वृद्ध से सोने की चेन छीनने के तीन आरोपियों को डोईवाला पुलिस ने किया गिरफ्तार
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देहरादून के डोईवाला चौक स्थित एक दुकान में बैठे वृद्ध के गले से सोने की चेन छीनने के तीन आरोपियों को डोईवाला पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। उनसे लूटी गई चेन, एक पिस्टल व एक देशी तमंचा, कारतूस के साथ ही लूट में प्रयुक्त स्कूटी बरामद कर ली गई है।
पुलिस के मुताबिक कश्मीरी कालोनी डोईवाला निवासी गौरव कुमार पुत्र गुलशन कुमार ने नौ फरवरी को लूट की सूचना डोईवाला कोतवाली में दी थी। इसमें बताया गया कि आठ फरवरी की दोपहर दो युवकों ने उनके पिता गलशन कुमार के गले में पहनी सोने की चेन झपट्टा मारकर छीन ली। फिर वे स्कूटी से फरार हो गए।
स्कूटी की पहचान के बाद हुई आरोपियों की पहचान
इस मामले में पुलिस ने डोईवाला रेलवे स्टेशन और आसपास के कैमरों की सीसीटीवी फुटेज को चेक किया। इसमें दो युवक रेलवे स्टेशन की तरफ भागते नजर आए। एक कैमरे में दो युवक सफेद रंग की स्कूटी में भी दिखे। नंबर के आधार पर जब स्कूटी के संबंध में वाहन स्वामी से पता किया तो उसने बताया कि उक्त स्कूटी को उसने ओएलएक्स के माध्यम से किसी व्यक्ति को तीन माह पूर्व 23000 रुपये में बेच दिया था। अभी उसने वाहन अपने नाम ट्रांसफर नहीं किया है।
इसके बाद जब जांच की गई तो तीन युवकों के नाम प्रकाश में आए। इस पर साकेत कुमार पुत्र सुनील कुमार निवासी रेलवे कालोनी लक्खीबाग थाना कोतवाली नगर देहरादून, खकेन्द्र बजगई उर्फ राजू पुत्र मोतीराम निवासी बिलेपार्ले (वेस्ट नेहरू नगर) मुम्बई महाराष्ट्र और रंजन कुमार यादव पुत्र रामस्वरूप यादव निवासी नेहरूनगर बिलेपार्ले वेस्ट मुम्बई महाराष्ट्र मूल पता सिसवा बडी थाना फूलप्रास जिला मधुबनी बिहार को एक पिस्टल, पांच जिंदा कारतूस व एक देशी कट्टा तथा लूटी गई चेन के साथ टोल प्लाजा लच्छीवाला के पास से गिरफ्तार किया गया। साथ ही घटना में प्रयुक्त स्कूटी भी बरामद कर ली गई।
ये बताई कहानी
पूछताछ में साकेत ने पुलिस को बताया कि वह आनलाइन शापिंग फ्लिप कार्ड, स्वीगी व जोमेटो की होम डिलेवरी की नौकरी करता है। माह सितम्बर से वह डोईवाला के भानियावाला क्षेत्र में काम कर रहा था। यहीं पत्नी के साथ किराये के मकान में रहता था। पत्नी की डिलीवरी होने के कारण वह उसे रेलवे कालोनी देहरादून ले गया। अक्टूबर माह में वह नौकरी की तलाश में मुंबई गया। वहां उसकी मुलाकात रंजन यादव से हुई।नौकरी न मिलने के कारण वह वापस देहरादून आ गया। आर्थिक तंगी के कारण मैं फिर वह मुंबई रंजन यादव के पास गया। उसके साथ उसका दोस्त खगेन्द्र उर्फ राजू भी था। दोनों ही बेरोजगार थे। काम दिलाने के बहाने रंजन उन्हें बिहार ले गया। दो दिन बिहार में रहने के बाद रंजन ने अपने दोस्त से एक पिस्टल व एक देशी कट्टा मंगवाया।
तब उन्होंने लूट की घटनाओं को अंजाम देने की योजना बनाई। उन्हें साकेत ने बताया कि देहरादून में वे चोरी व लूट आसानी से कर सकते हैं। इसके बाद तीनों लोग देहरादून आ गए। चोरी व लूट की तलाश में तीनों घूमने लगे। आठ फरवरी को उन्हें डोईवाला चौक में दुकान के बाहर हमें एक बूढ़ा आदमी दिखाई दिया। उसके गले में सोने की चैन थी। इस पर उसे लूटने की योजना बनाई। इसके बाद वे लच्छीवाला के पास आए और वहां शराब पी। पहले रंजन ग्राहक बनकर दुकान में सामान खरीदने के बहाने गया तथा रैकी कर वापस आया। फिर करीब एक घंटे बाद उन्होंने स्कूटी रेलवे रोड वाली गली में खडी कर दी। रंजन व राजू पैदल दुकान में गये व अकेला देखकर चैन छीनकर रेलवे रोड की गली में भागे। वहां पहले से साकेत स्कूटी स्टार्ट कर खड़ा था। उसके बाद तीनों स्कूटी में बैठकर डोईवाला मिल रोड होते हुए मिस्सरवाला से बाहर निकलकर देहरादून की तरफ भाग गये।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।