त्रिपुरा में सीपीआइ (एम) कार्यकर्ताओं पर हमला और पार्टी कार्यालयों पर आगजनी के विरोध में मोदी सरकार का पुतला दहन
त्रिपुरा में बुधवार की सीपीआइ (एम) की रैली के दौरान हुई बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच झड़प के बाद हुई हिंसा और सीपीआइ के कार्यालयों में आगजनी की घटना के विरोध में आज देहरादून में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया।

आज राजधानी देहरादून में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के बैनर तले कार्यकर्ता गांधी पार्क के पास एकत्र हुए और जोरदार नारेबाजी के साथ मोदी सरकार का पुतला दहन किया गया। इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि त्रिपुरा की भाजपा सरकार अपनी विफलताओं को छुपाने के लिये पार्टी व समर्थकों के खिलाफ एक के बाद एक हमला कर रही है। घरो व कार्यालयों में आगजनी की जा रही हैं। पार्टी कार्यकर्ताओं की हत्याएं आम बात है। इस सब के खिलाफ में हमारी पार्टी न केवल त्रिपुरा में पूरे देश में त्रिपुरा में दमन के खिलाफ संघर्षरत हैं।
वक्ताओं ने कहा है कि बीजेपी सरकार के खिलाफ त्रिपुरा में कई किलोमीटर लंबा यह सीपीएम का मार्च था। त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री माणिक सरकार इस मार्च को लीड कर रहे थे। वक्ताओं ने कहा वैसे सीपीएम लगातार जनता की हक और अधिकार की लड़ाई और बीजेपी की तानाशाही के खिलाफ आए दिन सड़कों पर है।
वक्ताओं ने कहा कि जिन सांप्रदायिक तत्वों से माणिक सरकार ने त्रिपुरा को मुक्त करवाया था। आज वही अराजक और सांप्रदायिक ताकतें फिर से खड़ी हो चुकी हैं। गोदी मीडिया टीवी पर इस विशाल प्रदर्शन को नहीं दिखाएगा यह सत्य है। वक्ताओं ने कहा है कि माणिक सरकार का कहना है सांप्रदायिकता के खिलाफ हमें एकजुटता और संघर्ष के बलबूते पर ही त्रिपुरा को शांति का पैगाम दे सकते हैं।
पुतला दहन करने वालों में पार्टी राज्य सचिव राजेंद्र सिंह नेगी, जिला सचिव राजेन्द्र सिंह पुरोहित, पार्टी नेता सुरेंद्र सिंह सजवाण, शिवप्रसाद देवली, कमरूद्दीन, लेखराज, अनन्त आकाश, किशन गुनियाल, माला गुरूंग, सुरेन्द्र रावत, रविन्द्र नौडियाल, नितिन मलेठा, हिमांशु चौहान, देवानंद नौटियाल, भगवन्त पयाल, सत्यम, विजय भट्ट, रबैका, चन्द्र मोहन आदि शामिल थे।
गौरतलब है कि त्रिपुरा में बुधवार को बीजेपी (BJP) और सीपीआई (एम) के बीच हुई झड़प के बाद मार्क्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी के करीब आठ कार्यालयों में आगजनी और तोड़-फोड़ की गई। पूर्व मुख्यमंत्री माणिक सरकार सहित सीपीआई (एम) के नेताओं का आरोप है कि इसके लिए सत्ताधारी पार्टी बीजपी के कार्यकर्ता जिम्मेदार हैं। हालांकि बीजेपी नेताओं ने इन आरोपों को नकारा है। ये हिंसक घटनाएं अगरतला और राज्य के तीन अन्य जिलों में हुई है। हालांकि झड़प की वजह पूरी तरह साफ तो नहीं हुई, लेकिन बताया यह जा रहा है कि जब सीपीआई (एम) की यूथ विंग ने गोमती जिले के उदयपुर में रैली निकाली। उस दौरान बीजेपी कार्यकर्ताओं का एक समूह वहां मौजूद था। इस दौरान दोनों में झड़प हो गई।
Bhanu Bangwal
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।