फ्लाइंग सिख मिल्खा सिंह का कोरोना से निधन, छह दिन पूर्व पत्नी के निधन की नहीं दी उन्हें जानकारी, हो गया था उन्हें आभास
कोरोना संक्रमित होने के बाद करीब एक महीने से जूझ रहे पूर्व ओलंपियन पद्मश्री मिल्खा सिंह का शुक्रवार देर रात पीजीआई चंडीगढ़ में निधन हो गया। वह 91 वर्ष के थे।
मिल्खा 20 मई को कोरोना वायरस की चपेट में आए थे। उनके पारिवारिक रसोइए को कोरोना हो गया था, जिसके बाद मिल्खा और उनकी पत्नी निर्मल मिल्खा सिंह कोरोना पॉजिटिव हो गए थे। इसके बाद उन्हें 24 मई को उन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। उन्हें 30 मई को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी। इसके बाद 03 जून को ऑक्सीजन स्तर में गिरावट के बाद उनहें पीजीआईएमईआर के नेहरू हॉस्पिटल एक्सटेंशन में भर्ती करवाया गया। गुरुवार को उनकी कोरोना की रिपोर्ट निगेटिव आ गई थी। उनकी हालत शुक्रवार शाम को ज्यादा खराब हो गई थी और बुखार के साथ आक्सीजन भी कम हो गई थी। हालांकि, गुरुवार की शाम से पहले उनकी हालत स्थिर हो गई थी। उनके परिवार में उनके बेटे गोल्फर जीव मिल्खा सिंह और तीन बेटियां हैं।
छह दिन पहले हुई थी पत्नी की मौत
मिल्खा सिंह के साथ उनकी पत्नी निर्मल कौर भी कोरोना संक्रमित हो गईं थीं। हालत गंभीर होने पर उन्हें मोहाली के निजी अस्पताल में दाखिल कराया गया था। उनकी भी हालत कई दिनों तक स्थिर बनी हुई थी लेकिन 13 जून की शाम को उनका निधन हो गया। मिल्खा सिंह और उनकी पत्नी के बीच काफी जुड़ाव था।
पत्नी की मौत के बाद परिजनों को लगने लगा था कि वे ज्यादा दिन तक जी नहीं पाएंगे, इसलिए पत्नी के निधन की खबर मिल्खा सिंह से छिपाकर रखी गई थी। परिजनों ने बताया कि दो दिन से मिल्खा सिंह पत्नी निम्मी से बात करने की जिद कर रहे थे। उन्होंने यह भी कहा था कि उनके सपने में निम्मी आ रही हैं और वे इस दुनिया चलीं गईं हैं। बता दें कि निर्मल कौर भारतीय वॉलीबाल टीम की पूर्व कप्तान थीं। साथ ही वह चंडीगढ़ के खेल निदेशक के पद पर भी रही थीं।
चार जून को प्रधानमंत्री ने पूछा था हाल
मिल्खा सिंह के पीजीआई में भर्ती होने और सेहत खराब होने की खबर के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फोन कर उनका हाल पूछा था। साथ ही उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना भी की थी। प्रधानमंत्री ने उनका हौसला बढ़ाते हुए कहा था कि अभी खिलाड़ियों को आपके मार्गदर्शन की जरूरत है। आप जल्द स्वस्थ होकर टोक्यो ओलंपिक में हिस्सा लेने वाले खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाएं।
एशियाई खेलों के चार बार स्वर्ण पदक विजेता
चार बार के एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता मिल्खा ने 1958 राष्ट्रमंडल खेलों में भी पीला तमगा हासिल किया था। उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन हालांकि 1960 के रोम ओलंपिक में था जिसमें वह 400 मीटर फाइनल में चौथे स्थान पर रहे थे। उन्होंने 1956 और 1964 ओलंपिक में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया। उन्हें 1959 में पद्मश्री से नवाजा गया था। उनके जीवन पर आधारित बॉलीवुड में-भाग मिल्खा भाग, फिल्म भी बनाई गई थी। जो काफी मशहूर हुई।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।
बहुत दुखद समाचार, ओम् शान्ति