वन विकास निगम कर्मचारी संघ को सरकार से बंधी आस, सात अप्रैल को होगी बैठक
उत्तराखंड वन विकास निगम कर्मचारी संघ के मांग पत्र को वन एवं पर्यावरण मंत्री हरक सिंह रावत ने गंभीरता से लिया और सात अप्रैल को संघ के साथ निगम के अधिकारियों व शासन की बैठक बुलाई है।
उत्तराखंड वन विकास निगम कर्मचारी संघ को अब लंबित मांगों को लेकर सरकार से आस बंधी है। संघ के मांग पत्र को वन एवं पर्यावरण मंत्री हरक सिंह रावत ने गंभीरता से लिया और सात अप्रैल को संघ के साथ निगम के अधिकारियों व शासन की बैठक बुलाई है।
संघ अध्यक्ष बीएस रावत के मुताबिक संघ ने मुख्यमंत्री को मांग पत्र दिया था। इस पर मंत्री ने बैठक में विचार करने के लिए संघ पदाधिकारियों के साथ ही प्रमुख सचिव वन, सचिव वित्त, प्रबंध निदेशक वन विकास निगम को बैठक के निर्देश दिए। बैठक सात अप्रैल को चार बजे अरण्य विकास भवन मे होगी।
उन्होंने बताया कि शासन स्तर पर 6नवम्बर 20 को मुख्यसचिव की अध्यक्षता मे पांच बिन्दुओं पर सकारात्मक कार्रवाई करने पर सहमति बनी थी। इसके बावजूद मांगों को लेकरशासन स्तर पर हीला हवाली के कारण समस्याएं यथावत बनी हुई है। फाईले वित्त विभाग और वन अनुभाग के बीच फंसी हुई है ।
उन्होंन बताया कि सं घ की ओर से प्रमुख मांगों में ऑडिट के नाम पर हो रहे उत्पीड़न को रोकने, यात्रा भत्ता ( वाहन भत्ता) देने, दो बर्ष दैनिक सेवा का लाभ, एसीपी गणना मे किया जाना, उत्तर प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम 2000 के तहत उत्तर प्रदेश से हस्तांतरित कार्मिको के हित लाभ यथावत रखने, न्यायालय के अनुसार 1991 से वरिष्ठता का लाभ देने, चतुर्थ श्रेणी से स्केलर पद पर शासनादेशो के अनुरूप प्रोन्नति, 15-20 बर्षों से दैनिक कुकों को नियमित किया जाना, सेवानिवृत्त हो रहे कार्मिकों के देयको का भुगतान, लंबे समय से आउट सोर्सिंग के माध्यम कार्यरत कार्मिको को सामाजिक सुरक्षा के तहत नियमित कियाजान, सेवारत एंव सेवानिवृत्त कार्मिकों को राज्य कार्मिको की भांति गोल्डन कार्ड के तहत राज्य स्वास्थ्य योजना का लाभ की मांग हैं।
उन्होने बताया कि गत दो वर्षों से ऑडिट के नाम पर कार्मिकों पर 5 लाख से लेकर 35 लाख तक की वसूली की कार्रवाई की जा रही है। इसमें उत्तर प्रदेश से प्राप्त भत्ते पर भी आपत्ति के तहत वसूली निर्धारित की गई। महासंघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष टीएस बिष्ट ने कहा कि लगातार हो रहे उत्पीडन को कार्मिक ज्यादा दिन बर्दास्त नहीं करेंगे।