उत्तराखंड में महिला सुरक्षा को लेकर दून सिटीजन फोरम उतरा सड़कों पर, बड़ी संख्या में छात्राओं ने की भागीदारी
उत्तराखंड में महिलाओं पर बढ़ते अत्याचारों के खिलाफ अब आम नागरिक भी सड़कों पर उतरने शुरू हो गए हैं। देहरादून सिटीजन फोरम ने आज यानि कि शनिवार 31 अगस्त को महिला सुरक्षा के मुद्दे पर जोरदार प्रदर्शन किया। ये प्रदर्शन उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में गांधी पार्क पर हुआ। इसमें खास बात ये रही कि कई स्कूलों की छात्राओं ने भी इसमें बढ़चढ़कर भाग लिया। साथ ही विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि भी इस प्रदर्शन में शामिल हुए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उत्तराखंड में बढ़ रही हैं अपराधिक घटनाएं
पिछले कुछ दिनों से उत्तराखंड में महिला अत्याचार की घटनाओं में वृद्धि हुई है। उधमसिंह नगर जिले के रुद्रपुर में नर्स की रेप के बाद हत्या कर दी गई। इसी तरह देहरादून आईएसबीटी में बस में किशोरी के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया। यही नहीं एक दिन पहले खुलासा हुआ कि अल्मोड़ा जिले के सल्ट में किशोरी से बीजेपी के मंडल अध्यक्ष ने बलात्कार किया है। हरिद्वार सहित कोई जिला ऐसा नहीं है, जहां ऐसे मामले सामने नहीं आ रहे हैं। यही नहीं, हरिद्वार में तो एक जिम ट्रेनर की तालाब में डूबने से मौत हुई। इस पर भी सवाल उठ रहे हैं कि उसे कहीं जबरन डुबाया तो नहीं गया। इस मामले में भी पुलिस पर आरोप लग रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दून सिटिजन फोरम के बारे में
दून सिटीजन फोरम में अधिकांश वरिष्ठ नागरिक शामिल हैं। वे उत्तराखंड में पर्यावरण की चिंता करते हैं। देहरादून में तो कई स्थानों पर पेड़ों पर आरी चलाने के खिलाफ उन्होंने आंदोलन किए और सफलता भी मिली। पर्यावरण संरक्षण के साथ ही ये लोग शहर के विभिन्न ज्वलंत मुद्दों को लेकर सजग हैं। देहरादून में खलंगा, कैनाल रोड, कैंट रोड आदि क्षेत्रों में इस फोरम ने पेड़ों के कटान की योजना के विरोद में आंदोलन किया और सफलता भी मिली। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
गांधी पार्क में प्रदर्शन, राष्ट्रपति को भेजा ज्ञापन
देहरादून में सतत विकास और पर्यावरण के विभिन्न मुद्दों पर काम करने वाले संगठन देहरादून सिटीजन फोरम (डीसीएफ) ने महिला सुरक्षा के मुद्दे पर देहरादून में गांधी पार्क के गेट के सामने जोरदार प्रदर्शन किया। डीसीएफ के बैनर तले इस प्रदर्शन में शहर वासियों के साथ ही दर्जनों सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने भागीदारी की। इस दौरान राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, उत्तराखंड के राज्यपाल, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव को 12 बिंदुओं पर महिला सुरक्षा आधारित ज्ञापन भी प्रेषित किया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
प्रदर्शनकारियों ने आईएसबीटी देहरादून में नाबालिग के साथ सामूहिक बलात्कार, रुद्रप्रयाग में नर्स की बलात्कार के बाद हत्या जिक्र किया। साथ ही वे कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर की रेप के बाद हत्या का जिक्र करना नहीं भूले। उत्तराखंड में अंकिता भंडारी की हत्या का जिक्र करते हुए उन्होंने इस मामले में भी सरकार से सवाल पूछे। गौरतलब है कि अंकिता भंडारी की हत्या में बीजेपी नेता और उसके बेटे के साथ कई गिरफ्तार हुए थे। इस मामले में एक वीआईपी का जिक्र भी हुआ था। उस वीआईपी को विशेष सेवा देने के लिए अंकिता पर दबाव बनाने की बात कही गई थी, लेकिन आज तक सरकार या कहें पुलिस उस वीआईपी का नाम तक उजागर नहीं कर पाई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
वक्ताओं ने जताई चिंता
इस मौके पर वक्ताओं ने महिलाओं को सुरक्षा न दिये जाने पर चिंता जताई और सरकार से महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की। वक्ताओं का कहना था कि अपराधियों को गिरफ्तार कर लेना तो ठीक है। साथ ही सवाल यह है कि महिलाओं के साथ इस तरह की घटनाएं क्यों हो रही हैं। आईएसबीटी जैसे सार्वजनिक स्थान पर महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित क्यों नहीं की जाती। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मांग पत्र के 12 बिंदुओं की जानकारी की साझा
प्रदर्शन के दौरान मांग पत्र के 12 बिंदुओं की जानकारी साझा की गई। मांग पत्र में कहा गया कि भारत का संविधान हर नागरिक को आजादी की बात करता है और यह आजादी महिलाओं के लिए भी है। देश के विकास में महिलाएं भी बराबर की भागीदार रही हैं, ऐसे में महिलाओं की सुरक्षा से समझौता किसी भी हालत में संभव नहीं है। इसलिए महिलाओं सहित सभी नागरिकों के लिए भयमुक्त वातावरण बनाने की जरूरत है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ये की गई मांग
मांग पात्र में उत्तराखंड और कोलकाता की घटनाओं में शीघ्र न्याय दिलाने की मांग की गई। साथ ही अंकिता भंडारी के मामले में भी देाषियों को जल्द से जल्द सजा दिलाने की बात की गई है। इसके साथ ही बलात्कार के मामलों में त्वरित सुनवाई, मिडिल स्कूल स्तर से जागरूकता सत्र, सरकारी एजेंसियों और पुलिस कर्मियों के लिए लिंग संवेदनशीलता कार्यशालाएं, देहरादून में रात में पुलिस गश्त बढ़ाने, सार्वजनिक स्थानों पर महिलाओं के लिए स्वच्छ और सुरक्षित शौचालय बनाने, सीसीटीवी टेक्नोलॉजी का इस्तमाल, सड़कों मैं रोशनी, कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न की रोकथाम, इन मामलों में नागरिक संगठनों का सहयोग लेने, देहरादून में बढ़ती गुंडागर्दी और बेहिसाब तौर से शराब की दुकानों और पब कल्चर पर रोक लगाने जैसी मांगें की गई हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ये रहे मुख्य वक्ता
प्रदर्शन के दौरान सभा का संचालन सामाजिक कार्यकर्ता और भूतपूर्व बैंक यूनियन नेता जगमोहन मेहंदीरत्ता ने किया। इस मौके पर रामिंद्री मनद्रियाल, आशा डोभाल, सरगम मेहरा, जया सिंह, कमला पंत, रंजोना बनर्जी, लोकेश ओहरी, प्रदीप कुकरेती, आशीष गर्ग, ब्रिगेडियर केजी बहल, नवीन सदाना आदि ने महिला सुरक्षा संबधी विचार रखे। साथ ही आसरा की छात्राओं ने नाटक प्रस्तुत किया। जनकवि अतुल शर्मा और वरिष्ठ पत्रकार त्रिलोचन भट्ट ने जनगीतों के माध्यम से लोगों को जगाने का प्रयास किया। सुषमा वर्मा ने कविता के माध्यम से महिला सुरक्षा पर उपस्थित लोगों को जागरूक किया। अनूप नौटियाल ने मांगपत्र पढ़कर सुनाया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
प्रदर्शन में ये रहे शामिल
प्रदर्शन में धाद, महिला मंच, सिटीजन्स फॉर ग्रीन दून, फ्रेंड्स ऑफ दून, एको ग्रुप, मैड, एसडीसी फाउंडेशन, बीन थेइर दून दैट आदि संस्थाओं ने हिस्सा लिया। इनमें मुख्य रूप से डीसीएफ के कई सदस्य, लोकेश ओहरी, अनीश लाल, जया सिंह, आशीष गर्ग, डॉ. अतुल शर्मा, रामलाल भट्ट, कई युवा, स्कूल और कॉलेज की छात्राएं मौजूद थीं।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।