पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दून में बेरोजगार युवाओं पर लाठीचार्ज के लिए मांगी माफी, कांग्रेस ने कसा तंज
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने देहरादून में प्रदर्शन कर रहे बेरोजगार युवाओं पर हुए लाठीचार्ज को लेकर सार्वजनिक रूप से माफी मांगी। त्रिवेंद्र सिंह रावत पौड़ी जिले के श्रीनगर गढ़वाल में किसी कार्यक्रम के सिलसिले में पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने पेपर लीक के मामलों को भी दुर्भाग्यपूर्ण बताया। साथ ही नकल कानून की तारीफ की और केंद्रीय बजट को विकास का बजट बताया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
श्रीनगर में अदिति केंद्र सभागार में आयोजित कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत कार्यकर्ताओं से कहा कि निष्ठावान और समर्पित पार्टी कार्यकर्त्ताओं के दम पर ही भाजपा विश्व की सबसे बड़ी पार्टी है। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री के नाते दून में बेरोजगार युवाओं पर हुए लाठीचार्ज के लिए माफी मांगी। पेपर लीक मामले को बहुत दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने इस मामले में तत्काल प्रभाव से कार्रवाई कर आरोपितों को जेल भेज दिया है। प्रदेश में अब देश का सबसे सख्त नकल कानून भी लागू हो चुका है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पत्रकारों से बातचीत में पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत बजट को देश का चहुंमुखी विकास करने वाला बहुत संतुलित बजट बताया। साथ ही कहा कि विक्टोरिया क्रास विजेता दरबान सिंह की ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक रेल चलाने की कल्पना को देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा ही पूरा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के पहाड़ी भू भाग में रेल चलाने का सपना प्रधानमंत्री मोदी के कारण ही आज सच होता जा रहा है। ऋषिकेश से कर्णप्रयाग रेल लाइन का पहाड़ की जनता का सपना अब बहुत जल्दी साकार भी होने जा रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ये था प्रकरण
गौरतलब है कि उत्तराखंड में भर्ती परीक्षा घोटालों की जांच सीबीआइ से कराने, जांच के बगैर भर्ती परीक्षा ना करने की मांग को लेकर बेरोजगार संघ ने आठ फरवरी को गांधी पार्क देहरादून में धरना दिया था। इसी रात पुलिस ने कुछ आंदोलनकारियों को जबरन उठाया। इससे अगले दिन आंदोलनकारी भड़क गए और देहरादून में गांधी पार्क के समक्ष हजारों युवा एकत्र हो गए। इस दौरान युवाओं और पुलिस की झड़प हुई। इस बीच पथराव और लाठीचार्ज भी हो गया। साथ ही बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बॉबी पंवार सहित कई आंदोलनकारियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया। इन सभी को 15 फरवरी को जमानत मिल गई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
युवाओं से मांग रहे माफी, गैरसैण में मातृशक्ति पर लाठीचार्ज पर रहे मौनः गरिमा मेहरा दसौनी
पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के देहरादून में धामी सरकार के बेरोजगारों पर किए गए लाठीचार्ज पर माफी मांगने वाले बयान पर उत्तराखंड कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने तंज कसा है। दसोनी ने कहा कि त्रिवेंद्र रावत जी की अंतरात्मा आज अचानक कैसे जाग गई या फिर इस बयान का मतलब किसी पर अप्रत्यक्ष चोट करना है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दसौनी ने कहा कि त्रिवेंद्र का बयान चौंकाने वाला है क्योंकि जब त्रिवेंद्र रावत सूबे के मुख्यमंत्री थे तो गैरसैण में मात्र एक सड़क चौड़ीकरण की मांग को लेकर 90 दिनों से ज्यादा आंदोलनरत मातृशक्ति पर दिसंबर की ठंड में वाटर कैनन छोड़े गए। साथ ही लाठीचार्ज किया गया। उस वक्त चौतरफा घिरने के बाद भी त्रिवेंद्र रावत ने प्रदेश की जनता और मातृशक्ति से अपनी करनी के लिए कोई क्षमा नहीं मांगी। उल्टे वह धृतराष्ट्र की तरह चुप्पी साध कर बैठ गए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दसोनी ने भाजपा सरकार पर हमला बोलते हुए कहा की भाजपा की सरकार लाठीचार्ज सरकार का पर्याय बन गयी है। दसोनी ने कहा कि भाजपा राज में तानाशाही और नादिरशाही अपने चरम पर है। यह उत्तराखंड राज्य की विडंबना ही है कि प्रदेश की जनता ने भूतो ना भविष्यति इतना बड़ा बहुमत भाजपा को एक बार नहीं दो बार दिया, परंतु बदले में भाजपा ने जनता को लाठियां सौगात में दी हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दसौनी ने कहा कि इसमें कोई दो राय नहीं है की भारतीय जनता पार्टी जब जब सत्ता में आती है तो लोकतंत्र की हत्या करते हुए दमनकारी नीति का सहारा लेती है। पहले से ही शोषित पीड़ित और परेशान जनता पर लाठी चार्ज करने का काम करती है। चाहे मातृशक्ति आंदोलन करें या युवा, समाज का कोई भी वर्ग कोई भी आंदोलन अपनी खुशी से नहीं करता जब चारों तरफ दरवाजे बंद हो जाते हैं तब लोगों को सड़कों पर उतरना पड़ता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने त्रिवेंद्र सिंह रावत के बयान पर व्यंग करते हुए कहा की आज त्रिवेंद्र रावत स्वयं को जिम्मेदार नागरिक भी कह रहे हैं और पूर्व मुख्यमंत्री के तौर पर अपनी सफाई भी दे रहे हैं। शायद वह अपने पुराने दिन भूल गए, जब युवाओं को न नौकरी मिल रही थी, न स्वरोजगार के कोई अवसर थे। साथ ही बेरोजगारों के घाव पर नमक छिड़कने के लिए समय-समय पर बस समाचार पत्रों में मात्र नौकरियों की खबरें छपा करती थी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि कोरोनाकाल में चार लाख से ज्यादा युवा रिवर्स पलायन करके प्रदेश में पहुंचे त्रिवेंद्र रावत उनका विश्वास भी जीत पाने में सफल नहीं हुए और करो ना समाप्त होते ही वह सभी युवा उत्तराखंड छोड़कर लौट गए। दसौनी ने कहा दरअसल भारतीय जनता पार्टी का यही चाल चरित्र चेहरा है। इनके हाथी के दांत खाने के और हैं और दिखाने के दूसरे हैं। सत्ता पाते ही अहंकार और हनक भाजपाइयों के सर चढ़कर बोलती है और यह स्वयं को भगवान समझने लगते हैं। दसोनी ने कहा कि भाजपाइयों को गलतफहमी नहीं पालनी चाहिए। आने वाले निकाय चुनाव में और लोकसभा के आम चुनाव में जनता अपने ऊपर हुए महंगाई बेरोजगारी जैसे एक-एक प्रहार का और युवा अपने हर घाव का बदला लेगा।

Bhanu Prakash
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भानु बंगवाल
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।