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November 22, 2024

कांग्रेस के पूर्व विधायक बोले- रेस्क्यू पूर्ण होने के बाद हो घटना में लापरवाही की जांच

उत्तरकाशी जिले के सिलक्यारा टनल में भूस्खलन के चलते 12 नवंबर से फंसे श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू अभियान जारी है। इस बीच उत्तराखंड कांग्रेस के दो पूर्व विधायकों में गंगोत्री के पूर्व विधायक विजयपाल सजवाण और राजपुर के पूर्व विधायक राजकुमार भी घटनास्थल पहुंचे। उन्होंने मौके पर मौजूद प्रशासनिक अधिकारियों से वार्ता की। साथ ही रेस्क्यू कार्य पर संतोष जताते हुए हर संभव सहयोग की बात कही। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने जिलाधिकारी से वार्ता की। जिलाधिकारी ने उन्हें बताया कि प्रशासनिक टीमें पूरी ताकत के साथ राहत एवं बचाव कार्यों मे लगी है। फंसे श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए हर मुमकिन कोशिश की जा रही है। इस दौरान पूर्व विधायक विजयपाल सजवाण व राजकुमार ने संयुक्त बयान मे कहा कि इस कठिन समय मे हम सब बचाव कार्यों मे प्रशासन का पूर्ण सहयोग करने के लिए प्रतिबद्ध है।सफल रेस्क्यू होने के उपरांत घटना की जाँच के लिए भी सम्बन्धित एजेंसी, विभागों की लापरवाही उजागर होनी आवश्यक है। आखिर जो 40 जिंदगी टनल मे कैद है उनके इस हाल के लिए कोई तो जवाबदेह होना जरूरी है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इस दौरान टनल मे फंसे कर्मियों के परिजनों से भी उन्होंने बातचीत की व उन्हे ढाढ़स बंधाया। इस कठिन समय में हम टनल में फँसे श्रमिकों के परिजनों के साथ मज़बूती से खड़े हैं। ईश्वर जल्द से जल्द इन्हे बाहर निकालने मे मदद करें। इस अवसर पर पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष शूरवीर रांगड़ , जिला पंचायत सदस्य प्रदीप कैंतुरा आदि मौजूद रहे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

पूर्व मंत्री ने लगाए बीजेपी सरकार पर गंभीर आरोप
उत्तरकाशी के सिल्क्यारा टनल में 40 मजदूरों के फंसे होने की खबर पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष करन माहरा के निर्देश पर पूर्व मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी के नेतृत्व में कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने घटनास्थल का दौरा किया। घटनास्थल का दौरा पूर्ण करने के उपरान्त मंत्री प्रसाद नैथानी ने कांग्रेस मुख्यालय देहरादून में पत्रकार वार्ता कर भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाये। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

पत्रकार वार्ता में मंत्री प्रसाद नैथानी ने कहा कि टनल की जो स्थिति है, वह भयावह है। भाजपा सरकार हवा में हाथ पैर मार रही है। कोई सटीक प्लान मजदूरों को निकालने के लिए सरकार के पास नहीं है। इसका जीता जागता उदाहरण यह है कि दीपावली के दिन से अभी तक मजदूर वहां फंसे हुए हैं। एक एक पल उनके जीवन के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकता है। उसके बावजूद भी केवल सरकार बयानबाजी तो कर रही है। अभी तक मजदूरों को बाहर नही निकाल पाई है। हम सबकी चिंता यह है कि मजदूर जल्द से जल्द टनल से सुरक्षित बाहर निकले। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

मंत्री प्रसाद नैथानी ने कहा कि यह कोई पहली घटना नहीं है कि उस टनल में वहां पर मलबा आया हो। वहं पहले भी तीन बार इस तरह की छोटी घटनाएं हो चुकी थी। फिर भी पहले से प्रोटेक्शन के काम क्यों नही किए गये। टनल बनाने के पूर्व टनल का सेफ्टी ऑडिट हुआ तो उसकी मॉनिटरिंग क्यों नहीं हुयी। कार्यदायी संस्था ने मॉनिटरिंग में लापरवाही क्यों बरती और निर्माण एजेंसी को निर्माण की गुणवत्ता एवं सिक्योरिटी प्वाइंट पर लापरवाही और मनमानी क्यों करने दी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि निर्माण की गुणवत्ता पर पहले से ही सवाल उठ रहे थे तो उन सवालों को नजर अंदाज क्यों किया गया। वहां काम कर रहे मजदूरों को दीपावली जैसे राष्ट्रीय त्योहार पर छुट्टी क्यों नही दी गयी। कई गम्भीर सवाल हैं, जो स्थानीय जनता व मजदूरों के परिजन उठा रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

मंत्री प्रसाद नैथानी ने कहा कि जिस कंपनी को इस टनल का काम दिया गया है, वह पहले से ही विवादित कम्पनी है। महाराष्ट्र में इस कंपनी पर गंभीर आरोप हैं। कम्पनी पर जांच भी चल रही है। फिर भी उसको टनल का काम सौंपा गया। जिस कम्पनी को टनल के निर्माण का ठेका मिला हुआ है, उसने भी काम आगे सबलेट किया हुआ है, जो निर्माण कम्पनी अब वहां काम कर रही है, बताया जा रहा है वह कंपनी ऋषिकेश, कर्णप्रयाग रेल लाईन में भी टनल निर्माण का कार्य कर रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि सिल्क्यारा उत्तरकाशी टनल में जिस तरीके का घटिया निर्माण हुआ है, उससे आंशकाएं खडी हो गयी है कि कहीं ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल लाइन के टनल निर्माण में भी अनियमितता न बरती गयी हों। उत्तराखण्ड में बन रही सभी टनलों का दोबारा से सेफ्टी ऑडिट होना चाहिए। जिससे पता लगाया जा सके कि ये टनलें मानकों के अनुसार बनी हैं इन निर्माण सामग्री की गुणवत्ता से कोई छेड़छाड़ हुई है या नहीं हुई है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

मंत्री प्रसाद नैथानी ने कहा कि वहां पर राहत और बचाव के काम में लगी हुयी सभी एजेंसियां और जिला प्रशासन पूरी कोशिश कर रहा है कि मजदूरों को किसी तरह सुरक्षित बाहर निकाला जाए। दूसरी और प्रदेश सरकार इस प्रकरण पर गम्भीर नजर नही आ रही है। क्योंकि अभी तक न तो वहां जिले के प्रभारी मंत्री पहुंचे हैं, ना ही आपदा प्रबंधन मंत्री ने वहां पर कैंप किया है। हां मुख्यमंत्री वहां जरूर पहुंचे थे, उन्होंने भी जिला प्रशासन पर सारी जिम्मेदारी छोड़ दी। फिर स्वयं मध्य प्रदेश चुनाव में चले गये। इससे साबित होता है कि प्रदेश सरकार इस घटना पर कितनी गंभीर है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की लापरवाही के कारण ही इतने दिन से मजदूर वहां फंसे हैं। वे ज़िन्दगी और मौत से जुझ रहे हैं। अब उनके परिजनों का धैर्य भी जवाब देने लगा है। मंत्री प्रसाद नैथानी राष्ट्रपति से अपील की कि हमारा सरकार से भरोसा उठ गया है अतः आप स्वंय मामले का संज्ञान लेकर मजदूरों की प्राण रक्षा के लिए सरकार को निर्देश दें। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

पत्रकार वार्ता में प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष संगठन एवं प्रशासन मथुरा दत्त जोशी, प्रदेश प्रवक्ता शीशपाल सिंह बिष्ट, प्रदेश अध्यक्ष के मीडिया सलाहकार अमरजीत सिंह, प्रदेश प्रवक्ता राजेश चमोली उपस्थित रहे।
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