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December 14, 2024

हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है ईद पर्व, मस्जिदों और ईदगाह में अमन की दुआ, जानिए ईद और रोजे का महत्व

दुनिया के साथ ही देशभर में आज गुरुवार को ईद उल फितर का त्योहार हर्षोल्लास से मनाया जा रहा है। जहां बुधवार शाम भारत में ईद के चांद का दीदार हुआ और लोगों ने एक दूसरे को गले लगाकर ईद की बधाई दी। वहीं आज गुरुवार को देशभर में ईद का त्योहार धूमधाम से मनाई जा रही है। ईद पर मुस्लिम समाज के लोगों ने मस्जिदों और ईदगाह में ईद की नमाज अदा कर अमन की दुआ मांगी। इसके बाद एकदूसरे को गले लगाकर बधाई देते नजर आ रहे हैं। मुस्लिम बाहुल्य इलाकों के साथ ही ईदगाहों के आसपास तो दुकानों और बाजारों में रौनक नजर आई। वहां मेले जैसा माहौल बना हुआ है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

ईद उल फितर का महत्व
ईद को भाईचारे का पर्व माना जाता है। ईद के दिन मुस्लिम समाज के सभी लोग मस्जिद में सामूहिक रूप से नमाज अदा करने जाते हैं। इसके बाद सभी एक-दूसरे को गले लगाकर ईद की मुबारकबाद देते हैं। वहीं ईद के दिन हर मुस्लिम घर में कई तरह के पकवान बनाए जाते हैं, जिसमें मीठी सेवई खासतौर से बनाई जाती है। वहीं ईद के दिन नए कपड़े पहनने की भी परंपरा है। ईद के दिन मुस्लिम समुदाय के लोग मस्जिद में जुटते हैं और नमाज पढ़कर अल्लाह से अमन-चैन की दुआ मांगते हैं। ईद के दिन अपने से छोटे लोगों को ईदी देने का भी रिवाज है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

ईद मनाने के कारण
इस्लामिक मान्यता के अनुसार,पैगंबर हजरत मुहम्मद ने बद्र की लड़ाई में जीत हासिल की थी। इस जीत की खुशी में उन्होंने सबका मुंह मीठा करवाया गया था। कहते हैं किइसी दिन को मीठी ईद या ईद उल फितर के रूप में मनाया जाता है। इसके अलावा ये भी मान्यता है कि रमजान महीने के अंत में ही पहली बार कुरान आई थी। कहते हैं कि मक्का से मोहम्मद पैगंबर के प्रवास के बाद पवित्र शहर मदीना में ईद उल फितरका पर्व शुरू हुआ। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

रमजान में रोजे रखने की परंपरा
इस्लामिक मान्यताओं के मुताबिक, माह ए रमजान में रोजा रखने से अल्लाह खुश होते हैं और सभी दुआएं कुबूल होती हैं। रोजे के दौरान पूरे दिन बिना अन्न और पानी के रहना पड़ता है। इतना ही नहीं रोजा रखने वाले को और भी कई बातों का ध्यान रखना पड़ता है। जैसे- रोजा में बुरा देखना, सुनना और बोलने से बचना होता। रोजा सूरज ढलने के बाद शाम के वक्त ही इफ्तार के दौरान खोला जाता है और फिर सहरी खा कर रोजा रखा जाता है। सूरज निकलने से पहले खाए गए खाने को सहरी कहते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने ईद की दी बधाई
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने सभी देशवासियों को ईद की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट कर कहा कि मैं सभी देशवासियों, विशेष रूप से मुस्लिम भाइयों और बहनों को ईद-उल-फ़ित्र की मुबारकबाद देती हूँ। रमजान के पावन महीने के बाद मनाये जाने वाले इस पर्व से एकता, सद्भाव और भाईचारे की भावना का संचार होता है। खुशियां बांटने का यह त्योहार क्षमा और दान करने की प्रेरणा देता है। मैं इस पवित्र अवसर पर कामना करती हूँ कि हमारा देश निरंतर प्रगति के मार्ग पर बढ़े और सब देशवासी सदा अमन-चैन से रहें। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

पीएम मोदी ने दी ईद की बधाई
ईद के मौके पर पीएम मोदी ने अपने सोशल मीडिया पर आपसी भाईचारे को बढ़ने की कामना की। इसके साथ ही उन्होंने लिखा कि ये त्योहार एकजुटता और शांति की भावना फैलाए। पीएम मोदी ने सभी लोगों की खुशी और स्वस्थ रहने की भी कामना की।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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