उत्तराखंडः कोरोनाकाल में बिजली उपभोक्ताओं को झटका, व्यापार और रोजगार रहे या ना रहे पर बढ़ाई गई दरें, कांग्रेस ने की निंदा

कोरोनाकाल में उत्तराखंड के बिजली उपभोक्ताओं को झटका लगने जा रहा है। लोगों का रोजगार रहे या ना रहे। कोरोनाकाल में व्यापार चले या ना चले। इससे सरकार को कुछ लेना देना नहीं है। शराब की दुकानों को अन्य दुकानों के साथ बंद करने के आदेश देने के दौरान तर्क दिया गया है कि लोगों के जीवन से बड़ा राजस्व नहीं हो सकता। वहीं, सरकार को अपने राजस्व की तो चिंता है, लेकिन आमजन, व्यापारी जो लगातार बेरोजगार हो रहे हैं, उनकी आर्थिकी की नजर नहीं आ रही है। एक सच्चाई ये भी है कि निजी शिक्षण संस्थाओं के साथ ही अन्य प्रतिष्ठानों में काम करने वालों को पिछले साल से ही पचास से 80 फीसद वेतन दिया जा रहा है। ऐसे में लोगों पर सरकार ने बिजली की दरें बढ़ाकर और बोझ डाल दिया। कारण ये भी है कि कोरोनाकाल के दौरान गर्मी में लोग घरों में रहकर ही आफिस का काम करेंगे, ऐसे में पंखे भी सुबह से ही चलेंगे। वहीं अब लोगों को बढ़ी दरों पर भुगतान करना होगा। विद्युत नियामक आयोग ने वर्ष 2021-22 के लिए बिजली की दरें तय कर दी हैं। अब इसी माह से बिजली उपभोक्ताओं को नई टैरिफ के आधार पर बिजली के बिल का भुगतान करना पड़ेगा। हालांकि आयोग ने यूपीसीएल के मांग वाले प्रस्ताव को दरकिनार कर नई टैरिफ घोषित की है।
आयोग ने 101 से 200 यूनिट बिजली खर्च करने वाले उपभोक्ताओं के लिए अब 4 रुपये प्रति यूनिट दरें तय की है। अभी तक 3.75 रुपये दरें थी। 201 से 400 यूनिट बिजली प्रतिमाह खर्च करने वाले घरेलू उपभोक्ताओं को अब प्रति यूनिट पांच रुपये पचास पैसे के हिसाब से बिल देना होगा। इस श्रेणी के उपभोक्ताओं के लिए अभी तक टैरिफ पांच रुपये पंद्रह पैसे था। यानी इस श्रेणी के लिए प्रति यूनिट 35 पैसे बढ़ाए गए हैं।
महीने में 400 यूनिट से अधिक बिजली खर्च करने वाले उपभोक्ताओं को अब छह रुपये 25 पैसे प्रति यूनिट के हिसाब से बिल देना होगा। इस श्रेणी के लिए अभी तक टैरिफ पांच रुपये 90 पैसे तय था। यानी इस श्रेणी में भी प्रति यूनिट 35 पैसे का इजाफा किया गया है।
उत्तराखंड में इन उपभोक्ताओं को बड़ी राहत
विद्युत नियामक आयोग ने बीपीएल श्रेणी के उपभोक्ताओं के लिए टैरिफ में कोई बदलाव नहीं किया है। ऐसे उपभोक्ताओं की संख्या पूरे राज्य में पांच लाख के करीब है। इसके अलावा बर्फ वाले इलाकों के उपभोक्ताओं के लिए भी टैरिफ में बदलाव नहीं किया गया।
इसके अलावा प्रतिमाह 100 यूनिट तक बिजली खर्च करने वाले घरेलू उपभोक्ताओं के टैरिफ में भी कोई बढ़ोत्तरी नहीं होगी और इनसे पूर्व की भांति ही प्रति यूनिट दो रुपये अस्सी पैसे के हिसाब से बिल वसूला जाएगा। इसके अलावा कमर्शियल श्रेणी के 50 यूनिट प्रतिमाह खर्च करने वालों और 25 किलोवाट विद्युत भार तक के एलटी उपभोक्ताओं के टैरिफ में भी कोई इजाफा नहीं किया गया है। इसके अलावा इस बार कई और छूट भी दी गई है।
समय पर बिल जमा करने पर ये छूट
आयोग ने इस बार समय पर बिली कैश और चेक से जमा करने पर भी उपभोक्ताओं को बड़ी छूट देने के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है। इसका लाभ बड़े बिल चुकाने वालों को ज्यादा मिलेगा।
कांग्रेस ने की बिजली दरें बढ़ाने की निंदा
कोरोना काल में बिजली दरों में की गई वृद्धि की उत्तराखंड कांग्रेस ने कड़ी निंदा की है। उत्तराखंड कांग्रेस के उपाध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप ने सरकार के इस फैसले की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि कोविडकाल में सरकार ने यह फैसला ले कर अच्छा नहीं किया है। सरकार को तो चाहिए था कि वह इस कोविड काल में लोगों के जख्मों पर मरहम लगाती, परंतु ऐसे समय में सरकार ने लोगों के जख्मों पर नमक लगाने का काम कर रही है।
वहीं, निवर्तमान प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सूरज नेगी ने बिजली के दामों में उक्त जनविरोधी वृद्धि को तत्काल वापस लिए जाने की मांग की। उन्होंने सरकार द्वारा राज्य के तमाम हिस्सों में मास्क आदि के नाम पर आम जनता से रुपए की लूट की भी निंदा की। कहा कि जनता समझ चुकी है की कोरोना वायरस से मुकाबले में सरकार पूरी तरह विफल हो चुकी है। केवल जुमलेबाजी करके लोगों को ठगा जा रहा है। कांग्रेस जनता का इस तरह से शोषण बर्दाश्त नहीं करेगी। इस लूट का जबरदस्त विरोध किया जाएगा ।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।
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