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December 15, 2024

सज गए हैं दुर्गा पूजा पंडाल, पूजा महोत्व आज से, दून में कालिंदी एनक्लेव में होगा 12 वां शरदोत्सव

दुर्गा पूजा एक हिंदू त्योहार है। इसे दुर्गोत्सव या शरदोत्सव के रूप में भी जाना जाता है। वर्षों से दुर्गा पूजा भारतीय संस्कृति का एक अभिन्न हिस्सा बन गई है। वहीं पौराणिक कथाओं में यह माना जाता है कि देवी अपने भक्तों को आशीर्वाद देने के लिए इस समय धरती पर आती हैं। बंगाली समुदाय के लिए दुर्गा पूजा सबसे बड़ा त्योहार है। इस वर्ष महाषष्ठी 1 अक्टूबर और विजयादशमी 5 अक्टूबर को पड़ रही है। दुर्गा पूजा पंडालों में भी महाषष्ठी या फिर महापंचमी की शाम से पूजा महोत्सव आरंभ हो जाता है। ऐसे में पूजा पंडालों में जोरदार तैयारी चल रही हैं। दुर्गा पूजा का महत्व धर्म और करुणा, भाईचारे, मानवता, कला और संस्कृति के उत्सव के रूप में प्रतिष्ठित है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में भी पूजा पंडाल सजने लगे हैं। जगह जगह इसकी तैयारी नजर आ रही है। बंगाली अब दुर्गा पूजा बंगाली समाज तक सीमित नहीं रह गई है। दूनघाटी मां दुर्गा सेवा समिति (रजि) देहरादून के तत्वावधान में 12वें शरदोत्सव का आगाज आज से कालिन्दी पार्क कांवली में होगा। शरदोत्सव की तैयारियां जोरों पर हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

ये हैं पूजन कार्यक्रम
महापंचमी पूजा पूजा महोत्व सांय 7:15 बजे देवी बोधन के साथ होगी। इसके बाद रात 8:30 बजे गरबा नृत्य होगा। अगले दिन एक अक्टूबर 022 को प्रात: महाषष्ठी पूजा 7बजे प्रातः की जाएगी। संध्या आरती 7 बजे सांय होगी। इसके बाद बच्चों की ओर से रात आठ बजे रंगारंग कार्यक्रम की प्रस्तुति दी जाएगी। दो अक्टूबर को महासप्तमी श्री श्री दुर्गा पत्रिका 8:15 बजे प्रात: होगी, पुष्पांजलि एवं प्रसाद वितरण सुबह 11बजे, भोग दोपहर एक बजे , संध्या आरती 7:00बजे सांय, बच्चों का रंगारंग कार्यक्रम रात 8:00 बजे होगा। तीन अक्टूबर को महाअष्टमी पूजा सुबह 8:30 बजे, पुष्पांजलि एवं प्रसाद वितरण 11 बजे, भोग एक बजे, संघी पूजन एवं बलिदान एक बजे, 501 दियों की महाआरती शाम 7 बजे से होगी। इसके बाद रात नौ बजे से प्रख्यात गायक पवन गोदियाल माता के भजनों की प्रस्तुति देंगे। साथ ही दुर्गा जी के अलग स्वरूपों की झाकियां सजाई जाएगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

अगले दिन चार अक्टूबर को पूजा 8:30 बजे प्रात:, पुष्पांजलि एवं प्रसाद वितरण 10:30, हवन पूर्णाहुति 12 बजे, भोग भंडारा दोपहर एक बजे से, संघ्या आरती 7 बजे, बच्चों का सांस्कृतिक कार्यक्रम रात 8 बजे, पुरस्कार वितरण रात नौ बजे होगा। पांच अक्टूबर को विसर्जन व दैवी नौकायें गमन होगा। इसके तहत दशमी पूजा 8 बजे प्रात:, सिन्दूर खेला सुबह 9:15 बजे, विसर्जन के लिए हरिद्वार प्रस्थान सुबह 10बजे, शान्ति जल एवं विजय सम्मेलन रात आठ बजे शाम को होगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

आयोजकों में ये हैं शामिल
शरदोत्सव के आयोजकों में दूनघाटी मां दुर्गा सेवा समिति के संरक्षक धर्म सोनकर, अध्यक्ष रामपद जाना, उपाध्यक्ष नीरज अग्रवाल, सचिव अनन्त आकाश, कोषाध्यक्ष निमई, संगठन सचिव नन्द किशोर, प्रचार सचिव हरीश चन्द झा, मनीष गुप्ता, एसएन सिंह, प्रदीपसिंह, भोलेनाथ राय, प्रभाकर गुप्ता, संजीव जैन, केके कुमार, अमित शाह आदि अनेक शामिल हैं।

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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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