Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

August 1, 2025

उत्तराखंड से कोरोना की फिलहाल विदाई, लगातार तीसरे दिन भी नहीं मिला नया संक्रमित, 11वें दिन भी नहीं हुई मौत

उत्तराखंड में कोरोना की फिलहाल विदाई नजर आ रही है। कारण ये है कि लगातार तीसरे दिन भी कोरोना का एक भी नया संक्रमित नहीं मिला। वहीं, 11वें दिन भी किसी मरीज की कोरोना से मौत नहीं हुई। सोमवार 16 जनवरी की शाम को स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी रिपोर्ट के मुताबिक, प्रदेश में पिछले 24 घंटे में कोरोना का एक भी नया संक्रमित नहीं मिला। रविवार 15 जनवरी और शनिवार 14 जनवरी को भी कोरोना के नए संक्रमित नहीं मिला थे। यदि टीकारण की बात की जाए तो सोमवार को 95 केंद्रों में 338 लोगों को कोरोनारोधी टीके लगाए गए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उत्तराखंड की पूरी रिपोर्ट पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें, (खबर आगे भी जारी)-2023.01.16 Health Bulletin

कोरोना से अब तक 7753 मौत
उत्तराखंड में एक जनवरी 2022 से लेकर अब तक कोरोना के कुल संक्रमितों की संख्या 104647 है। इनमें से 100496 लोग स्वस्थ हो चुके हैं। पिछले 24 घंटे के दौरान कोई 6 मरीज कोरोना से स्वस्थ हुए। एक्टिव मरीजों की संख्या 11 है। कोरोना की पहली लहर से लेकर अब तक प्रदेश में कुल 7753 लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है। वहीं, एक जनवरी 2022 से अब तक 335 लोगों की कोरोना से जान जा चुकी है। मौत की दर 0.32 फीसद है। रिकवरी दर 96.03 फीसद है। सात मई 2021 को सर्वाधिक 9642 नए कोरोना संक्रमित मिले थे। 15 मई 2021 को सर्वाधिक 197 मौत दर्ज की गई। तीसरी लहर में एक फरवरी 2022 को सर्वाधिक 18 लोगों की मौत दर्ज की गई।

Bhanu Prakash

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page

Proč vaše kočka nedostane dostatek vody: Pečlivá péče o kočičí oči: kdy je