वर्चुअल विज्ञान कार्यशाला में विशेषज्ञ शिक्षकों ने दिखाए प्रयोग, दी रोचक जानकारी

विज्ञान शिक्षण को रोचक बनाने को लेकर उत्तराखंड में रुद्रप्रयाग जिले के डायट रतूड़ा में विज्ञान कार्यशाला का आयोजन किया गया। विज्ञान के दो दिवसीय वेबीनार में मानव ऑख की कार्य पद्धति, श्वसन तन्त्र की कार्यपद्धति, चुम्बक, लिफ्ट, साइफन, फ्लैश, पृष्ठ तनाव, अपवर्तन, परावर्तन के नियमों को समझाने की कोशिश की गई।
जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान रतूड़ा रूद्रप्रयाग की ओर से जिला सन्दर्भ समूह विज्ञान के दो दिवसीय वेबीनार कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए डायट प्राचार्य सुधीर सिंह असवाल ने कहा कि बच्चों में विज्ञान की मूल अवधारणाओं की समझ विकसित करने की जरूरत है। विज्ञान को समझने के उपायों को जानने के उद्देश्य से डीआरजी समूह की ओर से कार्य किया जाना सराहनीय है।
वेबीनार के संयोजक डायट रतूड़ा के प्रवक्ता डॉ. विनोद कुमार यादव ने कहा कि डीआरजी विज्ञान का मुख्य उद्देश्य विज्ञान के प्रति जागरुकता के साथ बच्चों व जन सामान्य में विज्ञान की समझ बढ़ाना है। इसके लिए हम सबका सम्मिलित प्रयास होना चाहिए कि हम अपने आसपास की हर मानव निर्मित वस्तु की कार्यशैली समझने का प्रयास करते हुए, उसमें छिपे विज्ञान के सिद्धांत को समझने व समझाने का प्रयास करें।
वेबीनार कार्यशाला के मुख्य सन्दर्भ दाता राइंका तपोबन टिहरी गढ़वाल के शैलेश मटियानी सम्मान से सम्मानित विज्ञान अध्यापक रामाश्रय सिंह ने प्राथमिक तथा उच्च प्राथमिक स्तर के विज्ञान शिक्षण में पढ़ाई जा रही सामग्री को रोचक व ज्ञानवर्धक बनाने की जानकारी दी। इसके लिए टीएलएम का निर्माण करना सिखाते हुए बताया कि बच्चों को विज्ञान की छोटी छोटी अवधारणाओं को खेल खेल में समझाया जा सकता है।
उन्होंने शून्य लागत की तर्ज पर पच्चीस से अधिक मॉडल बनाकर प्रयोगिक प्रदर्शन किया। इसमें मानव ऑख की कार्य पद्धति, श्वसन तन्त्र की कार्यपद्धति सहित चुम्बक, लिफ्ट, साइफन, फ्लैश, पृष्ठ तनाव, अपवर्तन, परावर्तन के नियमों को समझाने की विधियों को प्रस्तुत किया। साथ ही बताया कि इन छोटे छोटे प्रयोगों के माध्यम से हम विज्ञान विषय के शिक्षण को रोचक और बच्चों की समझ में इजाफा कर सकते हैं।
वेबीनार का संचालन करते हुए राजकीय उच्चतर प्राथमिक विद्यालय डॉगी गुनाऊँ के अध्यापक हेमंत चौकियाल ने रामाश्रय सिंह के प्रायोगिक प्रदर्शन की तारीफ करते हुए कहा कि कार्यशाला में संपादित प्रयोग अध्यापकों व बच्चों के लिए समान रूप से उपयोगी हैं। माइक्रोसॉफ्ट टीम एप पर चली इस वेबीनार के तकनीकी पक्ष को अजीम प्रेमजी फाउंडेशन रुद्रप्रयाग के मोहम्मद शफीक और सुकान्त शरण ने संभाला।
वेबीनार में उत्तराखंड राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष विक्रम सिंह झिंक्वाण, सुहैब हुसैन, आनंद प्रकाश मखनवाल, संजीव वशिष्ठ, दिनेश त्रिपाठी प्रेम सिंह रावत, दुर्गा भट्ट, गोपाल सिंह नेगी, जगदीश प्रसाद सेमवाल, सरिता भट्ट, अवधेश चन्द्र, सपना कप्रवाण, गंभीर सिंह रावत, रचना रावत, अंजना रावत, देवेन्द्र काण्डपाल, जय प्रकाश सिंह, रमेश चन्द्र डंगवाल, वक्तभगवती भट्ट, अश्वनी गौड़, उर्मिला गुसाईं, शिशुपाल सिंह रावत, गोपाल लाल शाह, रविन्द्र सिंह, रामकृष्ण, जयसिंह रावत, रेणु, विष्णु दत्त जमलोकी, पुष्कर राणा, गंभीर सिंह रावत, प्रकाश कोरखियाल,रविन्द्र सिंह व छात्रों में सिराज हुसैन, सारिन,सिमरन, ईरा,शुभ्रा, सार्थक चौकियाल, भावना चौकियाल सहित बड़ी संख्या में बच्चे भी मौजूद थे।