जागरुकता से बढ़ेगा नेत्रदान, सैकड़ों की जिंदगी होगी रोशन: डॉ. रेनू धस्माना
देहरादून में हिमालयन अस्पताल जौलीग्रांट की ओर से नेत्रदान जागरुकता को अभियान चलाया जा रहा है। राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़ा के तहत विभिन्न गतिविधियों के जरिये लोगों को नेत्रदान के प्रति जागरुक किया जा रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
हिमालयन अस्पताल जौलीग्रांट के नेत्र रोग विभागाध्यक्ष डॉ. रेनू धस्माना ने बताया कि भारत में लगभग 68 लाख लोग कम से कम एक आंख में कॉर्नियल दृष्टिहीनता से पीड़ित हैं। इनमें से 10 लाख लोग दोनों आंखों से दृष्टिहीन हैं। डॉ.रेनू धस्माना ने नेत्रदान को मानव सेवा के लिए महत्वपूर्ण बताते हुए लोगों से नेत्रदान को अपने परिवार की परंपरा बनाने की अपील की। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
हिमालयन हॉस्पिटल के नेत्र बैंक प्रभारी डॉ. सुकृति उपाध्याय व वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. हर्ष बहादुर का कहना है कि एक इंसान दो नेत्रहीन व्यक्ति के जीवन को रोशन कर सकता है। इस अवसर पर ऑपोटोमेट्री के छात्र-छात्राओें ने नेत्रदान करने को लेकर नाटिका के माध्यम से अस्पताल की ओपीडी में आने वाले लोगों को नेत्रदान के महत्व की जानकारी दी और इससे जुड़ी भ्रांतियों को दूर किया। इस दौरान डॉ.छवि गर्ग, नीलम व कविता, आशीष कुमार ने भी लोगों को नेत्रदान के लिए प्रेरित किया।(खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
नेत्रदान के लिए यहां संपर्क करें
हिमालयन हॉस्पिटल में उत्तराखंड का रजिस्टर्ड आई बैंक हैं। इसके लिए इच्छुक लोग हॉस्पिटल के़ +91-8194009630, फोन नंबर- +91-135-2471440, 355 पर संपर्क कर सकते हैं।
नेत्रदान के लिए आवश्यक जानकारी
मृत्यु के छह घंटे के अंदर आखें ली जाती हैं, नेत्र बैंक से जुड़ी टीम दानकर्ता के घर आती है, यह एक निशुल्क सेवा है, मृतक की आंखें उसके परिवार की सहमति से ही ली जा सकती हैं। प्रशिक्षित व्यक्ति स्टेराइल प्रक्रिया से आंख (कार्निया) प्राप्त करते है। इससे मृतक के चहेरे पर कोई निशान या विकृति नहीं आती। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ये लोग कर सकते हैं नेत्रदान
किसी भी उम्र का व्यक्ति जिनकी कॉर्निया स्वच्छ और स्वस्थ हो। चश्मा पहनने वाले, मधुमेह से पीड़ित, उच्च रक्तचाप से पीड़ित, दमे से पीड़ित, मोतियाबिंद के ऑपरेशन के मरीज।
मृतक के परिजनों के लिए जानकारी
मौत के बाद पंखें बंद कर दीजिए। एयर कंडीशनर या कूलर घर में हो तो चलने दीजिए। गीली रुई बर्फ के साथ बंद आंख के ऊपर रख दीजिए। सिर के नीचे ताकिया रखकर उसे ऊपर कर दीजिए। इससे टिश्यू को नम रखने में मदद मिलेगी। दान की गई आंखें कभी भी खरीदी या बेची नहीं जाती है।
नोटः सच का साथ देने में हमारा साथी बनिए। यदि आप लोकसाक्ष्य की खबरों को नियमित रूप से पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गए आप्शन से हमारे फेसबुक पेज या व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ सकते हैं, बस आपको एक क्लिक करना है। यदि खबर अच्छी लगे तो आप फेसबुक या व्हाट्सएप में शेयर भी कर सकते हो।
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।