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September 13, 2024

किसान हुए बेकाबू, लालकिले पर किसानों ने किया कब्जा, तिरंगे की जगह दो बार फहराया अपना झंडा

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कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों का एक गुट तय समय से पहले सिंधू बॉर्डर पर बैरिकेड्स तोड़कर आगे बढ़ गया। दिल्ली की तरफ बढ़ रहे इन किसानों को रोकने के लिए करीब दस किलोमीटर आगे भारी पुलिस बल तैनात है।

तीन कृषि कानूनों के विरोध में गणतंत्र दिवस के मौके पर किसानों की आज ट्रैक्टर रैली हो रही है। दिए गए समय से पहले ही किसानों ने सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर बैरिकेड्स तोड़ दिए, जिसके कारण हंगामा मचा हुआ है। पुलिस ने इससे पहले दावा किया था कि दिल्ली आने वाले सभी बॉर्डर सील है, लेकिन किसानों के हंगामे के चलते पुलिस के सामने भी शांति बनाए रखना एक चैलेंज ही है। किसान लगातार आगे बढ़ रहे हैं। कई स्थानों पर पुलिस ने लाठी चार्ज भी किया। आसूं गैस के गोले भी दागे गए। दूसरी तरफ से भी पथराव हुआ। इससे दोनों तरफ के कई लोग घायल हैं। 18 पुलिसकर्मी एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती हैं।

काफी संख्या में किसान दिल्ली आइटीओ तक पहुंच गए। लाठी डंडो से लैस किसानों के आगे पुलिस लाचार नजर आई। वहीं, आइटीओ के पास ट्रैक्टर पलटने से एक किसान की मौत हो गई। वह डिवाइडर से टकरा गया। किसानों की संख्या के अनुरूप पुलिस की संख्या काफी कम है। हजारों की तादाद में किसान दिल्ली की तरफ अलग-अलग रास्तों से आगे बढ़ रहे हैं। तीन मेट्रो स्टेशन को फिलहाल बंद कर दिया। विश्वविद्यालय मेट्रो स्टेशन, विधानसभा मेट्रो स्टेशन, सीविल लाइन मेट्रो स्टेशन को बंद कर दिया गया है। वहीं, पच्चीस से अधिक ट्रैक्टर लेकर किसान लाल किले तक पहुंच गए। एक किसान पंद्रह अगस्त को प्रधानमंत्री की ओर से झंडा फहराने वाले पोल तक चढ़ गया और झंडा लहराने लगा। उधर, स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं किसान नेता योगेंद्र यादव ने इस घटना को बेहद शर्मिंदगी वाली हरकत बताया। उन्होंने अपील की कि जो रूट तय किया उस पर ही किसान चलें। उन्होंने कहा कि यदि वर्दी वाले पर ट्रैक्टर चलाने का प्रयास हुआ तो घृणित है। स्वीकार्य नहीं है।

दिल्ली पुलिस के मुताबिक गाजीपुर बॉर्डर के पास किसानों ने बैरिकेड्स तोड़ दिए हैं। उधर, अक्षरधाम नोएडा मोड़ के पास किसानों और पुलिस के बीच झड़प की खबरें आईं। कुछ जगहों से छिटपुट हिंसा की खबरें हैं। ट्रक समेत कुछ गाड़ियों में तोड़फोड़ की खबर भी है। मुबारका चौक पर हालात थोड़े खराब हुए हैं। इसके साथ ही टिकरी बॉर्डर के आगे नांगलोई में भी पुलिस बैरिकेड्स तोड़े गए हैं। पुलिस ने कई जगह बल प्रयोग भी किया। आंसू गैस के गोले छोड़े गए. ITO पर भी किसानों ने बवाल किया और इसके बाद वे लालकिले पर निकल गए। यहां नारेबाजी और एक अन्य झंडा फहराकर किसान वापस लौटने लगे।
ये भी बता दें कि जीटी करनाल रोड, आउटररिंग रोड, बादली रोड मधुबन चौक, नरेला रोड पर ट्रैफिक जाम है। इन रास्तों पर न निकलने की सलाह दी गई है। इसके साथ ही वजीराबाद रोड, आईएसबीटी रोड, पुश्ता रोड, विकास मार्ग, एनएच-24 रोड और नोएडा लिंक रोड पर भी भारी जाम लगा है।

कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों का एक गुट तय समय से पहले सिंधू बॉर्डर पर बैरिकेड्स तोड़कर आगे बढ़ गया था। पन्नू समूह के किसानों ने सिंघु बॉर्डर पर पुलिस की बैरिकैडिंग को तोड़ दिया था। दिल्ली की तरफ बढ़ रहे इन किसानों को रोकने के लिए करीब दस किलोमीटर आगे भारी पुलिस बल तैनात है। दरअसल, 5,000 किसान ऐसे हैं, जो आउटर रिंग रोड पर ट्रैक्टर रैली निकालना चाहते हैं। साथ ही दिल्ली पुलिस से किए गए समझौते का इसे उल्लंघन भी माना जा रहा है। वहीं टिकरी बॉर्डर पर भी किसान पैदल ही आगे बढ़ गए। ये किसान भी दिल्ली की तरफ घुस गए हैं। इनका भी 10 बजे के बाद का समय था। समय से पहले इस बार्डर से भी किसान आगे बढ़ गए।

इस बीच  किसान कंझावाला चौक-औचंदी बॉर्डर-KMP-GT रोड जंक्शन की ओर बढ़ रहे हैं। करनाल बाईपास पर एक अस्थायी दीवार खड़ी की गई है, ताकि दिल्ली में गाड़ियों के प्रवेश को रोका जा सके। इसके अलावा दिल्ली-नोएडा लिंक रोड पर चिल्ला बॉर्डर से भी किसान रैली कर रहे हैं। ITO पर भी किसानों ने बवाल शुरू कर दिया है। किसानों ने पुलिस की बस को हाईजैक कर लिया है। ITO से लालकिला जाने वाले रास्ते पर भारी मात्रा में पुलिसबल तैनात है।

दिल्ली में टिकरी बॉर्डर की तरफ जाने वाले रास्ते में दोनों तरफ से जेसीबी मशीनें, गाड़ियां खड़ी कर के पुलिस ने बैरीकेडिंग कर दी। वहीं शाहजहांपुर-खेड़ा बॉर्डर पर किसानों की रैली को रोकने के लिए पुलिस ने सड़क पर बैरिकेड्स और कंटेनर के अलावा पत्थर भी लगाए हैं। कई स्थानों पर किसानों ने पुलिस के अवरोध तोड़ दिया। वे लगातार आगे बढ़ रहे हैं। कई जगह लाठीचार्ज भी किया गया। किसानों ने क्रेन, डंपर आदि भी हटा दिए।


दिल्ली पुलिस ने किसानों को गणतंत्र दिवस के मौके पर ट्रैक्टर रैली निकालने के लिए रूट और समय तय किया है। रैली दस बजे के बाद दिल्ली के गणतंत्र दिवस समारोह के समापान के बाद निकलनी थी। इसके लिए सभी स्थानों पर पुलिस ने रूट तय किए हुए हैं। साथ ही दिल्ली पुलिस ने समझौते में ये भी कहा है कि यदि इसके अनुरूप नहीं चले तो समझौता टूट जाएगा। समझौता 35 बिंदुओं पर किया गया था।
वहीं, सुबह करीब साढ़े सात बजे किसानों के एक गुट ने सिंधु बार्डर पर बैरिकेट्स तोड़ दिए। तय समय से पहले ही किसानों ने दिल्ली करनाल रोड पर दिल्ली की तरफ आगे बढ़ना शुरू कर दिया है। किसानों के इस गुट में करीब 55 टैक्ट्रर हैं और पांच हजार किसान शामिल सिंधु बॉर्डर से करीब दस से 12 किलोमीटर के फासले पर पुलिस मौजूद है। गाजीपुर और स्थानों पर किसान तय समय पर ही रैली निकालने की तैयारी कर रहे थे। उधर दिल्ली पुलिस ने कई स्थानों पर दिल्ली के लिए एंट्री बंद कर दी। करनाल बाईपास में दिल्ली पुलिस ने स्थायी दीवार खड़ी कर दी है। गौरतलब है कि कृषि कानूनों को रद करने की मांग को लेकर पिछले दो महीने से किसान आंदोलन कर रहे हैं। इसके तहत उन्होंने गणतंत्र दिवस के मौके पर ट्र्रैक्टर रैली का एलान किया है।

 

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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