गों का निर्माण किया गया है।


सुबह किए थे मंदिर में दर्शन
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत गुरुवार की सुबह कालीमठ मंदिर में उन्होंने पूजा अर्चना की। अपने जनपद भ्रमण कार्यक्रम के तहत मुख्यमंत्री गुरुवार की सुबह 7.30 बजे कार से अगस्त्यमुनि के खेल मैदान में पहुंचें। जहां से 7.40 बजे हैलीकॉप्टर से 7.50 बजे राजकीय इंटर कॉलेज कोटमा पहुंचें। यहां से वह कार के जरिये कालीमठ पहुंचे। इस दौरान उन्होंने मंदिर में दर्शन और पूजा-अर्चना की। करीब आधा घंटा मंदिर में पूजा अर्चना के बाद वह कार्यक्रम स्थल की ओर रवाना हो गए।
विधायक निधि योजना की तीसरी किस्त की स्वीकृति
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने विधायक निधि योजना के अंतर्गत तीसरी किस्त के रूप में 52.50 करोड़ की राशि अवमुक्त करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इससे पहले पहली और दूसरी किस्त की धनराशि जारी की जा चुकी है।
गंगोत्री में बनेगा मिलन केंद्र
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सीएम घोषणा के तहत विधानसभा क्षेत्र गंगोत्री के क्षेत्र के तहत पंचगाई के मां जगदम्बा और सोमेश्वर देवता के परिसर में एक मिलन केंद्र बनाने के लिए 40.33 लाख की मंजूरी दी है।
टिहरी में पंपिग योजना में बिजली आपूर्ति की मंजूरी
मुख्यमंत्री ने टिहरी जिले की देवप्रयाग शाखा के तहत कोटेश्वर-झंडीधार पंपिग योजना में बिजली की आपूर्ति को 33/11 केवी से जोड़े जाने के लिए 49.38 लाख के विभागीय प्रस्ताव पर अविलंब कार्यवाही के निर्देश दिए हैं।
स्थानीय निकायों को पेंशन निधि
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सभी शहरी स्थानीय निकायों को चालू वित्तीय वर्ष में मार्च,21 की अंतिम मासिक किस्त के लिए देय धनराशि में से केंद्रीयित पेंशन निधि के लिए 47.90 लाख, सभी नगर निगमों के लिए 21.89 करोड़, सभी नगर पालिकाओं के लिए 21.90 करोड़, सभी नगर पंचायतों को 5.31 करोड़, व तीन गैर निर्वाचित निकायों को 11.13 लाख (कुल 49.21 करोड़) को शहरी विकास निदेशालय के निवर्तन पर रखे जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है।
कार्मिकों के लिए बनेंगे आवासीय भवन
उत्तराखंड प्राविधिक शिक्षा परिषद के तहत संयुक्त प्रवेश परीक्षा प्रकोष्ठ देहरादून में कार्यरत कार्मिकों के लिए कार्यालय परिसर में टाईप टू के 8 आवासीय भवनों के निर्माण के लिए मुख्यमंत्री ने पेयजल निगम को कार्यदायी संस्था नामित करने पर सहमति दी है।
कपकोट में निरीक्षण भवन का जीर्णोद्धार

विधानसभा कपकोटो के विकासखंड में स्थित निरीक्षण भवन के जीर्णोद्धार के लिए मुख्यमंत्री ने 29.10 लाख की मंजूरी दी है।
गढ़ी कैंट में ट्यूबवैल और ओवरहैड टैंक
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सीएम घोषणा के तहत गढ़ी कैंट क्षेत्र में ट्यूबवैल और ओवरहैड टैंक के निर्माण करने के लिए 4.13 करोड़ की स्वीकृति देते हुए 1.65 करोड़ जारी करने पर सहमति दी है।
नैनीताल मे स्नो व्यू के लिए मंजूरी
मुख्यमंत्री ने नैनीताल के नगर क्षेत्र में स्नो व्यू मे हिमालय दर्शन व्यू प्वाइंट पहुंच मार्ग, सैल्फी प्वाइंट व पार्क के सौंदर्यीकरण कार्य के लिए 18.97 लाख की स्वीकृति दी है। नैनीताल के राजकीय उद्यान रामगढ़ में जनापूर्ति के लिए पाईप व टैंक निर्माण कार्य की कुल लागत 72.80 लाख के सापेक्ष मुख्यमंत्री ने प्रथम चरण में 29.16 लाख जारी करने की स्वीकृति दी है।
दिनेशपुर मे 10 कार्यों को स्वीकृति
मुख्यमंत्री ने शहरी विकास विभाग के तहत नगर पंचायत दिनेशपुर मे 10 कार्यों के लिए 1.24 करोड़ की स्वीकृति दी है। पूरी धनराशि को जारी करने की भी मंजूरी दी है।

Website |  + posts

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page