सीडीएस जनरल बिपिन रावत को समर्पित शिक्षिका डॉ. पुष्पा खण्डूरी की कविता-श्रद्धासुमन
श्रद्धासुमन
देश के पहले CDS
बिपिन रावत जी आप
उत्तराखण्ड की शान हैं।
भारत माँ की आन हैं।
आप इस देश की सारी
सीमाओं के अटल प्रहरी थे।
गीतों में जैसे राष्ट्गान है।
सफर आखिरी बना आपका
ये मौत नहीं बलिदान है।
मरकर भी तुम अमर रहोगे
हर दिल का तुम अरमान हो
धन्य -धन्य वह उत्तराखण्ड भूमि
जिसमें उपजते तुमसे लाल हैं।
वीर – प्रसु यह भूमि अमर है
आज यहाँ का कण – कण
गर्व से फिर हुआ रौबीला है
पर हर हृदय अश्रु से गीला है
आज हिमालय की कोख
से बहती इसकी सब नदियाँ
गंगा हो या यमुना, पानी नहीं
मानो अश्रु – धार बहाती हैं।
यहां उत्तराखंड की सुबह आज
ओस से नहीं मानोअश्रु से गीली है
आँखों से आज बरस रहे अश्रु हैं
और दिल में सौ -सौ उद्गार हैं॥
जो उमड़ – घुमड़ कर टूट
गिर रहे हर आखों से मोती जैसे
ये अमर तुम्हारा प्यार है।
आज श्रद्धा सुमन तुम्हें चढ़ाने को
तुम्हारी एक झलक भी पाने को
हम देशवासी सब तत्पर हैं
हर इक आंखों में आँसू और
हर दिल -दिल में जैसे उमड़ रहा
हो अनगिनत भावों का सैलाब है।
एक और भारत माँ का लाल
जो रक्षक था इस भारत भू का
दुश्मनों का दिल दहलाता था
प्रेरक बन अब देशभक्त नौजवानों
का भारत का प्रहरी बन जाएगा!
जब तक सूरज चाँद रहेगा।
बिपिन रावत जी तब तक स्वर्णाक्षरों सदा आपका
अमर ये नाम रहेगा॥
जयहिन्द, जय हिन्द की सेना
कवयित्री का परिचय
डॉ. पुष्पा खण्डूरी
एसोसिएट प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष हिन्दी
डीएवी (पीजी ) कालेज, देहरादून, उत्तराखंड।