पटाखा फूटा, दुकानदार लूटा, साढ़े पांच लाख के चालान, फोड़ने को नहीं रोक सकी पुलिस, गूंजी द्रोणनगरी
देहरादून में ग्रीन पटाखे फोड़ने की अनुमति। अनुमति भी सिर्फ दीपावली की रात आठ से दस बजे तक। प्रदेश शासन के इस अजीबोगरीब फरमान को अमल में लाना ही टेढ़ी खीर है। इस खीर पर तो एक करछी तक पुलिस नहीं चला सकी। पूरी द्रोण नगरी छोटी दिवाली की शाम पांच बजे से ही धूमधड़ाकों में गूंजने लगी। वहीं, पुलिस कर्जे में डूबी सरकार को राजस्व दिलाने के लिए चालान काटने में व्यस्त रही। इसमें पुलिस को सफलता भी मिली और देहरादून में 62 पटाखा विक्रेताओं के चालान करते हुए साढ़े पांच लाख रुपये की रकम जुटाने में सफल रही। वहीं, लॉकडाउन में बेरोजगार हुए युवक जो अब आतिशबाजी की सामग्री बेच कर कुछ कमाना चाहते थे, वे चालान के नाम पर लुटते रहे।
एनजीटी के आदेशों के अनुक्रम में उत्तराखंड में चार जिलों के छह शहरों में पटाखे प्रतिबंधित कर दिए गए हैं। प्रतिबंध दिवाली के दिन का है या हर दिन का, ये भी शासनादेश में स्पष्ट नहीं है। दो दिन पूर्व मुख्य सचिव ओमप्रकाश की ओर से जारी आदेश कहा गया है कि एनजीटी के निर्देशों के अनुरूप उत्तराखंड के चार जिलों में कोरोना और प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए आतिशबाजी के लिए दिशा निर्देश दिए गए हैं। इन जिलों में देहरादून, हरिद्वार, उधमसिंह नगर व नैनीताल शामिल हैं। इनके नगरों को शामिल करें तो देहरादून, हरिद्वार, ऋषिकेश, हल्द्वानी, रुद्रपुर, काशीपुर में सिर्फ ग्रीन पटाखे ही बेचे जा सकते हैं। इन पटाखों को फोड़ने की अवधी दीपावली की रात आठ बजे से दस बजे तक होगी। छठ पूजा के दिन सुबह छह बजे से आठ बजे तक आतिशबाजी की जा सकती है।
अन्य दिनों के लिए नहीं है कोई जिक्र
अब बात हो रही है कि क्या उत्तराखंड में अन्य दिन आतिशबाजी प्रतिबंधित है। या फिर सिर्फ दीपावली के दिन ही आतिशबाजी का समय तय है। ऐसे में हर दिन देहरादून शहर में पटाखे फूटने की आवाजें गूंज रही हैं। अब किसने पटाखा फोड़ा और क्या वो ग्रीन पटाखा था, ये भी शोध और जांच का विषय है। फिर यदि अन्य दिन प्रतिबंध था तो आदेश में स्पष्ट किया जाना चाहिए था कि दीपावली के अलावा अन्य दिन भी आतिशबाजी प्रतिबंधित रहेगी। चाहे वो राजनीतिक दलों की ओर से की जाने वाली आतिशबाजी हो या फिर शादी समारोह की आतिशबाजी।
छोटी दिवाली में जमकर हुई आतिशबाजी
हालांकि पिछले सालों की अपेक्षा इस साल छोटी दीपावली में आसमान में ज्यादा गड़गड़ाहट नहीं सुनाई दी, फिर भी ये नहीं कहा जा सकता है कि पटाखे नहीं फोड़े गए। पटाखे तो दिन में भी फूटे और रात को भी। कोई समय नहीं, कोई नियम नहीं। वहीं पुलिस को आसान टारगेट पटाखा व्यापारी नजर आए। पहले लॉकडाउन में लोग बेरोजगार हुए। अब पिछले सालों के पटाखे जमाकर यदि उन्होंने बेचने के प्रयास किए तो उन पर चालान का चाबुक चला।
देहरादून पुलिस ने काटे चालान
देहरादून पुलिस की ओर से शुक्रवार की शाम जारी प्रेस नोट में बताया गया कि आतिशबाजी के संबंध में शासन की गाइड लाइन का पालन कराने और इस पर नजर रखने के लिए पुलिस अधीक्षक लोकजीत सिंह को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया। उनके निर्देशन में आज विभिन्न थाना पुलिस ने चेकिंग अभियान चलाकर 62 दुकानदारों के चालान कर कुल साढ़े पांच लाख रुपये का जुर्माना वसूला।
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।