परिवहन विभाग के ड्राइविंग लाइसेंस से जुड़े हर काम एक जून से शिफ्ट होंगे 20 किमी दूर, राज्य आंदोलनकारी ने की ये अपील
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में परिवहन विभाग के ड्राइविंग लाइसेंस से जुड़े सारे काम अब शहर से करीब 20 किलोमीटर दूर झाझरा स्थित इंस्टीट्यूट आफ ड्राइविंग एंड ट्रेनिंग रिसर्च (आइडीटीआर) में शिफ्ट होने जा रहे हैं।
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में परिवहन विभाग के ड्राइविंग लाइसेंस से जुड़े सारे काम अब शहर से करीब 20 किलोमीटर दूर झाझरा स्थित इंस्टीट्यूट आफ ड्राइविंग एंड ट्रेनिंग रिसर्च (आइडीटीआर) में शिफ्ट होने जा रहे हैं। इसका भारी विरोध भी हो रहा है। वहीं, राज्य आंदोलनकारी मोहन खत्री ने परिवहन मंत्री को पत्र लिखकर शहर से दूर कार्यालय को शिफ्ट न करने की अपील की है। साथ ही उन्होंने इसके लिए कुछ सुझाव भी दिए हैं।अब एक जून से आरटीओ का लाइसेंस अनुभाग झाझरा से ही काम करेगा। अभी तक सिर्फ स्थायी लाइसेंस का टेस्ट झाझरा में लिया जा रहा था, लेकिन लर्निंग लाइसेंस टेस्ट, डुप्लीकेट लाइसेंस बनाने, लाइसेंस रिन्यूवल, लाइसेंस में पता बदलाव आदि कार्य भी अब झाझरा जाकर कराने होंगे। मालूम हो कि, मुंबई, दिल्ली और बंगलुरू आदि शहरों की तर्ज पर देहरादून में भी कड़ी परीक्षा के बाद ही ड्राइविंग लाइसेंस देने की कसरत में 15 जुलाई-2019 को स्थायी ड्राइविंग लाइसेंस का कार्य आइडीटीआर भेज दिया गया था। शुरुआत में कार एवं अन्य भारी वाहनों का कार्य शिफ्ट किया गया, जबकि 30 नवंबर से दुपहिया का लाइसेंस कार्य भी वहीं भेज दिया गया।
लर्निंग लाइसेंस समेत डुप्लीकेट लाइसेंस, लाइसेंस रिन्यूवल एवं नाम-पता बदलाव का कार्य आरटीओ कार्यालय दून में ही किया जाता रहा। वर्तमान में भी यही व्यवस्था चल रही, लेकिन परिवहन विभाग ने अब यह कार्य भी झाझरा में शिफ्ट करने का आदेश जारी कर दिया। आरटीओ सुनील शर्मा ने बताया कि एक जून से ड्राइविंग लाइसेंस से जुड़े सभी कार्य आइडीटीआर झाझरा में होंगे। अगर शासन की ओर से कोई नया आदेश आया तब ही इसमें कोई परिवर्तन किया जा सकता है।
वहीं, इसका लोग विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि शहर से लगभग 20 किमी दूर आइडीटीआर में टेस्ट देने जाने के लिए पूरा दिन का समय लगेगा। अगर, आवेदकों में युवती, महिला व नवयुवक हो तो सुरक्षा कारणों से उन्हें एक सहयोगी या परिजन भी ले जाना पड़ सकता है। इससे बड़ी दिक्कत चकराता हाइवे से चार किमी अंदर पहुंचना है। क्योंकि, वहां कोई परिवहन सुविधा नहीं है। इसमें सबसे बड़ी दिक्कत है कि यदि अगर किसी के पास निजी वाहन नहीं है तो उसे पटेलनगर निरंजनपुर मंडी, बल्लीवाला या बल्लूपुर चौक से डाकपत्थर रूट की बस या झाझरा रूट की सिटी बस से बालाजी मंदिर झाझरा तक पहुंचना होगा। वहां से सुनसान रास्ते पर पैदल चार किमी की दूरी नापनी पड़ेगी।
राज्य आंदोलनकारी मोहन खत्री ने परिवहन मंत्री को लिखा पत्र
उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मोहन खत्री ने परिवहन मंत्री चंदन रामदास को पत्र भेजकर आरटीओ का लाइसेंस संबंधी कार्यालय शिफ्ट करने के निर्णय पर विचार करने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि परिवहन लाइसेंस कार्यालय को झाझरा के सूदूरवर्ती ग्राम में स्थानांतरित किया जा रहा है, जबकि विगत 50 वर्शों से कार्यालय राजपुर रोड़ में स्थित है। इसको स्थानांतरित करना न्याय संगत नहीं है। उन्होंने कहा कि देहरादून महानगर से झाझरा की दूरी 20 किलोमीटर से अधिक है। इसके चलते आमजन को आवाजाही में कठिनाईयों का सामना करना पड़ेगा।
साथ ही झाझरा जाने के लिए नेशनल हाईवे से होकर गुजरना पड़ेगा। इसमें बुजुर्गों, महिलाओं, युवाओं को आवाजाही में दिक्कत होगी। उन्होंने कहा कि यदि कार्यालय को स्थानांतरित करना है तो सहस्त्रधारा स्थित कुल्हान में नगर निगम के अंतर्गत किसी स्थान पर शिफ्ट कर दें। ताकी पर्वतीय क्षेत्रों से आनें वाले आमजन को असुविधाओं का सामना ना करना पड़े। अन्यथा आमजन की परेशानी को ध्यान में रखते हुए इस निर्णय को वापस लिया जए। परिवहन लाईसेंस कार्यालय को झाझरा स्थानांतरित न करते हुए इसे राजपुर रोड़ पर ही रहनें दिया जाए।





