उत्तराखंड में भूमि विक्रय के फर्जीवाड़ा पर रोक को वित्त मंत्री डॉ. अग्रवाल ने समिति गठित करने को दी संस्तुति

उत्तराखंड में वित्त मंत्री डॉ. प्रेमचंद अग्रवाल ने भूलेख व भूमि विक्रय के मामलों में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित करने को अपनी संस्तुति प्रदान की है। यह कमेटी केस टू केस जांच करेगी। साथ ही केस का निस्तारण भी करेगी। बता दें कि पूर्व से ही गठित समिति सिर्फ जांच किया करती थी। मगर अब कमेटी को आवश्यक कार्रवाई जैसे एफआईआर की भी शक्ति प्रदान की गई है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मंत्री डॉ अग्रवाल ने बताया कि स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग के अंतर्गत जनपद देहरादून में भूमि संबंधी विक्रय विलेखों में की गई जालसाजी के प्रकरणों को ध्यान में रखते हुए तीन सदस्यीय उच्च स्तरीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन करने का निर्णय लिया गया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मंत्री डॉक्टर अग्रवाल ने बताया कि यह विशेष जांच दल द्वारा भूमि अथवा संपत्ति के विलेख पत्रों के पंजीकरण में हुई जालसाजी अथवा कूट रचना के मामलों, किसी अन्य व्यक्ति को भूस्वामी अथवा संपत्ति स्वामी दिखाकर अथवा स्वयं भूस्वामी व संपत्ति स्वामी बनकर किसी अन्य व्यक्ति की संपत्ति का अंतरण करने के लिए विलेख पत्र लिखकर धोखाधड़ी से प्रतिफल की राशि प्राप्त करने आदि के प्रकरणों की जांच की जाएगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मंत्री डॉ अग्रवाल ने बताया कि जिन प्रकरणों में अपराध होना पाया जाता है, ऐसे मामलों में जांच दल प्राथमिकी दर्ज किए जाने की संस्तुति करेगा। बताया कि इसके अलावा विशेष जांच दल उक्त प्रकरणों अथवा शिकायतों के अतिरिक्त प्राप्त प्रार्थना पत्रों का यथास्थिति मंडलाआयुक्त की अध्यक्षता में गठित लैंड फ्रॉड कमेटी अथवा संबंधित प्राधिकारियों को आवश्यक कार्रवाई हेतु प्रेषित करेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
गौरतलब है कि उत्तराखंड में आए दिनों आम जनमानस के साथ भूलेखों में छेड़छाड़ कर फर्जीवाड़ा के मामले सामने आते रहे हैं और सामाजिक तत्वों द्वारा इस तरह की गतिविधियों को अंजाम देकर आम जनता की मेहनत की कमाई को हड़प लिया जाता है। इस समस्या के निराकरण के लिए पारदर्शी व्यवस्था स्थापित करने के लिए तीन सदस्य कमेटी गठन करने का निर्णय लिया गया है। जिस पर वित्त मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने अपनी संस्तुति दी है।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।