Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

July 10, 2025

ग्राफिक एरा में अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में विश्लेष्णात्मक रसायन के उपयोगों पर विचार विमर्श, विभिन्न प्रयोगों से जुड़े 28 शोधपत्र प्रस्तुत

देहरादून में ग्राफिक एरा डीम्ड विश्वविद्यालय में चल रही तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी एवं प्रदर्शनी के दूसरे दिन आज 28 शोधपत्र और 115 पोस्टर प्रस्तुत किए गए।

देहरादून में ग्राफिक एरा डीम्ड विश्वविद्यालय में चल रही तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी एवं प्रदर्शनी के दूसरे दिन आज 28 शोधपत्र और 115 पोस्टर प्रस्तुत किए गए। शोध प्रस्तुतियों और तकनीकी सत्रों की खास बात यह रही कि इनमें अनुसंधान और प्रौद्योगिकी के आयुर्विज्ञान और उपचार, कृषि, महामारी के समय भू-जल परिक्षण और ऊर्जा की आपूर्ती जैसे महत्पूर्ण क्षेत्रों पर जोर रहा।
संगोष्ठी के तीन तकनीकी सत्रों में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय अकादमियों, अनुसंधान केन्द्रों और प्रयोगशालाओं से आये 12 वरिष्ठ वैज्ञानिकों ने विश्लेष्णात्मक रसायन पर जीवंत चर्चा की। अकादमी ऑफ साईंस पोलैण्ड से आये डा. सुन्द्रीयाल ने ऊर्जा के वैकल्पिक स्त्रोतों से जुड़े अहम तकनीकी पहलुओं पर व्याख्यान दिया। यूओपी हनीवैल के डा. अतुल ने मेडिकल क्षेत्र में एक्सरे विवतर्न के उपयोग के बारे में बताया और भाभा अटोमिक रिसर्च सेण्टर (बार्क) के डा. डेजी ने खाद्य-पेय पदार्थों और उपचार के क्षेत्रों में एक्सरे विवतर्न तकनीक के उपयोग का व्याख्यान प्रस्तुत किया।
जामिया हमदर्द के प्रोफेसर आलम ने प्राकृतिक उत्पादों के संरचना निर्धारण में विशेषणात्मक तकनीकी के अनुप्रयोग पर व्याख्यान दिया। बएएसएफ मुम्बई के डा. देश पाण्डे ने कृषि में प्रयोग किए जाने वाले रसायनों के प्रभावों और दुषप्रभावों को कम करने के लिए विशेषणात्मक रसायन के उपयोग के बारे में बताया। बीपीसीएल नोएडा के डा. भारत ने दूरबीन कैप्चर में प्रयोग करी जाने वाली समकालीन तकनीकों पर व्याख्यान दिया। जल संसाधन मंत्रालय से जुड़े डा. शुक्ला ने कोविड 19 महामारी और लॉकडाउन काल में भू-जल की गुणवत्ता पर प्रभाव के परीक्षण जैसे महत्वपूर्ण विषयों में हुए शोध के बारे में बताया। शाम को ग्राफिक एरा के छात्र-छात्राओं ने रंगारग कार्यक्रमों का आयोजन किया जिसमें उत्तराखण्ड, पंजाब, राजस्थान और नेपाल के पारम्परिक लोक नृत्यों – देवस्थली, भांगड़ा आदि शामिल थे।

Bhanu Bangwal

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
वाट्सएप नंबर-9412055165
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You cannot copy content of this page