बीजेपी के आइटी सेल का पूर्व प्रमुख निकला जम्मू में पकड़ा गया आतंकवादी, फिर बीजेपी ने दी ये सफाई
आतंक फैलाने की फिराक में छिपे लश्कर के दो आतंकियों को ग्रामीणों की मदद से पकड़ा गया, उनमें से एक बीजेपी के आइटी सेल का पूर्व प्रमुख निकला। ये आतंकवादी भारी गोला बारूद के साथ पकड़े गए थे।
बता दें कि ये आतंकी रविवार की सुबह ग्रामीणों की मदद से पकड़े गए हैं। इनके पास से दो एके 47 राइफल, कई ग्रेनेड अन्य घातक हथियार और भारी मात्रा में गोलियां मिली हैं। आतंकियों को पकड़ पुलिस के हवाले करने के लिए जम्मू कश्मीर पुलिस के एडीजी मुकेश सिंह ने गांव वालों के हिम्मत की सराहना की।
वहीं, जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल ने ट्वीट कर ग्रामीणों के साहस को सलाम किया है। राज्यपाल के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से लिखा गया है कि दो मोस्ट वांटेड आतंकियों को पकड़ने वाले ग्रामीणों की बहादुरी को मैं सलाम करता हूं। आम आदमी का ऐसा संकल्प दिखाता है कि आतंकवाद का अंत दूर नहीं है। सरकार आतंकवादियों और आतंकवाद के खिलाफ वीरतापूर्ण कार्य के लिए ग्रामीणों को 5 लाख नकद इनाम देगी।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, तालिब हुसैन शाह की नियुक्ति के वक्त जम्मू-कश्मीर के भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा ने आदेश जारी किया था। इसमें लिखा था कि श्री तालिब हुसैन शाह को तत्काल प्रभाव से द्रज कोटरांका, बुढान, जिला राजौरी का नया आईटी और सोशल मीडिया प्रभारी नियुक्त किया जाता है। आतंकी तालिब हुसैन शाह की कई वरिष्ठ भाजपा नेताओं के साथ तस्वीरें भी सामने आई है, जिसमें जम्मू-कश्मीर भाजपा के अध्यक्ष रविंद्र रैना भी शामिल हैं।
तालिब हुसैन शाह को लेकर पुलिस ने कहा है कि वह पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी कासिम के लगातार संपर्क में था। शाह हाल के दिनों में राजौरी जिले में हुए ब्लास्ट के कम से कम तीन मामलों में शामिल था। इसके अलावा नागरिकों की हत्या और ग्रेनेड विस्फोटों में भी शामिल रहा है।
मामला सामने आने के बाद सफाई देते हुए भाजपा प्रवक्ता आरएस पठानिया ने कहा है कि ऑनलाइन सदस्यता की यही खामी है। बैकग्राउंड की जांच नहीं हो पाती, सीधे सदस्य बना दिया जाता है। इस तरह कोई भी भाजपा में शामिल हो जाता है। पठानिया ने ऐसी घटनाओं को भाजपा के खिलाफ साजिश बताते हुए कहा कि यह एक नया मॉडल है, जिसके तहत कोई भी पार्टी में शामिल होता है। पकड़ बनाता है और रेकी करता है। इस तरह आतंकी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को मारने की साजिश रचते हैं।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।