Video: कैमरा, एक्शन, मंत्रीजी का स्टंट और ड्रामा, सड़क किनारे की आग नहीं देख रहा आपका विभाग, वीडियो हुआ वायरल
इन दिनों उत्तराखंड के जंगल आग से धधक रहे हैं। अब देखो वन विभाग जो लाचार है। आग बुझाने के पर्याप्त संसाधन नहीं होने से केंद्र सरकार ने वायु सेना के दो हेलीकॉप्टर आग बुझाने के लिए भिजवाए। दोपहर बाद मौसम अनुकूल न होने के कारण टिहरी में हेली ऑपरेशन रोक दिया गया। इसी तरह उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्र के हर जिलों में जंगल आग से धधक रहे हैं।
आग की स्थिति ऐसी है कि जंगल तो क्या सड़क किनारे भी आग लगी है। पांच अप्रैल को ऐसा ही एक ड्रामा देखने को मिला। रुद्रप्रयाग जिले से पौड़ी के कोटद्वार की तरफ जा रहे वन मंत्री हरक सिंह रावत को अचानक श्रीनगर के एसएसबी फाय रेंज की तरफ सड़क किनारे जंगल में आग नजर आई। बस मंत्री क्या करना था। सड़क किनारे लगी आग को काबू न करने के लिए विभाग को सूचित किया जाना था। वह तो खुद कार से उतर गए।
यहां से शुरू हुआ ड्रामा
अब मंत्री आग वाले स्थान तक पहुंचना चाहते थे। जो सड़क से कुछ ऊंचाई पर पहाड़ी में था। वहां तक पहुंचने का कोई रास्ता नहीं था। ऐसे में सुरक्षा कर्मी मंत्री को नीचे से ऊपर की ओर धकियाते हुए पहाड़ी में चढ़ाने का प्रयास कर रहा है। पहाड़ी पर चढ़ा ऊपर से एक व्यक्ति हाथ पकड़कर मंत्री को अपनी तरफ खींच रहा है। आसपास आग लगी है। पर मंत्री का वीडियो बनना जारी है। इसी मीडिया में जो देना है। यहां मंत्रीजी ने लंबा कुर्ता पहना है। जो आग से छोटे से तिनके से धधक सकता है।
ऊपर चढ़कर जीती जंग और हुए शुरू
अब मंत्री ऊंचाई वाले स्थान पर चढ़ जाते हैं। वहां टहनी लेकर आग को बुझाने में जुट जाते हैं। आग बुझी या नहीं बुझी इसका वीडियो नहीं है। बस मंत्री आग पर पेड़ की टहनी से बार बार वार कर रहे हैं। जैसे किसी जंग में दुश्मन पर हमला किया जाता है। जितनी देर मंत्री को ऊपर चढ़ाने में की गई, यदि उतनी देर दमकल कर्मियों को बुलाकर आग बुझाई जाती तो दूर तक जंगल की आग बुझ सकती थी। साथ ही मंत्री के नीचे गिरने, घायल होने और आग की चपेट में आने का भय रहता।
इसके बाद ये वीडियो मीडिया के साथ ही तेजी से वायरल होने लगा। वाहवाही शुरू हो गई। अब देखा जाए तो हमारा वन महकमा इतना लाचार है कि सड़क किनारे लगी आग को ही काबू नहीं कर रहा है। ऐसे में समझा जा सकता है कि जंगलों में आग किस कदर फैली है। इस दौरान उन्हेंने कहा कि ऐसी घटनाओं के दौरान वन विभाग के अधिकारियों को नेतृत्व करना दिखना चाहिए। कहा कि जंगलो में आग की घटनाओं को देखते हुए पहले ही विभाग के वन संरक्षक व डी एफओ को निर्देश भी दिए गए है।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।
मंत्री जी की बेतुकी हरकत