पुस्तक “मै बंजारा ” की समीक्षा कर रहे हैं डॉ. अतुल शर्मा
“मै बंजारा ” जयप्रकाश पंवार जेपी की यात्रा संस्मरण की महत्वपूर्ण पुस्तक है। चैनल माउन्टेन कम्पोजीशन के संस्थापक जयप्रकाश पंवार जेपी की पुस्तक में उत्तराखंड के बहुत से इलाकों की गई यात्राओं का वर्णन है। इनमे हरियाली की देवी यात्रा मेरु साइकिल यात्रा तुंगनाथ से तुंगनाथ पहली बार केदार यात्रा मद्महेश्वर की ओर नंदा के साथ यात्रा रुपकुंड पहली यात्रा रुपकुंड पहली यात्रा यमुना टौंस की घाटी पुरोला मे कोटी बनाल देहरादून से नार्थ कार्बेट यात्राएं लिपिबद्ध की हैं ।
यात्रा संस्मरण मे इस लिये गहराई है। क्योकि जेपी ने चप्पे चप्पे से जुड़कर लगातार यात्राएं की हैं। वहां के जनजीवन और परिस्थितियों सहित पर्यावरण आदि का वास्तविक चित्रण है। 217पृष्ठो की इस पुस्तक में विभिन्न स्थानों के चित्र भी हैं । यह बहुत पठनीय है। पाठक को मुकम्मल जानकारी मिलती है। लगता है कि पाठक यात्रा मे शामिल है।
जयप्रकाश पंवार जे पी यूं तो कवि लेखक और फिल्मकार है। उन्होंने इस पुस्तक में परिचय के रूप मे बताया है कि उनकी डाक्यूमेंट्री फिल्म बहुत चर्चित रही है ।
सभी यात्रा संस्मरण बहुत रोचक व जानकारी मे परिपूर्ण हैं ।
पुस्तक : मै हूं बन्जारा
लेखक-जयप्रकाश पंवार जेपी
संस्कृति विभाग उत्तराखंड से प्रकाशित ।
मूल्य 299रु मात्र
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पुस्तक समीक्षा-डॉ. अतुल शर्मा
डॉ. अतुल शर्मा उत्तराखंड के जाने माने जनकवि एवं लेखक हैं। उनकी कई कविता संग्रह, उपन्यास प्रकाशित हो चुके हैं। उनके जनगीत उत्तराखंड आंदोलन के दौरान आंदोलनकारियों की जुबां पर रहते थे।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।