अपनाइए ये टिप्स, आपका कूलर देगा एसी जैसी ठंडी हवा, जानिए कूलर के साथ पंखा चलाना सही है या गलत
इन दिनों गर्मी अपना रूप दिखाने लगी है। गर्मी बढ़ने के साथ ही पंखों की हवा से ठंडक गायब हो जाती है। ऐसे में हम कूलर या एसी चलाने की सोचते हैं। ऐसी चलाना फिलहाल हरएक के बूते की बात नहीं होती। ऐसी चलाने में बिजली का बिल बहुत ज्यादा बढ़ जाता है और साधारण परिवार के लोगों के घर का बजट बिगड़ सकता है। ऐसे में कूलर पर ही आप एसी का मजा ले सकते हो। सिर्फ आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होगा। हम यहां आपको इसी तरह की जानकारी दे रहे हैं। क्योंकि इसे अपनाकर आपका कूलर भी ठंडी हवा देने लगेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सही कूलिंग पैड का चुनाव
कूलर में ये बात ध्यान देने योग्य है कि उसमें कौन से कूलिंग पैड का इस्तेमाल किया गया है। कूलर खरीदते वक्त यूजर्स को घार वाले कूलिंग पैड की जगह हनीकॉम्ब का इस्तेमाल करना चाहिए। दरअसल घास वाले कूलिंग पैड के मुकाबले हनीकॉम्ब ज्यादा कूलिंग देता है। हनीकॉम्ब को खासतौर पर सेलूलोस मटीरियल का बनाया जाता है। इसमें पानी सोखने की क्षमता होती है, जिससे यह बाहर की गर्म हवा को जल्दी ठंडा करता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दोनों ही पैड हैं बढ़िया, लेकिन साफ रहें
हनीकॉम्ब को 2 से 3 साल तक आराम से इस्तेमाल किया जा सकता है। इसका मेंटीनेंस भी कम होती है। वहीं घास वाली पैड में धूल जमने की वजह से इसे हर साल बदला जाता है। हॉनीकॉम को एयरवेव जैसी डिजाइन से होकर गुजरना होता है, जिससे हवा ठंडी हो जाती है। वहीं, घास वाली पैड में असमान होल्स होते हैं, जहां से हवा अंदर आती है। इससे गर्म हवा का फ्लो होती है। ऐसे में इस पैड में पर्याप्त घास होनी चाहिए। साथ ही घास पैड गंदा ना हो, तो ये भी ठंडी हवा देता है। वहीं, हनीकॉम्ब वाले पैड की कीमत काफी अधिक होती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सीधी धूप से बचाएं
हम में से ज्यादातर लोग ऐसी गलती कर बैठते हैं कि कूलर को ऐसी जगह प्लेस कर देते हैं जहां सीधी धूप पड़ती हो। ऐसा करने के कारण ही घर में लगा कूलर या फिर कोई भी अन्य कूलर ठंडी हवा का अहसास नहीं देता है। अगर आप भी चाहते हैं कि एसी की तरह आपको कूलर से भी ठंडी हवा मिलती रहे तो कूलर को ऐसी जगह पर रखें जहां सीधी धूप ना पड़ती हो। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
वेंटिलेशन सबसे जरूरी
आपके पास Desert Cooler हो या फिर Air Cooler। कूलर को ऐसी जगह पर रखें जहां वेंटिलेशन का रास्ता हो। वेंटिलेशन यदि ढंग से नहीं होगा तो आपके घर में लगा कूलर आपको एसी की तरह ठंडी हवा नहीं, बल्कि उमस भरी हवा का अहसास देगा। इसीलिए हमेशा इस बात को गांठ बांधकर रखिए कि क्रॉस वेंटिलेशन सबसे जरूरी है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कूलर के पानी में डाल दीजिए बर्फ
कूलर की ठंडक बढ़ाने के लिए कूलर की टंकी में पानी तो आप डालते ही हैं। पानी के साथ उसमें बर्फ भी डाल दीजिए। बर्फ से टंकी का पानी ठंडा हो जाएगा और जब ये ठंडा पानी पाइप से होकर कूलर के पैड्स को भिगोएगा तो हवा और ठंडी हो जाएगी। ये तकनीक उन इलाकों के लिए बेहद कारगर है जहां तापमान 45-50 डिग्री तक चला जाता है। मसलन दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, पंजाब। इस जुगाड़ से कमरा जल्दी ठंडा हो जाएगा और ठंडक देर तक बनी रहेगी। बर्फ की जगह आप ठंडा पानी या फिर आईस पैड भी कूलर की टंकी में डाल सकते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पहले मोटर, फिर पंखा
कूलर को इफेक्टिव बनाने का एक और तरीका ये है कि पानी डालने के बाद पहले कूलर का मोटर चला दें। इससे कूलर के पैड्स अच्छे से भीग जाएंगे। एक बार पैड्स के भीग जाने के बाद पंखा चला देने से कूलर से आने वाली गर्म हवा से आप बच जाएंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कूलर के साथ पंखा चलाना कितना सही
एयर कूलर और सीलिंग फैन एक साथ चलाना कुछ मामलों में फायदेमंद हो सकता है। कूलर पानी को वाष्पित करके ठंडी हवा छोड़ता है, जबकि सीलिंग फैन पूरे कमरे में ठंडी हवा प्रसारित करने में मदद करता है। दूसरी ओर, कुछ मामलों में यह देखा गया है कि यदि आपका कमरा बहुत बड़ा नहीं है और आप एक ही समय में छत का पंखा और कूलर दोनों चालू करते हैं, तो कूलर और पंखे की हवा आपस में टकराती है। ऐसे में कमरा ठंडा कम होगा। ऐसे में यह किया जा सकता है कि पंखा कम स्पीड में चलाया जाए। ताकि कूलर और सीलिंग फैन की हवा आपस में न टकराएं और हवा धीरे-धीरे पूरे कमरे में फैल जाए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
एसी या कूलर के साथ पंखा चलाते समय ध्यान रखना चाहिए कि अगर आपकी छत पर सीधी धूप पड़ती है तो पंखा चलाने से आपको कोई राहत नहीं मिलेगी, बल्कि परेशानी होगी। छत पर सूरज की रोशनी पड़ने से छत गर्म हो जाती है और छत का पंखा हवा बनाते हुए छत से गर्मी खींचता है। ऐसे में हवा गर्म महसूस होती है। अगर आप ऐसा तब भी करते हैं जब एसी चल रहा हो तो भी पंखा नहीं चलना चाहिए। हालांकि टेबल फैन का इस्तेमाल किया जा सकता है।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।