पांच राज्यों में चुनाव और राहुल गांधी भूमिगत, सीधे कांग्रेस को नुकसान, अब तो बीजेपी भी लेने लगी है मजे
गौरतलब है कि पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव को लेकर मची सियासी गहमा-गहमी के बीच राहुल गांधी नए साल के मौके पर विदेश चले गए। वैसे यह राहुल गांधी के लिए पहला मौका नहीं है। पहले भी कई महत्वपूर्ण मौकों पर उनके विदेश या देश में ही कहीं छुट्टियों पर चले जाने पर सवाल उठते रहे हैं। कांग्रेस की तरफ से इस बार पेशबंदी में एक ट्वीट कर कहा था कि- ‘राहुल गांधी संक्षिप्त निजी दौरे पर हैं, बीजेपी और उसके मीडिया मित्रों को अनावश्यक अफवाह नहीं फैलानी चाहिए।
राहुल गांधी के पहले के दौरों पर भी जब विवाद खड़ा हुआ तो भी पार्टी के नेता उनके बचाव यही कहते हुए आगे आए हैं कि यह उनका ‘निजी दौरा’ है, इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। कांग्रेस यहां यह समझने से चूक कर रही है कि सार्वजनिक जीवन में आने के बाद कुछ भी ‘निजी’ नहीं रह जाता है। उस पर सबकी नजर होती है। अगर ऐसा नहीं होता तो 2008 में मुंबई पर आतंकी हमले के बाद तत्कालीन गृह मंत्री शिवराज पाटिल के बार-बार सूट बदलने पर कोई विवाद नहीं होना चाहिए था। शिवराज पाटिल का भी तो यही तर्क था कि ‘व्यक्ति कब, कहां कौन से कपड़े पहने, यह उसका निजी मसला है। इस पर उनकी जवाबदेही नहीं तय हो सकती।
उनके इस तर्क का कोई असर नहीं दिखा था। इसी तरह 2015 में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की भारत यात्रा के दौरान नरेंद्र मोदी ने उस वक्त जो सूट पहन रखा था, उसको लेकर विवाद खड़ा हुआ था। उसकी कीमत दस लाख रुपये बताई गई और उस सूट के जरिए एक नारे का जन्म तक हो गया कि ‘सूट-बूट वाली सरकार’। ऐसे इस छवि से छुटकारा पाने को मोदी सरकार को बड़ी मशक्कत करनी पड़ी। इसी तरह पीएम मोदी उत्तराखंड आए और वह एक चैनल के लिए फिल्म बनवा रहे थे। तभी पुलवामा में आतंकी हमला होता है। इस हमले के बाद भी पीएम पहले रुद्रपुर की रैली को फोन से संबोधित करते हैं, फिर वह दिल्ली को रवाना होते हैं। इसी तरह मोदी के मशरूम की पसंद भी सार्वजनिक चर्चा का विषय बनी थी। यह दोनों मुद्दे ‘निजी’ की श्रेणी वाले ही थे।
महत्वपूर्ण मौकों, खासतौर पर जब चुनाव हो रहे होते हैं, उस दौरान राहुल गांधी का ‘छुट्टियों’ पर चले जाना उनकी छवि को तो नुकसान पहुंचाता ही है। पूरी पार्टी पर भी असर डालता है। जनधारणा यह बनती है कि राहुल गांधी चुनाव को लेकर गंभीर नहीं हैं। तुलना दूसरे दलों के नेताओं से होने लगती है कि जो पार्टी के लिए 24×7 व्यस्त होते हैं। बिहार चुनाव में एनडीए के मुकाबले महागठबंधन की नजदीकी हार पर आरजेडी के नेता शिवानंद तिवारी ने कहा था- जब बिहार चुनाव पूरे जोर-शोर से चल रहा था, तब राहुल गांधी शिमला में प्रियंका के घर पिकनिक मना रहे थे। क्या कोई पार्टी ऐसे चलाई जाती है?
मजा ले रहे हैं भाजपाई
अब राहुल गांधी के विदेश दौरे को लेकर उत्तराखंड में भाजपाई भी मजा ले रहे हैं। उत्तराखंड भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. देवेंद्र भसीन ने ट्विट किया कि- कोई कांग्रेस नेता बताएंगे कि राहुल गांधी कहां हैं? यह बात मैं दो वजह से पूछ रहा हूँ। एक-ट्विटर पर एक हेशटेग देखा #RahulGandhiMeraHero. अब यह पर्यटक नेता जो 20दिन पहले नया साल मनाने इटली गए थे चुनाव में भी गायब हैं। दूसरा-मीडिया उनके हास्यास्पद बयानों को मिस कर रहा है।
कोई #Congress नेता बताएँगे कि #RahulGandhi कहाँ हैं? यह बात मैं दो वजह से पूछ रहा हूँ।एक-ट्विटर पर एक हेशटेग देखा #RahulGandhiMeraHero.
अब यह पर्यटक नेता जो 20दिन पहले नया साल मनाने इटली गए थे चुनाव में भी ग़ायब हैं।दूसरा-मीडिया उनके हास्यास्पद बयानों को मिस कर रहा है।@INCIndia pic.twitter.com/r1rO45dny2— Dr. Devendra Bhasin (@DrDBhasin) January 19, 2022
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।