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April 24, 2025

महापंचायत को दिल्ली के जंतर मंतर में जुट रहे किसान, नहीं दी पुलिस ने अनुमति, संयुक्त किसान मोर्चा ने खुद को किया अलग

आज संयुक्त किसान मोर्चे के आह्वान पर दिल्ली के जंतर मंतर पर किसान महापंचायत का आयोजन किया जा रहा है। इसमें भाग लेने के लिए बड़ी तादाद में किसान दिल्ली पहुंच रहे हैं। इस महापंचायत को दिल्ली पुलिस ने अनुमति नहीं दी है। दिल्ली पुलिस ने दिल्ली-यूपी सीमा पर गाजीपुर में प्रदर्शन कर रहे किसानों को हिरासत में भी लिया। वहीं, जंतर मंतर में काफी संख्या में किसान पहुंच गए हैं। इस महापंचायत की वजह से दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे पर सराय काले खां के पास ग़ाज़ियाबाद से दिल्ली की तरफ कई किलोमीटर लंबा ट्रैफिक जाम लगा है। यहां तक कि एम्बुलेंस भी फंसी गई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

संयुक्त किसान मोर्चा अराजनैतिक ने 22 अगस्त को दिल्ली के जंतर-मंतर पर किसान महापंचायत का ऐलान किया था। जानकारी के मुताबिक यह एक दिन का कार्यक्रम है। जो पूर्ण तौर पर शांति व अनुशासन के साथ आयोजित किया जाएगा। जंतर-मंतर पर आज किसानों के विरोध-प्रदर्शन के आह्वान से पहले सिंघू बॉर्डर पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। साथ ही राजधानी में आने वाले वाहनों पर कड़ी नजर रखी जा रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

जंतर मंतर पर यह पंचायत 4 बजे तक आयोजित की जाएगी। इस पंचायत के समापन के बाद राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा जाएगा। संयुक्त किसान मोर्चा ने जानकारी देते हुए बताया कि यदि सरकार किसी भी तरह का व्यवधान डालने का प्रयास करेगी तो उसके लिए सरकार स्वयं जिम्मेदार होगी। दरअसल किसान पंचायत की तरफ से कई मांगे की जा रही हैं। जिनमें एक प्रमुख मांग ये है कि लखीमपुर खीरी नरसंहार के पीड़ित किसान परिवारों को इंसाफ मिले, वहीं जेलों में बंद किसानों की रिहाई व नरसंहार के मुख्य दोषी केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी की गिरफ्तारी की जाए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

संयुक्त किसान मोर्चा ने खुद को महापंचायत से किया अलग
एसकेएम ने स्पष्टीकरण दिया है कि जंतर मंतर पर आज का विरोध संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) का आह्वान नहीं है। कुछ किसान संघ जो 2020-21 के किसानों के विरोध के दौरान एसकेएम का हिस्सा थे, वही इसका आयोजन कर रहे हैं। बीकेयू एकता सिद्धूपुर के जगजीत सिंह दल्लेवाल विरोध का नेतृत्व कर रहे हैं, जबकि बाकी किसान संघ और नेता इसका हिस्सा नहीं हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

ये हैं किसानों की प्रमुख मांगें
-लखीमपुर खीरी नरसंहार के पीड़ित किसान परिवारों को इंसाफ, जेलों में बंद किसानों की रिहाई और केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी की गिरफ्तारी
-स्वामीनाथन आयोग के सी2+50 प्रतिशत फॉर्मूले के अनुसार एमएसपी की गारंटी का कानून
-देश के सभी किसानों को कर्जमुक्त करने
-बिजली बिल 2022 को रद्द करने
-गन्ने का समर्थन मूल्य बढ़ाने और बकाया राशि का तत्काल भुगतान
-विश्व व्यापार संगठन से बाहर आए और सभी मुक्त व्यापार समझौते रद्द करने
-किसान आंदोलन के दौरान दर्ज सभी मुकदमे वापस लिए जाएं
-प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसानों के बकाया मुआवजे का तत्काल भुगतान
-अग्निपथ योजना की वापसी

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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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