गढ़वाल सभा देहरादून में नाट्य कार्यशाला शुरू, डॉ. सुनील कैंथोला के नाटक को डॉ सुवर्ण रावत कराएंगे तैयार
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इस मौके पर स्वागत करते हुए अध्यक्ष रोशन धस्माना ने खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि आज बहुत बड़ी संख्या में कार्यशाला के लिए रंगकर्मी उपस्थित हुए हैं। इससे पता चल रहा है कि उत्तराखंड में नाट्यकर्म का भविष्य उज्ज्वल हैं। एस पी ममगाईं जी ने अपने उद्बोधन में कहा नाट्य विधा से व्यक्ति की योग्यताओं में निखार आता है। अविनंदा ने कहा यह स्क्रिप्ट बहुत अच्छी है और यह नाटक बहुत निखर कर आएगा। इस कार्यशाला के निर्देशक सुवर्ण रॉवत ने कहा कि यह नाटक अपनी मिट्टी के मूल से जुड़ा होगा। इसमें भोला बरदारी, श्रीदेव सुमन, नागेंद्र दत्त सकलानी, चंद्र सिंह गढ़वाली आदि के देशभक्तों के चरित्रों के विषय मे भी दिखाया जाएगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि देहरादून के रंगकर्मी इस कार्यशाला को सशक्त बनाएंगे। इससे हम इस प्रस्तुति को देहरा डून के अतिरिक्त भी बिभिन्नं स्थानों पर कर सकें। इस नाटक में गीतों को रचने वाले रंगकर्मी व कवि मदन ढुकलान ने भी नाटक का सार बताते हुए कहा कि इसमे गीतों की बहुत महत्ता है। वातायन संस्था के सचिव गजेंद्र वर्मा ने सभी का धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि अच्छा अभिनेता बनने के लिए कार्यशाला का बहुत अधिक महत्व है। क्योंकि कोई भी व्यक्ति अभिनेता रातों रात नही बन जाता। उसके लिए कार्यशाला से ही निखार आ सकता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने प्रस्तावित नाटक के टिहरी रियासत की 1947 से 1949 के बीच के घटनाक्रम का ज़िक्र किया। उन्होंने बताया कि यह कार्यशाला रंगकर्मियों के लिए गढ़वाल सभा भवन में प्रतिदिन शाम 5.00 बजे से निशुल्क है। संचालन सांस्कृतिक सचिव पंडित उदय शंकर भट ने किया। इससे पहले पहाड़ की बेटी दिवंगत अंकिता भंडारी की जघन्य हत्या के विरोध में सभा द्वारा 2 मिनट का मौन भी रखा गया। सदस्यों ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी से अंकिता भंडारी के हत्यारो को सख्त से सख्त सजा दिलाने की मांग की। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस अवसर पर उपरोक्त व्यक्तियों के अतिरिक्त प्रवक्ता अजय जोशी, कोषाध्यक्ष संतोष गैरोला, डॉ सूर्य प्रकाश भट्ट, संयोजक दिनेश बौराई, हरीश भट्ट, प्रसिद्ध रंगकर्मी टी के अग्रवाल, महावीर रवांलटा, अभिषेक मेंदोला, विमला ढोंडियाल, प्रदीप घिल्डियाल, नीरा नंदा, बबिता अनंत, सुनीता मोहन, कीर्ति भंडारी, नत्था सिंह पंवार, गोकुल पंवार, कुसुम पंत, विजय भट्ट आदि उपस्थित थे।
डा. सुवर्ण रावत के बारे में
डा. सुवर्ण रावत ने राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय से स्नातकोत्तर व फ़िल्म एवं टेलीविज़न इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया पुणे से फ़िल्म अपरिसिएशन कोर्स किया।राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय थिएटर इन एजुकेशन के संस्थापक सदस्य हैं। थिएटर में पीएचडी एवं शिक्षा के क्षेत्र में संस्कृति मंत्रालय से वह सीनियर रिसर्च फ़ेलोशिप प्राप्त हैं। सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम के अंतर्गत उन्होंने लंदन, यूके के अलावा वॉरसॉ, पोलैंड के अंतर्राष्ट्रीय नाट्य समारोह में बतौर अभिनेता भागीदारी की है। वह कला दर्पण संस्था के संस्थापक एवं निदेशक हैं। अभिनय के क्षेत्र में प्रशिक्षण देने के अलावा उन्होंने अनेक नाटकों में लेखन, परिकल्पना, अभिनय व निर्देशन किया है। रंगमंच के अलावा उन्होंने दूरदर्शन एवं फिल्म में भी अभिनय किया है। उन्हें रंगमंच एवं शिक्षा की विधा में योगदान के लिए मोहन उप्रेती लोक संस्कृति कला एवं विज्ञान शोध समिति सम्मान भी मिला है।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।