केंद्रीय विश्वविद्यालय से संबद्ध महाविद्यालयों को न किया जाए अलग, छात्रों के साथ होगा अन्यायः विवेक खंडूरी
देहरादून में डीएवी कॉलेज के पूर्व छात्र अध्यक्ष विवेकानंद खंडूरी ने केंद्रीय विश्वविद्यालय से संबद्ध महाविद्यालयों को अलग न करने की मांग की। इस मांग को लेकर उन्होंने उत्तराखंड के मुख्य सचिव को ज्ञापन भेजकर प्रदेश के छात्रों के भविष्य से न्याय करने की अपील की।

देहरादून में डीएवी कॉलेज के पूर्व छात्र अध्यक्ष विवेकानंद खंडूरी ने केंद्रीय विश्वविद्यालय से संबद्ध महाविद्यालयों को अलग न करने की मांग की। इस मांग को लेकर उन्होंने उत्तराखंड के मुख्य सचिव को ज्ञापन भेजकर प्रदेश के छात्रों के भविष्य से न्याय करने की अपील की।
भाजपा नेता एवं पूर्व छात्र नेता ने कहा कि एचएनबी गढ़वाल विश्वविद्यालय (सेन्ट्रल यूनिवर्सिटी) से सम्बद्ध समस्त सहायता प्राप्त महाविद्यालयों को राज्य स्तरीय श्री देव सुमन विश्वविद्यालय से सम्बद्ध किये जाने का विवाद उच्च न्यायालय नैनीताल की डबल बैंच में विचाराधीन है। 07 अप्रैल 2021 की सुनवाई (हियरिंग) में न्यायालय ने मुख्य स्थाई अधिवक्ता (चीफ स्टैण्डिगं काउन्सलर) को मौखिक स्पष्ट आदेश दिये हैं कि सम्बद्धतता से सम्बधित कार्यवाही 27 अप्रैल 2021 तक स्थगित रहेगी। उन्होंने कहा कि इसके बावजूद 10 अप्रैल 2021 के समाचार पत्रों में प्रकाशित हुआ है कि सम्बद्ध महाविद्यालयों को असम्बद्ध करने की प्रक्रिया जारी है। यह कार्यवाही उच्च न्यायालय की अवमानना हो सकती है।
उन्होंने कहा कि श्री देव सुमन विश्वविद्यालय लगभग सात वर्ष से अस्तित्व में है। परन्तु अभी तक राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैट) से ग्रैडिगं के मामले में निम्न स्तरीय ग्रैडिगं पर है। इससे ऊपर अनेक अशासकीय महाविद्यालयों की ग्रैडिगं है, जिनको सरकार श्री देव सुमन विश्वविद्यालय से सम्बद्ध कराना चाहती है। अनेक त्रुटियों के कारण श्री देव सुमन विश्वविद्यालय अद्यतन यूजीसी से ग्राण्ट धारण करने में असफल रहा है। गुणवत्तायुक्त शिक्षा के स्तर पर राज्य स्तरीय श्री देव सुमन विश्वविद्यालय की अपेक्षा अधिक बेहतर एचएनबी गढ़वाल विश्वविद्यालय (सेन्ट्रल यूनिवर्सिटी) से सम्बद्ध समस्त महाविद्यालय, श्री देव सुमन विश्वविद्यालय से सम्बद्धतता लेने के इच्छुक नही हैं।
विवेकानंद खंडूड़ी ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने लोक सभा सदस्य के कार्यकाल के दौरान एचएनबी गढ़वाल विश्वविद्यालय को सेन्ट्रल यूनिवर्सिटी का दर्जा दिलाने के लिये पुरजोर पैरवी की थी। उनके सफल प्रयासों से एचएनबी गढ़वाल विश्वविद्यालय को सेन्ट्रल यूनिवर्सिटी का दर्जा प्राप्त हुआ तथा इससे सम्बद्ध महाविद्यालय को सेन्ट्रल यूनिवर्सिटी का लाभ मिला।
अब एचएनबी गढ़वाल विश्वविद्यालय सेन्ट्रल यूनिवर्सिटी व सम्बद्ध महाविद्यालय मे शिक्षारत उत्तराखंड के लगभग चालीस लाख छात्र व छात्राओं को सेन्ट्रल यूनिवर्सिटी का लाभ मिल रहा है। सेन्ट्रल यूनिवर्सिटी द्वारा प्रदत्त डिग्रियां विश्व स्तर पर स्वीकार्य व मान्य होती है। ऐसे में उच्च शिक्षा के हित, व्यापक समाज हित तथा शैक्षिक उत्थान हेतु इस निर्णय पर पुनः विचार कर संशोधन किया जाना चाहिए । जिससे समाज के वंचित व आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को गुणवत्ता युक्त उच्च शिक्षा सहज रूप से प्राप्त हो सके।





