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December 22, 2024

चंदे का धंधाः घाटे में चल रही 33 कंपनियों ने बीजेपी को दिए 434 करोड़, कई के टैक्स किए जीरो, आप नेता संजय सिंह ने बताया भ्रष्टाचार

इस बार लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान जहां पीएम नरेंद्र मोदी विपक्षी गठबंधन इंडिया को घोटालेबाजों का जमावड़ा बता रहे हैं, वहीं, इलेक्टोरल बांड को लेकर कई खुलासे उजागर हो रहे हैं, जिसमें बीजेपी पर ही भ्रष्टाटार के सीधे आरोप लग रहे हैं। ऐसे में विपक्ष भी इस मुद्दे को गरमाए हुए है। अब द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, देश में घाटे में चल रही 33 कंपनियों ने इलेक्टोरल बांड के जरिये विभिन्न राजनीतिक दलों को कुल ₹576.2 करोड़ का दान दिया। इसमें से 75 फीसद राशि यानि कि ₹434.2 करोड़ भाजपा की ओर से भुनाए गए हैं। इससे पहले भी हम चुनावी चंदे को लेकर कई रिपोर्ट कर चुके हैं। इसमें ऐसी बातें भी उजागर हो चुकी हैं कि कई कंपनियों पर जब ईडी और सीबीआई का दबाव पड़ा तो कंपनियों ने जांच से बचने के लिए करोड़ों रुपये का चुनावी चंदा दिया। यही नहीं, जिस कंपनी के स्वामी पर आबकारी नीति के तहत दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को रिश्वत देने का आरोप लगा, वह भी जेल जाने के पांच दिन बाद ही बीजेपी को पांच करोड़ का चुनावी चंदा देता है। इसके बाद वह कुल 52 करोड़ रुपये का और दान देता है और उसकी जमानत का ईडी विरोध नहीं करती है। ऐसे में उसे जमानत मिल जाती है। सुप्रीम कोर्ट ने भी इलेक्टोरल बांड को असंवैधानिक बताते हुए इसे रद्द कर दिया था। अब समझो गुप्त दान के नाम पर खेल कैसा खेला जा रहा था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

अब हुआ ये खुलासा
खुलासा हुआ कि घाटे में चल रही 33 कंपनियों ने बीजेपी को चुनावी चंदा दिया तो इसकी एवज में इन कंपनियों का टैक्स शून्य कर दिया गया। इन कंपनियों को 2016-17 से 2022-23 तक सात वर्षों में कर के बाद नकारात्मक या लगभग शून्य लाभ हुआ। इन 33 कंपनियों का कुल शुद्ध घाटा ₹1 लाख करोड़ से अधिक था। इन 33 कंपनियों (श्रेणी ए) में से 16 ने कुल मिलाकर शून्य या नकारात्मक प्रत्यक्ष कर का भुगतान किया। घाटे में चल रही इन कंपनियों ने इतना बड़ा दान दिया है कि यह संकेत मिलता है कि वे अन्य कंपनियों के लिए मुखौटे के रूप में काम कर सकती हैं। या उन्होंने अपने लाभ और घाटे की गलत जानकारी दी है। ऐसे में मनी लॉन्ड्रिंग की संभावना बढ़ गई है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इसी तरह छह कंपनियों ने कुल ₹646 करोड़ का दान दिया, इसमें से ₹601 करोड़ (93%) भाजपा ने भुना लिया। 2016-17 से 2022-23 तक कुल मिलाकर उनका शुद्ध लाभ सकारात्मक था, लेकिन इलेक्टोरल बांड के माध्यम से दान की गई राशि उनके कुल शुद्ध लाभ से काफी अधिक थी। ये कंपनियाँ (श्रेणी बी) अन्य कंपनियों के लिए मुखौटे के रूप में भी काम कर सकती थीं या उन्होंने अपने लाभ और हानि की गलत जानकारी दी होगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

तीन कंपनियों ने कुल मिलाकर ₹193.8 करोड़ का दान दिया, जिसमें से ₹28.3 करोड़ (लगभग 15%) भाजपा ने भुना लिया। बाकी में से, कांग्रेस को ₹91.6 करोड़ (47%), तृणमूल को – ₹45.9 करोड़ और 24%, बीआरएस और बीजेडी को – ₹10 करोड़, प्रत्येक को 5% के करीब, और AAP को – ₹7 करोड़ और 3.6% मिले। इन तीन कंपनियों का शुद्ध मुनाफा सकारात्मक था लेकिन 2016-17 से 2022-23 तक कुल मिलाकर नकारात्मक प्रत्यक्ष कर की सूचना दी। ऐसी कंपनियां (श्रेणी सी) कर चोरी में लिप्त हो सकती हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

तीन कंपनियों (श्रेणी डी) ने ईबी में कुल ₹16.4 करोड़ का दान दिया, जिसमें से ₹4.9 करोड़ (लगभग 30%) भाजपा ने भुनाया और बाकी कांग्रेस (58%), अकाली दल और जेडी (यू) ने भुनाया। , 6.1% प्रत्येक। इन तीन कंपनियों के पास पूरे सात साल की अवधि के लिए शुद्ध लाभ या भुगतान किए गए प्रत्यक्ष करों पर कोई डेटा नहीं था, जिससे यह सवाल उठता है कि क्या दानकर्ता शेल कंपनियां थीं जो मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल थीं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पढ़ेंः चंदे का धंधाः वित्त मंत्री के पति ने चुनावी बॉंड को बताया सबसे बड़ा घोटाला, असहज निर्मला सीतारमण ने चुनाव लड़ने से किया इंकार

आप नेता संजय सिंह ने किया बड़ा दावा
लोकसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी (AAP) के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने सत्ताधारी दल बीजेपी को लेकर बड़ा दावा किया। सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उन्होंने कहा कि बीजेपी ने लाखों का भ्रष्टाचार किया है। चुनावी बॉन्ड के नाम पर घोटाला किया गया है। घाटे वाली कंपनियों ने बीजेपी को सबसे ज्यादा चुनावी चंदा दिया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की वजह से ये घोटाला सामने आया। इसके लिए मैं सुप्रीम कोर्ट को धन्यवाद देना चाहता हूं। आप सांसद ने कहा कि 33 कंपनियों को एक लाख करोड़ का घाटा हुआ है, लेकिन 450 करोड़ रुपये का चंदा बीजेपी को दिया है। वहीं, एक कंपनी अपने मुनाफे का 93 गुणा चंदा दिया। 6 कंपनियों ने बीजेपी को 600 करोड़ का चंदा दिया। 17 कंपनियों ने 0 टेक्स दिया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

बीजेपी पर करोड़ों के घोटाले का आरोप
संजय सिंह ने कहा कि प्रेस कॉन्फ्रेंस लेट करने का कारण ये है कि भाजपा का भ्रष्टाचार खोजने में कुछ नए तथ्य सामने आ जाते हैं। कितने सुनियोजित तरीके से पर्दे के पीछे लोगों से छिपाकर बीजेपी ने लाखों करोड़ों का घोटाला किया है। इलेक्टोरल बॉन्ड के नाम पर ये घोटाला हुआ। आप सासंद ने कहा कि लाखों करोड़ों के टैक्स की छूट देकर कंपनियों को करोड़ों का टेंडर दिया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

लगाए ये आरोप
-33 कंपनियां ऐसी थी, जिन्हें लाखों करोड़ों का घोटाला हुआ फिर भी उन्होंने 450 करोड़ बीजेपी को दिए।
-17 कंपनियां ऐसी हैं, जिन्होंने जीरो टैक्स दिए।
-6 कंपनियों ने 600 करोड़ दिए।
-एक कंपनी ने अपने मुनाफे से तीन गुना ज्यादा चंदा दिया।
-एक कंपनी ने अपने मुनाफे से 93 गुना टैक्स दिया।
-तीन कंपनियों ने जीरो टैक्स भरा और करोड़ों का चुनावी चंदा दिया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

एयरटेल ने 200 करोड़ का चंदा दिया
संजय सिंह ने आगे कहा कि एयरटेल ने 200 करोड़ का चंदा दिया। उसे 77 करोड़ का घाटा हुआ और 8000 करोड़ की टैक्स में छूट मिली। वहीं, 130 करोड़ के घाटे वाली कंपनी DLF को 20 करोड़ की टैक्स में छूट मिली और उसने 25 करोड़ का चंदा बीजेपी को दिया। उन्होंने कहा कि एक कंपनी धारीवाल ने 115 करोड़ का बॉन्ड खरीदा। BJP को 25 करोड़ दिए। कंपनी को 299 करोड़ का घाटा हुआ। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

टैक्स में मिली छूट
उन्होंने बताया कि PRL डेवलपर्स ने 20 करोड़ का बॉन्ड खरीदा। 10 करोड़ बीजेपी को दिया। इसे 1550 करोड़ का घाटा हुआ। 4.7 करोड़ टैक्स में छूट मिली। वहीं, शरद रेड्डी की कंपनी ने 15 करोड़ का बॉन्ड खरीदा और बीजेपी को करोड़ों दिया। इस कंपनी को 7 सालों में 28 करोड़ का घाटा हुआ। 7 करोड़ 20 लाख टैक्स छूट मिली। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

कहां है ईडी और सीबीआई
संजय सिंह ने कहा कि अब ED, CBI कहां है? ये कागज पर बनी कंपनी घाटे में होने के बावजूद बीजेपी को चंदा दे रही है। 2017 में चुनाव आयोग का एक नियम था कि अगर किसी कंपनी को पिछले 3 सालों में मुनाफा हुआ है तो वो उसका 7 फीसदी ही पार्टियों को चंदा दे सकते हैं। मतलब घाटे की कंपनी चंदा नहीं दे सकती। कागजों पर कंपनी बनाकर चंदा नहीं दे सकते। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

संजय सिंह ने आगे कहा कि हमारे मामले में तो ED, CBI गामा पहलवान बन जाती है। भाजपा के मामले में घास छिलने को रह जाती है। गजनी बन जाते हैं। कहते हैं कोर्ट जाइए। ED, CBI और इनकम टैक्स जनता के पैसों से चलती है। उन्होंने कहा कि देश में सबसे भ्रष्टतम पार्टी बीजेपी है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

चुनावी बॉन्ड के जरिये चंदा
चुनावी बॉन्ड के जरिये देश के उद्योगों और कुछ लोगों से व्यक्तिगत स्तर पर 2019 से अब तक राजनीतिक पार्टियों को 1,27,69,08,93,000 रुपए दान में मिले थे। यह खुलासा तब हुआ था, तब चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) से मिले आंकड़े वेबसाइट पर सार्वजनिक किए थे। डेटा के मुताबिक, सियासी दलों ने पांच साल में कुल 20,421 चुनावी बॉन्ड भुनाए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

सबसे ज्यादा राशि बीजेपी की झोली में
इलेक्टोरल बांड के जरिये सबसे ज्यादा 60,60,51,11,000 रुपए भाजपा की झोली में गए जो कुल राशि का लगभग आधा है। पार्टी ने एक करोड़ रुपए के 5,854 बॉन्ड और 10 लाख रुपए के 1,994 बॉन्ड भुनाए थे। उसने एक लाख और 10 हजार रुपए के अलावा 31 बॉन्ड एक-एक हजार रुपए के भी कैश कराए। दूसरे नंबर पर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने 16,09,50,14,000 रुपए के 3,275 चुनावी बॉन्ड भुनाए। इनमें 1.467 एक-एक करोड़ रुपए के और 1,384 बॉन्ड 10-10 लाख रुपए के थे, जबकि कांग्रेस ने 14,21,86,50,000 करोड़ रुपए के 3.141 चुनावी बॉन्ड भुनाए। इनमें 1.318 एक-एक करोड़ रुपए के और 958 बॉन्ड 10-10 लाख रुपए के थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

सुप्रीम कोर्ट ने बताया था असंवैधानिक
पिछले महीने, भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की पांच न्यायाधीशों की पीठ ने कहा कि चुनावी बांड योजना को असंवैधानिक करार देते हुए रद्द कर दिया था। कहा था कि संविधान के तहत सूचना के अधिकार और भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन करती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

सुप्रीम कोर्ट ने दिए थे ये आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से 21 मार्च तक इलेक्टोरल बॉन्ड के अल्फा न्यूमरिक नंबर्स जारी करने के लिए कहा था। इस अल्फ़ा न्यूमरिक नंबर्स से पता चलना था कि किस राजनीतिक पार्टी को किस कंपनी या व्यक्ति से चंदे के रूप में कितनी बड़ी रक़म मिली है। सुप्रीम कोर्ट के नए आदेश से पहले एसबीआई अल्फ़ा न्यूमरिक नंबर देने से बच रहा था। न्यूमरिक नंबर सामने आने के बाद अब पता चलने लगा है कि बीजेपी को चंदा देने वाली किस कंपनी को किस तरह का फायदा मिला।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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