नमक सत्याग्रहः भाजपाई उलझे नेतृत्व परिवर्तन में, हरीश रावत ने पदयात्रा निकाल आजादी के दीवानों को किया नमन
आजादी की 75 वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आज से समूचे देश भर में कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। वहीं, आज 12 मार्च को महात्मा गांधी ने नमक सत्याग्रह के तहत 1930 में दांडी यात्रा की शुरुआत की थी। सरकारी कार्यक्रम के तहत देहरादून में भी मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने पवेलियन ग्राउंड देहरादून में अमृत महोत्सव का शुभारंभ किया। वहीं, भाजपाई आज नए प्रदेश अध्यक्ष के स्वागत, मंत्रिमंडल के शपथ ग्रहण समारोह में उलझ कर रह गए। इसके इतर पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत ने नंदा की चौकी, पौंधा व खाराखेत गांव तक पदयात्रा निकाली।
आज ही भाजपा में बंशीधर भगत के स्थान पर मदन कौशिक को उत्तराखंड का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है। वहीं, मुख्यमंत्री बदलने के बाद तीरथ सिंह रावत के मंत्रिमंडल के सदस्यों ने आज ही शपथ ग्रहण की। ऐसे में भाजपाई उत्तराखंड में नए प्रदेश अध्यक्ष के स्वागत, नए मंत्रिमंडल के स्वागत में ही उलझ कर रह गए। वहीं, उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने पदायात्रा निकाली और आजादी के दीवानों का नमन किया।
देहरादून में खाराखेत गांव में ब्रिटिश सामराज्य के दौरान नमक सत्याग्रह आंदोलन हुआ था। हरीश रावत ने सत्याग्रह स्थल तक पदयात्रा कर महात्मा गांधी को नमन किया। उन्होंने नमक सत्याग्रह के स्मारक स्थल पर स्वतंत्रता आन्दोलन में अपने प्राणों की आहूति देने वालें शहीदों को याद करते हुए अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। साथ ही सर्वोदय आन्दोलन से जुड़े लोगों को सम्मनित किया।
महात्मा गांधी की डांडी यात्रा के दौरान के यहां के आन्दोलनकारी खड़क बहादुर बिष्ट व ज्योतिराम काड़पाल भी शामिल थे। उन्होने देहरादून के खारा खेत में नमक बनाकर ब्रिटिश हुकूमत को चुनौती दी थी। राजधानी से महज 18 किलोमीटर दूर इस गांव के लोगों ने भी नमक सत्याग्रह में अपना अभूतपूर्व योगदान दिया था। जहॉ महात्मा गांधी के नमक सत्याग्रह की यादें बरकरार है।
यहां नून नदी के नमकीन पानी से आजादी के मतवालों ने वर्ष 1930 में नमक बनाकर ब्रिटिश हुकूमत को चुनौती दी थी। यहा बने स्मारक को हरीश रावत कार्यकाल पर्यटन विभाग ने संजोया है। वर्ष 1930 में महात्मा गांधी के नेतृत्व में आजादी के दीवाने देशभर में नमक कानून तोड़ने के लिये एकजुट हो रहे थें।
20 अप्रैल की दोपहर अखिल भारतीय नमक सत्याग्रह समिति के बैनर तले महावीर त्यागी व साथियों की अगुवाई में आजादी के मतवाले खाराखेत में एकत्रित हुए और नमक बनाकर ब्रिटिश हुकूमत को चुनौती थी। उन्होने पुरानी यादों का स्मरण करते हुए बताया कि आन्दोलनकारियों ने वहां साम मई 1930 तक छह टोलियों में नून नदी पर नमक बनाया और फिर शहर के टाउन हॉल में बेचते हुए गिरफ्तार हुए।
इस मौके पर पूर्व मुखमंत्री हरीश रावत ने अपने कार्यकाल में खाराखेत में कराये गये कई कार्यो को भी गिनाया। खाराखेत में जिस स्थान पर नमक कानून तोड़ा गया था। वहां मौजूद महात्मा गांधी के स्तम्भ पर इन सभी स्वतंत्रता सेनानियों के स्मारक पर उन्होने पुष्प भी अर्पित किये। पदयात्रा में सर्वोदय मंड़ल से कुसुम रावत, देवेन्द्र बहुगुणा, अशोक नारंग, विजय शंकर शुक्ला, इंदु शुक्ला, हरवीर कुशवाह व वरिष्ठ कांग्रेस नेता शंकर चंद रमोला, आजाद अली, विनोद चौहान, गुलजार, राकेश नेगी, लक्ष्मी अग्रवाल, ग्राम प्रधान सुमन, राजीव जैन, सुशील राठी, प्रीत ग्रोवर, संग्राम सिंह पुण्ड़ीर, व अन्य सैकड़ों साथी मौजूद रहे।
बहुत अच्छा, हरीश रावत जिंदाबाद, कांग्रेस जिंदाबाद