उत्तराखंड से चमोली से दिल्ली एनसीआर तक भूकंप के झटके, चमोली रहा केंद्र, चमोली में वर्ष 99 में आया था बड़ा भूकंप
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उत्तराखंड से लेकर दिल्ली एनसीआर तक देर रात भूकंप के झटके महसूस किए गए। इसका केंद्र उत्तराखंड में चमोली जिले के जोशीमठ में जमीन के भीतर करीब 22 किलोमीटर था। इसकी रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 4.3 दर्ज की गई। ये झटके 23/24 मई की रात 12 बजकर 31 मिनट पर महसूस किए गए। रात को अचानक झटके महसूस किए जाने से लोग घरों से बाहर निकल गए। बताया जा रहा है कि काफी लोगों को तो गहरी नींद के चलते इसका पता तक नहीं चला। अभी किसी नुकसान की सूचना नहीं है। ये झटके दिल्ली एनसीआर तक महसूस किए गए। वर्ष 1999 में चमोली में बड़ा भूकंप आ चुका है। ऐसे में यहां के लोग भूकंप के हल्के झटके से भी सिहर उठते हैं।
भूकंप की दृष्टि से संवेदनशील उत्तराखंड
भूकंप की दृष्टि से उत्तराखंड बेहद संवेदनशील है। राज्य के अति संवेदनशील जोन पांच की बात करें इसमें रुद्रप्रयाग (अधिकांश भाग), बागेश्वर, पिथौरागढ़, चमोली, उत्तरकाशी जिले आते हैं। ऊधमसिंहनगर, नैनीताल, चंपावत, हरिद्वार, पौड़ी व अल्मोड़ा जोन चार में हैं और देहरादून व टिहरी दोनों जोन में आते हैं।
उत्तरकाशी और चमोली में आ चुके हैं बड़े भूकंप
उत्तरकाशी में 20 अक्टूबर 1991 को 6.6 तीव्रता का भूकंप आया था। उस समय हजारों लोग मारे गए थे। साथ ही संपत्ति को भी अत्यधिक क्षति हुई थी। इसके बाद 29 मार्च 1999 में चमोली जिले में उत्तराखंड का दूसरा बड़ा भूकंप आया। भारत के उत्तर प्रदेश (अब उत्तराखंड) राज्य में आया यह भूकंप हिमालय की तलहटियों में 90 वर्षों का सबसे शक्तिशाली भूकंप था। इस भूकंप में 103 लोग मारे गए थे।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।
पता नहीं लगा कब आया