झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन को ईडी ने मनी लॉंड्रिंग केस में भेजा समन, पूछताछ के लिए बुलाया
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। मनी लॉन्ड्रिंग केस में प्रवर्तन निदेशालय ने उन्हें समन जारी किया है। ईडी ने हेमंत सोरेन के 14 अगस्त को पूछताछ के लिए बुलाया है। ईडी का आरोप है कि जमीन घोटाले में सीएम सोरेन के साथ उनके परिवार के सदस्यों का भी हाथ है। इस मामले में अब तक 13 लोगों की गिरफ्तारी की जा चुकी है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
रांची में हुए जमीन घोटाले मामले में रांची प्रमंडल के तत्कालीन आयुक्त नितिन मदन कुलकर्णी की रिपोर्ट के आधार पर जांच हो रही है। सेना के कब्जे वाली जमीन के सिलसिले में जांच कर आयुक्त ने रिपोर्ट सरकार को सौंपी थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि फर्जी नाम और पते के आधार पर सेना की जमीन पर अवैध कब्जा किया गया है। रांची नगर निगम ने इस मामले की शिकायत दर्ज कराई। ईडी ने इसी प्राथमिकी को इसीआईआर के रूप में दर्ज किया और जांच शुरू की। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ईडी ने इस मामले में 1000 करोड़ रुपये से अधिक के अवैध खनन से संबंधित पीओसी की पहचान की है। मामले में ईडी की गई जांच के दौरान कई तारीखों पर पूरे भारत में 47 स्थानों पर तलाशी ली गई। इसके परिणामस्वरूप 5.34 करोड़ कैश जब्त की गई। बैंक की शेष राशि को फ्रीज कर दिया गया। इसके अलावा ईडी ने हाइवा ट्रक, दो एके -47 असॉल्ट राइफलों के साथ कई आपत्तिजनक दस्तावेज भी जब्त किए हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ईडी ने जमीन घोटाले से जुड़े अवैध खनन मामले में झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन से पहले 18 नवंबर 2022 को करीब 10 घंटे तक पूछताछ की थी। सोरेन ने पूछताछ के बाद ईडी को एक ओपन लेटर लिखा था। अब एक बार फिर से हेमंत सोरेन को ईडी ने पूछताछ के लिए बुलाया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस बीच जमीन घोटाले मामले में ईडी न्यूक्लियस मॉल के मालिक विष्णु अग्रवाल से पूछताछ कर रही है। कोर्ट ने विष्णु अग्रवाल से पूछताछ के लिए चार दिनों की रिमांड दी थी। विष्णु अग्रवाल को 31 जुलाई को गिरफ्तार कर लिया गया था। ईडी के अधिकारियों ने उनसे पांच घंटे से अधिक पूछताछ की। उनके जवाब से संतुष्ट नहीं होने के बाद गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद दूसरे दिन कोर्ट में पेश किया गया। जहां से उन्हें ईडी को पांच दिनों की रिमांड पर भेजा गया।
नोटः सच का साथ देने में हमारा साथी बनिए। यदि आप लोकसाक्ष्य की खबरों को नियमित रूप से पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गए आप्शन से हमारे फेसबुक पेज या व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ सकते हैं, बस आपको एक क्लिक करना है। यदि खबर अच्छी लगे तो आप फेसबुक या व्हाट्सएप में शेयर भी कर सकते हो।
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।