Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

December 12, 2024

उत्तराखंड के पूर्व सैनिकों ने गाजीपुर बॉर्डर पहुंकर किसानों को दिया समर्थन, धरने पर बैठे, गुड़गुड़ाया हुक्का

उत्तराखंड पूर्व सैनिक एवं अर्द्ध सैनिक संयुक्त संगठन के शीर्ष मंडल ने गाजीपुर बार्डर पहुंचकर किसानों के आंदोलन को समर्थन दिया। इस मौके पर पूर्व सैनिक 24 घंटे के धरने पर भी बैठे।

उत्तराखंड पूर्व सैनिक एवं अर्द्ध सैनिक संयुक्त संगठन के शीर्ष मंडल ने गाजीपुर बार्डर पहुंचकर किसानों के आंदोलन को समर्थन दिया। इस मौके पर पूर्व सैनिक 24 घंटे के धरने पर भी बैठे। वहीं, संगठन के संरक्षक पूर्व आइएएस एसएस पांगती ने किसान नेता राकेश टिकैत से कई घंटो बैठक करके वार्ता भी की। इस दौरान पूर्व सैनिक किसानों के रंग में रंगे नजर आए। उन्होंने हुक्का गुड़गुड़ाया और किसानों के आंदोलन में हर मोर्चे पर साथ देने का वादा किया।
संगठन के संरक्षक सुरेंद्र सिंह पांगती ने किसान नेता राकेश टिकैत को बताया कि जो केंद्र सरकार ने ये तीन कानून बनाये, ये तीनों ही संविधान के खिलाफ हैं। क्योंकि केंद्र सरकार को कृषि कानून बनाने का संविधानिक अधिकार नहीं है। वह केवल अफीम की खेती के कानून बना सकती है। कृषि कानून राज्य सूची का विषय है। राज्य सरकार अपने राज्य के लिए कृषि कानून बना सकती है।


उन्होंने कहा कि संविधान का article 368(2) के तहत इन कानूनों को देश के राज्यों के कम से कम आधे विधानमंडलों से अनुमोदित होना आवश्यक है। वर्ना ये कानून का रूप नही ले सकता। सरकार ने इस कानून को हड़बड़ी में बनाया है। इसलिए इस कानून में जरूर कुछ दाल में काला है। इसीलिए कुछ पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने की मंशा से कोरोना काल मे आनन फानन ये तीन कृषि विधायक पारित कर कानून बनाया गया है। इसका डटकर विरोध करना होगा।
उन्होंने कृषि कानून के खिलाफ उत्तराखंड पूर्व सैनिक संगठन की ओर से हर पूरी तरह से साथ देने का वादा किया। संगठन के महासचिव पीसी थपलियाल ने राकेश टिकैत को याद दिलाया कि उत्तराखंड राज्य आंदोलन में के दौरान उत्तराखंड के फौजी किसानों का समर्थन मांगने उनके उनके पिता स्व महेंद्र सिंह टिकैत से मिलने गए थे। इस मौके पर रमेश बलूनी, एमएस रावत, पीसी घिल्डियाल, सूबेदार सुरेन्द्र नॉटियाल आदि शामिल थे।

Website | + posts

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page