चंदे का धंधाः इस कंपनी ने बीजेपी को दिए 584 करोड़, बदले में मिले 14400 करोड़ रुपये के टेंडर
राजनीतिक पार्टियों को चुनावी चंदा देने की मामले में अब नए नए खुलासे हो रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद चुनाव आयोग ने इलेक्टोरल बॉन्ड के यूनिक नंबर के साथ राजनीतिक पार्टियों और कंपनियों का डाटा सार्वजनिक कर दिया है। इसके जरिए ये आसानी से पता लगाया जा सकता है कि किस कंपनी ने कितने नंबर का बॉन्ड खरीदा और उसे किस पार्टी ने भुनाया। अब धीरे धीरे सच्चाई सामने आ रही है। हमने पिछले लेखों में इसी तरह की जानकारी दी कि सबसे अधिक क़ीमत के बॉन्ड ख़रीदने वाली कंपनी फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज़ ने बीजेपी के साथ ही किस राजनीतिक दल को लाभ पहुंचाया। चुवानी चंदा देने वाली कई कंपनियां ऐसी हैं, जिन पर पहले ईडी की जांच हुई। आयकर विभाग के छापे पड़े। फिर इन कंपनियों ने चुनावी चंदा दिया। इनमें कई ने सबसे ज्यादा रकम बीजेपी को ही दी। ऐसे में आरोप लग रहे हैं कि ईडी और आयकर विभाग का डर बैठाकर ही चुनावी चंदा वसूला गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इसी तरह जिस कंपनी के मालिक को दिल्ली आबकारी घोटाले में गिरफ्तार किया। उससे भी गिरफ्तारी के बाद चुनावी चंदा बीजेपी ले चुकी है। इसी तरह बीफ का कारोबार करने वाली कंपनी से भी बीजेपी चुनावी चंदा ले चुकी है। फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज़ के बाद सबसे ज्यादा कीमत के चुनावी बांड खरीदने वाली दूसरी कंपनी हैदराबाद स्थित मेघा इंजीनियरिंग है। इस कंपनी ने पांच साल के समय में कुल 966 करोड़ रुपये के बॉन्ड ख़रीदे। इस कंपनी पर भी आयकर के छापे पड़े। इसने फिर बीजेपी को 140 करोड़ रुपये दिए। इसकी एवज में उसे 14400 करोड़ रुपये के टेंडर दिए गए। कुल मिलाकर ये कंपनी बीजेपी को 584 करोड़ रुपये का चंदा दे चुकी है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
बॉंड का 60 फीसद हिस्सा बीजेपी के खाते में
कंपनी का पूरा नाम मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (एमइआईएल) है। इसकी शुरुआत एक छोटी कॉन्ट्रैक्टिंग कंपनी के रूप में हुई थी, जो अब देश की सबसे बड़ी इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनियों में से एक बनकर उभरी है। इस कंपनी के पास तेलंगाना और मुम्बई में कई बड़े प्रोजेक्ट्स हैं।कंपनी द्वारा डोनेट किए गए इलेक्टोरल बॉन्ड का 60 प्रतिशत हिस्सा बीजेपी के पाले में रहा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पहले पड़ी थी आयकर की रेड, ईडी ने की जांच
एक समय ऐसा भी रहा जब मेघा इंजीनियरिंग के कृष्ण रेड्डी को तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव का बेहद क़रीबी माना जाने लगा था। अब उन्हें बीजेपी का बेहद क़रीबी माना जा रहा है। अक्टूबर, 2019 में आयकर विभाग के अधिकारियों ने मेघा ग्रुप पर छापे मारे थे। ईडी ने भी कंपनी की जांच की थी। इसके बाद कंपनी ने चुवानी बांड खरीदे और इसका बीजेपी को बड़ा लाभ मिला। अब आयकर विभाग और ईडी की पूर्व की कार्रवाई को कंपनी की दबाव बनाने की दृष्टि से देखा जा रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
140 करोड़ रुपये बीजेपी को देते ही मिले हजारों करोड़ों के काम
मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड ने इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए बीजेपी को 584 करोड़ रुपए डोनेट किए हैं। इसी फर्म को मई 2023 में हजारों करोड़ रुपए का एक प्रोजेक्ट का टेंडर मिला। ताज़ा जानकारी ये है कि इस प्रोजेक्ट के मिलने से एक महीने पहले बीजेपी ने इलेक्टोरल बॉन्ड में कंपनी द्वारा डोनेट किए हुए रुपयों में से 140 करोड़ रुपए भुनाए थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
966 करोड़ के बॉंड किए डोनेट
इंडिया टुडे की खबर के मुताबिक, मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड हैदराबाद बेस्ड कंपनी है। इलेक्टोरल बॉन्ड में सबसे ज्यादा रुपए डोनेट करने वाली कंपनियों में इसका नाम दूसरे नंबर है। कंपनी ने टोटल 966 करोड़ रुपए इलेक्टोरल बॉन्ड में डोनेट किए हैं। इसमें से डोनेशन का करीब 60 प्रतिशत हिस्सा 584 करोड़ रुपए बीजेपी के पास गया। बीजेपी के अलावा भारतीय राष्ट्र समिति (BRS) को भी कंपनी ने 195 करोड़ रुपए दिए हैं। बता दें कि तेलंगाना में भी कंपनी के पास कई बड़े प्रोजेक्ट हैं और 2023 दिसंबर तक राज्य में BRS की ही सरकार थी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
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कंपनी को मिला ये बड़ा प्रोजेक्ट
मुंबई स्थित संजय गांधी नेशनल पार्क के नीचे से थाने से बोरीवली ट्विन टनल प्रोजेक्ट बनना है। बीजेपी को चुनावी चंदा देने के बाद साल 2023 में मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को इस प्रोजेक्ट का टेंडर मिला। टेंडर की कीमत 14,400 करोड़ रुपए थी। इस प्रोजेक्ट के तहत बनने वाली टनल 11.84 किलोमीटर लंबी है। प्रोजेक्ट दो हिस्सों में बंटा हुआ है। इसे पूरा करने की समय सीमा चार साल है। साथ ही इस कंपनी को एक ज्वाइंट वेंचर के तहत मुंबई के बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स में बुलेट ट्रेन स्टेशन बनाने का भी टेंडर मिला है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
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समय से काम पूरा ना होने पर लगा था फाइन
हाल ही में कंपनी पर एक प्रोजेक्ट को पूरा करने में देरी होने पर फाइन भी लगा था. सूत्रों के मुताबिक बृहन्मुंबई महानगर पालिका (BMC) कंपनी पर हर्जाना लगा चुकी है। दरअसल कंपनी को एक रोड बनाने का टेंडर मिला था। इस टेंडर की कीमत 1800 करोड़ रुपए थी। समय से काम पूरा न होने पर कंपनी पर हर्जाना लगा था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सुप्रीम कोर्ट ने दिए थे ये आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से 21 मार्च तक इलेक्टोरल बॉन्ड के अल्फा न्यूमरिक नंबर्स जारी करने के लिए कहा था। इस अल्फ़ा न्यूमरिक नंबर्स से पता चलना था कि किस राजनीतिक पार्टी को किस कंपनी या व्यक्ति से चंदे के रूप में कितनी बड़ी रक़म मिली है। सुप्रीम कोर्ट के नए आदेश से पहले एसबीआई अल्फ़ा न्यूमरिक नंबर देने से बच रहा था।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।