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November 10, 2024

बुलडोजर का डरः सड़क पर उतरा मलिन बस्तियों का सैलाब, 30 जून तक हल नहीं हुआ तो सीएम आवास कूचः धस्माना

उत्तराखंड के देहरादून में 27 मलीन बस्तियों में 524 घरों पर बुलडोजर का भय सता रहा है। इसका कारण रिस्पना नदी किनारे रिवर फ्रंट योजना की तैयारी है। ये भवन नगर निगम की जमीन के साथ ही मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण की जमीन पर हैं। नगर निगम वर्ष 2016 के साथ से नदी किनारे बसी हुई बस्तियों को 30 जून तक हटाने के नोटिस भेज रहा है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की ओर से आगामी 30 जून तक अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए गए हैं। इसके विरोध में देहरादून में विभिन्न दलों और सामाजिक संगठनों की ओर से प्रदर्शन किए जा रहे हैं। आज बुधवार 22 मई को मलिन बस्तियों को मालिकाना हक़ देने की मांग को लेकर आज मलिन बस्ती के लोगों का हुजूम सड़कों पर उतर आया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उत्तराखंड मलिन बस्ती विकास परिषद व महानगर कांग्रेस के आह्वान पर आज देहरादून की विभिन्न मलिन बस्तियों के हजारों लोग प्रातः प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में एकत्रित हुए। तत्पश्चात प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं उत्तराखंड मलिन बस्ती विकास परिषद के केंद्रीय अध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना, देहरादून महानगर कांग्रेस अध्यक्ष डाक्टर जसविंदर सिंह गोगी के नेतृत्व में नगर निगम के लिए कूच किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

मलिन बस्तियों को मालिकाना हक़ देने और मलिन बस्तियों को उजाड़ने के खिलाफ जोरदार नारेबाजी करते हुए लोग राजपुर रोड से होते हुए दर्शनलाल चौक से नगर निगम देहरादून पहुंचे। जहां काफी देर तक प्रदर्शन किया गया। इस मौके पर सभा भी आयोजित की गई। इस मौके पर भारतीय जनता पार्टी पर गरीबों के साथ वादा खिलाफी का आरोप जड़ते हुए धस्माना ने कहा कि जब जब प्रदेश में या स्थानीय निकायों में भाजपा सरकारें बनती हैं, तब तब गरीबों पर आफत आती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि वर्ष 2012 में राज्य में कांग्रेस की सरकार बनी तो गरीबों वा मलिन बस्ती के लोगों से मालिकाना हक का को वायदा कांग्रेस ने किया था। उसके अनुरूप मलिन बस्तियों को मालिकाना हक देने के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बाकायदा एक समिति बनाई और उस समिति की रिपोर्ट की संस्तुति पर मलिन बस्तियों को मालिकाना हक़ देने के लिए नियम कानून बनाए। साथ ही लोगों को मालिकाना हक देने की प्रक्रिया शुरू की, किंतु 2017 में राज्य में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी और उसने इस प्रक्रिया को रोक दिया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

उन्होंने कहा कि वर्ष 2018 में एक पीआईएल पर उच्च न्यायालय के एक आदेश की आड़ ले कर राज्य भर में मलिन बस्तियों को उजाड़ने की साजिश शुरू कर दी गई। इसका कांग्रेस ने डट कर विरोध किया व मुख्यमंत्री आवास कूच किया तो राज्य की सरकार आनन फानन में एक अध्यादेश ले आई। तब से समय समय पर मलिन बस्तियों के लोगों को डराया जाता है। चुनावों में मालिकाना हक़ देने का वायदा भाजपा करती है, किंतु चुनावों के बाद मलिन बस्तियों की कोई सुध नहीं लेती। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि आज हम सरकार को दो टूक यह कहने आए हैं कि मलिन बस्तियों को मालिकाना हक़ देने के कानून पर अमल करो। अगर सरकार ने 30 जून तक मलिन बस्तियों के मालिकाना हक़ के मामले में निर्णय नहीं लिया तो उत्तराखंड मलिन बस्ती विकास परिषद राज्यव्यापी आंदोलन करेगी। विधानसभा और मुख्यमंत्री आवास कूच किया जाएगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

धस्माना ने कहा कि आज देहरादून की सभी मलिन बस्तियों में रहने वाले लोगों में दहशत और भ्रम पैदा हो गया है। क्योंकि कुछ बस्तियों में निशान लगाए जा रहे हैं। यह कहा जा रहा है कि 2016 के बाद बसे लोगों को हटाया जाएगा, जबकि कई ऐसे मकानों पर भी निशान लगाए गए हैं, जो 2000 से भी पहले के बने हुए हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

धस्माना ने आरोप लगाया कि भाजपा के इशारे पर आज के कार्यक्रम को फेल करने के लिए विभिन्न थानों की पुलिस ने अपने क्षेत्र की बस्ती के लोगों को रैली में नहीं जाने को कहा। हद तो यह हो गई कि 24 घंटे पूर्व कार्यक्रम की सूचना जिलाधिकारी को लिखित में देने के बावजूद आज सुबह तक कार्यक्रम की लिखित अनुमति नहीं दी गई। पुलिस के अधिकारी कूच निकालने पर मुकद्दमा कायम करने की धमकी देते रहे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

धस्माना ने कहा कि मलिन बस्ती वासियों और गरीब लोगों के लिए उनके ऊपर एक नही, बल्कि सौ मुकद्दमे भी दर्ज कर लिए जाएं तो उनको परवाह नहीं। वह मलिन बस्तियों के मालिकाना हक़ की लड़ाई लड़ते रहेंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इस अवसर पर महानगर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डाक्टर जसविंदर सिंह गोगी ने कहा कि कांग्रेस हमेशा मलिन बस्तियों के लोगों की लड़ाई लड़ती रही है और अधिकांश मलिन बस्तियां कांग्रेस ने ही बसाई गई हैं। इसलिए इनके ऊपर जब भी कोई मुसीबत आती है, तो कांग्रेस सबसे पहले आवाज उठाती है। उन्होंने कहा कि आज भाजपा सरकार मलिन बस्तियों को उजाड़ने की जो साजिश कर रही है, उसे कांग्रेस किसी भी कीमत पर सफल नहीं होने देगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

देहरादून महिला कांग्रेस अध्यक्ष एवं राजपुर पार्षद उर्मिला थापा ने कहा कि देहरादून की चालीस प्रतिशत आबादी मलिन बस्तियों में रहती है। उनको मालिकाना हक़ देने की शुरुआत कांग्रेस राज में हुई थी, किंतु भाजपा जब से आई मलिन बस्तियों पर उनकी कुदृष्टि पड़ी है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष पूर्ण सिंह रावत ने कहा कि कांग्रेस पार्टी श्री धस्माना के नेतृत्व में मलिन बस्तियों की लड़ाई को अंजाम तक पहुंचाएगी। पार्षद इलियास अंसारी ने कहा कि भगत सिंह कालौनी, रिस्पना तथा बिंदाल नदियों के किनारे बसी मलिन बस्तियां पांच पांच दशक पुरानी हैं। उनके मकानों पर भी निशान लगाए जा रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

पार्षद अर्जुन सोनकर ने कहा की कांग्रेस पूरी शिद्दत के साथ मलिन बस्तियों की लड़ाई लड़ेगी। पार्षद नीनू सहगल ने कहा कि हरीश रावत के मुख्यमंत्रित्व काल में जो समिति बनी थी, उसके सदस्य के रूप में हमने जो कानून बनवाया था, उसको भाजपा सरकार ने निष्प्रभावी कर दिया। पार्षद सुमित्रा ध्यानी ने कहा कि आज भाजपा राज में मलिन बस्तियों में पानी वा बिजली के नए कनेक्शन नहीं दिए जा रहे। प्रदर्शन वा सभा के पश्चात धस्माना वा डॉक्टर जसविंदर सिंह गोगी ने मुख्य नगर आयुक्त को मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इस मौके पर कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष पूर्ण सिंह रावत, महिला कांग्रेस उपाध्यक्ष सुनीता प्रकाश, निवर्तमान पार्षदों में अमित भंडारी, मुकीम अहमद, एतात खान, सुमित्रा ध्यानी, सविता सोनकर, संगीता गुप्ता, पूर्व पार्षदों में प्रमुख रूप से जगदीश धीमान, ललित भद्री, राजेश उनियाल, राजेश पुंडीर, अरुण वाल्मीकि, दिनेश कौशल, विपुल नौटियाल, अरविंद शर्मा, अनिल शर्मा, आनंद सिंह पुंडीर, विभिन्न मलिन बस्तियों से राइस फातिमा, अनिता दास, शुभम सैनी, संजय भारती, पुरषोत्तम रावत, मनमोहन शर्मा, सावित्री थापा, घनश्याम वर्मा, अनुज दत्त शर्मा, आलोक मेहता, मगन सिंह पुंडीर, सलीम अंसारी, अवधेश कथिरिया, इजहार, जगपाल शर्मा, सोनू काजी, अमीचंद सोनकर, रवीश जमाल समेत काफी संख्या में मलिन बस्तीवासी उपस्थित रहे।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

1 thought on “बुलडोजर का डरः सड़क पर उतरा मलिन बस्तियों का सैलाब, 30 जून तक हल नहीं हुआ तो सीएम आवास कूचः धस्माना

  1. 9012462745 bhai mujhe kuch Lena Dena nhi hai basti wLo se ,pr jo unke chote ,bachee hai ,unke liye me ,tumari sarkarr ke samne petrol dal ke apne upar apni jindagi,khtam kar sakta hu,kyu ki sLo ,tumare bacheee nhi hai kya , mujhe band kar do jail me par me unke saath hi

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