वयोवृद्ध शिक्षाविद रमेश चंद्र नैथानी का निधन, जानिए उनके बारे में
हिमालय पर्यावरण पर बीस से अधिक शोध पत्र लिखने वाले वयोवृद्ध शिक्षाविद् रमेश चन्द्र नैथानी का लंबी बीमारी के चलते 98 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वह पिछले एक महीने से बीमार चल रहे थे। शिक्षा के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल करने वाले रमेश चन्द्र नैथानी जौलीग्रांट अस्पताल देहरादून में गुर्दे की बीमारी के चलते भर्ती थे। रविवार को सुबह दस बजे उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया।
सोमवार को हरिद्वार में सूक्ष्म रूप से उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। स्व नैथानी अपने पीछे भरा पूरा परिवार छोड़ गए हैं। मूल रूप से पौड़ी जिले के निवासी स्व. नैथानी का जन्म वर्ष 1923 में हुआ था। उनकी प्राथमिक शिक्षा गांव जाख पट्टी कफोलस्यू में हुई। उच्च शिक्षा इलाहबाद विश्वविद्यालय से हुई।
इलाहबाद विश्वविद्यालय में वह वर्ष 1951 में भूगोल विषय में गोल्ड मेडलिस्ट भी रहे। कोटद्वार समेत उत्तराखंड के विभिन्न महाविद्यालयों में वह प्रधानाचार्य पद पर रहे। वर्ष 1985 में सेवानिवृत्त के बाद उनके द्वारा हिमालय पर्यावरण पर 20 से अधिक शोध पत्र लिखे। इसमें हिमालयी क्षेत्र में पर्यावरण को लेकर विस्तृत रूप से शोध किया गया है। साथ ही हिमालय पर उनके द्वारा रेडियंट हिमालय नाम की पुस्तक भी प्रकाशित की। उनके दामाद डीआईजी उपेन्द्र प्रकाश बलूदी वर्तमान में एसएसएसबी दिल्ली में तैनात हैं। उन्होंने बताया कि सोमवार को उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।