महाभियोग में दूसरी बार भी बरी हुए पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिए राहत भरी खबर है। दूसरे महाभियोग के मुकदमे में भी उन्हें बरी कर दिया गया है। 6 जनवरी को कैपिटल हिल में हुए दंगे को लेकर महाभियोग की प्रक्रिया में सीनेट में वोटिंग हुई।
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिए राहत भरी खबर है। दूसरे महाभियोग के मुकदमे में भी उन्हें बरी कर दिया गया है। 6 जनवरी को कैपिटल हिल में हुए दंगे को लेकर महाभियोग की प्रक्रिया में सीनेट में वोटिंग हुई। इस दौरान 57 सीनेटरों ने उन्हें दोषी पाया। वहीं, 43 सीनेटरों ने उन्हें दोषी नहीं माना। ऐसे में ट्रंप को दोषी करार देने के लिए सीनेट को दो तिहाई बहुमत नहीं मिल सका। सीनेट ने 13 फरवरी को ट्रंप के खिलाफ दूसरी बार लाए गए महाभियोग प्रस्ताव पर सुनवाई पूरी करके वोटिंग की थी।
ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी के 7 सांसदों ने प्रस्ताव के पक्ष में वोट दिया। सीनेट में डेमोक्रेटिक पार्टी के 50 सदस्य हैं और उन्हें 17 रिपब्लिकन नेताओं के मतों की आवश्यकता थी।
ट्रंप ने फैसले का किया स्वागत
ट्रंप ने इस फैसले का स्वागत किया और अपने खिलाफ हुई इस कार्रवाई को -अमेरिका के इतिहास में हो रहे सबसे बड़े विचहंट का अगला चरण बताया। उन्होंने राजनीति में बने रहने और चुनावों में हिस्सा लेने की ओर इशारा देते हुए कहा कि -मेक अमेरिका ग्रेट का देशभक्त और सुंदर अभियान अभी बस शुरू हुआ है। ट्रंप व्हाइट हाउस छोड़ने के बाद से फ्लोरिडा के अपने क्लब में रह रहे हैं।
ट्रंप के वकीलों ने कार्यवाही को बताया राजनीति से प्रेरित
अमेरिकी कैपिटल (संसद भवन) में हुए दंगों के मामले में महाभियोग का सामना कर रहे देश के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के वकीलों ने सीनेट में कहा कि रिपब्लिकन नेता पर लगे राजद्रोह भड़काने के आरोप ‘सरासर झूठे’ हैं। उनके खिलाफ महाभियोग की कार्यवाही ‘राजनीति से प्रेरित’ है।
सीनेट में सुनवाई के चौथे दिन ट्रंप के वकीलों ब्रूस कैस्टर, डेविड शोएन और माइकल वान डेर वीन ने पूर्व राष्ट्रपति के पक्ष में शुक्रवार को एक-एक करके दलीलें पेश कीं। कहा कि ट्रंप कानून-व्यवस्था के कड़े समर्थक हैं। उन्होंने कैपिटल में अराजकता नहीं भड़काई। ट्रंप के वकीलों ने दावा किया कि उनके मुवक्किल के खिलाफ महाभियोग के दौरान लगाए गए आरोपों को साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं है।
ट्रंप के वकीलों ने करीब चार घंटे अपनी दलीलें दीं। इसके बाद महाभियोग की सुनवाई के दौरान जूरी का काम कर रहे सीनेटरों ने दोनों पक्षों से सवाल किए। दोनों पक्षों की दलीलें पूरी होने के बाद 100 सदस्यीय सीनेट महाभियोग की सुनवाई पर मतदान हुआ।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।