पूर्व सीएम हरीश रावत ने की राजनीतिक चीरफाड़, नए सीएम को बताया नाइट वाचमैन, दी सलाह, बोले-अंतिम अवसर, खोलें घोषणा पत्र
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने आखिरकार राजनीतिक चीरफाड़ कर दी। जिसकी घोषणा उन्होंने उत्तराखंड के नए सीएम का नाम तय होने पर की थी।
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने आखिरकार राजनीतिक चीरफाड़ कर दी। जिसकी घोषणा उन्होंने उत्तराखंड के नए सीएम का नाम तय होने पर की थी। उत्तराखंड में संवैधानिक अस्थिरता का हवाला देकर तीरथ सिंह रावत ने सीएम पद से इस्तीफा दो जुलाई को दे दिया था। इसके बाद तीन जुलाई को खटीमा विधायक पुष्कर सिंह धामी का नाम विधायक दल नेता के रूप में तय किया गया। इस पर हरीश रावत ने उसी दिन सोशल मीडिया पर अपनी पोस्ट डाली। इस पर धामी को बधाई दी थी, साथ ही सीएम के सपने संजोए हुए कांग्रेस से बगावत कर भाजपा में गए विधायकों पर भी निशाना साधा था।तब हरीश रावत ने लिखा था कि-भाजपा के मुख्यमंत्री चयन का सीन नाटकीय तरीके से समाप्त हुआ। कुछ लोगों के लिए अंगूर हमेशा-हमेशा के लिए खट्टे हो गये हैं। खुशी है एक किसान का बेटा Pushkar Singh Dhami जी राज्य के मुख्यमंत्री बने हैं। उनको बहुत-बहुत बधाई। आज शुभकामना देने का दिन है। कल मैं इस सारे घटनाक्रम की राजनैतिक चीर-फाड़ करूँगा। मगर आज केवल-केवल पुष्कर धामी जी को बधाई देता हूं। उनके जीवन में यह बड़ा क्षण है।
फिर कर दी राजनीतिक चीरफाड़
इसके बाद हरीश रावत ने कल लिखा कि-उत्तराखंड के नये मुख्यमंत्री जी को मैं कल ही बधाई दे चुका हूं। आज उन्हें एक सलाह देना चाहता हूं। उनके पास और उनकी पार्टी के पास यह अंतिम अवसर है कि वो 2017 के अपने चुनावी घोषणा पत्र को खोलें। क्योंकि मुझे नहीं लगता है कि पहले के दोनों माननीय मुख्यमंत्री, चुनावी घोषणा पत्र को खोल पाए! यदि Pushkar Singh Dhami जी चुनावी घोषणा पत्र को खोल लेते हैं तो उन्हें एक अच्छा विद्यार्थी माना जाएगा।
उन्होंने कहा कि-जिस राज्य में बेरोजगारी की वृद्धि दर 23.30 प्रतिशत पहुंच गई हो, कोरोना की दूसरी लहर में हॉस्पिटलों ने किस तरीके से अंडर रिर्पोटिंग की है, उसकी कहानियां छप रही हों, जहां कुंभ के दौरान कोरोना टेस्टिंग का एक शर्मनाक घोटाला हो गया हो, विकास कार्य ठप पड़े हुये हों, अपराधों की वृद्धि दर सर्वाधिक हो, उस राज्य के नवागंतुक मुख्यमंत्री जी के लिए बहुत सारी चुनौतियां हैं।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पर साधा निशाना
हरीश रावत ने आगे लिखा कि- मगर एक सलाह और भी मैं उनको देना चाहूंगा कि वो इस मामले में अपने प्रदेश अध्यक्ष के झूठ को उत्तराखंड के नौजवानों के सामने न परोसें। उन्होंने एक झूठ परोसा है कि 7 लाख लोगों को नौकरियां दी हैं। मैं समझता हूं कि इतना लंबा झूठ बोलने का रिकॉर्ड और किसी के नाम पर नहीं होगा। यह संख्या केवल कुछ दर्जनों तक सीमित है।
नौकरियों पर उठाए सवाल
हरीश रावत के मुताबिक-मेरे 3 साल के कार्यकाल में 32 हजार लोग राजकीय सेवाओं में किसी न किसी रूप में कार्यरत हुये। आज यह संख्या भाजपा के राज में 320 तक भी नहीं पहुंच पाई है। 2 शून्य (00) गायब हो गए हैं। नौजवान छटपटा रहा है। हमारे समय में जो अधियाचन हुए थे, वो अधियाचन सब रोक दिए गए हैं। जो परीक्षाएं हुई हैं उन परीक्षाओं के रिजल्ट घोषित नहीं हो रहे हैं। कुछ जगह यदि परीक्षाएं हुई हैं और रिजल्ट निकले हैं तो पोस्टें सीजड कर दी गई हैं। अर्थात कम कर दी गई हैं। जैसे विद्युत विभाग में।
नाइट वाचमैन कहकर की ये उम्मीद
हरीश रावत लिखते हैं कि- यदि पुष्कर धामी इन असंगतियों को भी ठीक कर दें, क्योंकि उनसे अब बड़ी उम्मीद करना उनके ऊपर ज्यादती होगी। क्योंकि भाजपा का रिकॉर्ड रोजगार देने का है ही नहीं। फिर भाजपा के ही कुछ साथी उनको नाइटवॉचमैन बताते नहीं थक रहे हैं। मैं कल से उत्तराखंड में कुछ सुगबुगाहटें सुन रहा हूं। मेरी चिंता यह नहीं है कि भाजपा के अंदर क्या होता है। उनका नाइटवॉचमैन बिना रन बनाए आउट होता है या कुछ देर टुक-टुक करता है। बल्कि मेरी चिंता यह है कि उत्तराखंड को किस बात का दंड दे रही है! अपार बहुमत देने का?
संकल्प शक्ति है तो लिए जाते हैं निर्णय, दिया अपना उदाहरण
कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत ने कहा कि-मैं पुष्कर सिंह धामी जी से कहना चाहूंगा कि मुख्यमंत्री, मुख्यमंत्री होता है, वो कितनी ही अवधि का मुख्यमंत्री हो। यदि उसमें निर्णय लेने की संकल्प शक्ति है तो निर्णय लिए जाते हैं। मैंने सर्वाधिक निर्णय उस दौर में लिए जब मेरी सरकार पर केंद्र सरकार ने राजनैतिक अस्थिरता थोप दी थी। एक तरफ न्यायालय में मुकदमे लड़ रहे थे और दूसरी तरफ जनता के हित के लिए जिस दिन भी वक्त मिल रहा था। उस दिन फैसला कर रहे थे। जिस दिन मैं 1 दिन के लिए मुख्यमंत्री की कुर्सी पर आसीन हुआ। मैंने एक दर्जन जन कल्याणकारी निर्णय लिए और उनको लागू करवाया।
भाजपा का नहीं है ऐसा रिकॉर्ड
हरीश रावत आगे लिखते हैं कि-इसलिए भाजपा में तो किसी मुख्यमंत्री का ऐसा रिकॉर्ड नहीं है। वो हमारा रिकॉर्ड खंगाल लें और उस रिकॉर्ड में उनको बहुत सारे उदाहरण मिल जाएंगे कि निर्णय कैसे लिए जाते हैं। मेरा किसी भी भाजपाई के साथ कोई सॉफ्ट कॉर्नर नहीं रहता है, लेकिन नौजवान के साथ जरूर सॉफ्ट कॉर्नर है। एक नौजवान को मौका मिला है तो मैं चाहता हूं कि वो नौजवान थोड़ा सा ही सही, कुछ तो चमक दिखाएं। यदि कुछ भी चमक नहीं दिखा पाया तो हजारों-हजार उत्तराखंड के नौजवानों को घोर निराशा होगी।
नौकरी पर घेरा बीजेपी को
इसके कुछ ही घंटों के बाद हरीश रावत ने सोशल मीडिया में दूसरी पोस्ट नौकरी को लेकर की। उन्होंने लिका कि-युवाओं को नौकरी देना तो दूर BJP Uttarakhand सरकार तो मुख्यमंत्री का पद भरने में भी पशोपेश में रही है। जिस बेपटरी हुई डबल इंजन सरकार से कभी अपना घर नहीं संभला, वो युवाओं, महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों की समस्याओं पर क्या काम करती? अब इन ठगाधिपतियों को ख्योंतार जस भजाणो बख्त ऐ गो।





