कुर्मांचल परिषद की बैठक में उत्तराखंड की भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करने को लेकर चर्चा, सरकार को दिए सुझाव
कुमाऊनी भाषा व संस्कृति के संवर्धन के परिपेक्ष्य में कुर्मांचल परिषद की बैठक आज देहरादून में जीएमएस रोड स्थित कुर्मांचल भवन में आयोजित की गई। इसमें केन्द्र सरकार की ओर से उत्तराखंड की भाषा को 8वीं अनुसूची में शामिल करने के लिए समाज के विभिन्न स्तरों से सुझावों तथा कुमाऊनी भाषा संस्कृति के संरक्षण के लिए विचार-विमर्श किया गया। साथ ही विभिन्न बिंदुओं पर सरकार का ध्यान आकर्षित किया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
बैठक में कई मांगों के प्रस्ताव पारित किए गए। इनमें भाषाओं में एकरूपता के लिए उच्च स्तरीय कमेटी का गठन करने, प्राथमिक विद्यालयों में क्षेत्रीय भाषाओं के प्रचार प्रसार के लिए भारत सरकार के निर्देशों के अनुरूप पर्वतीय क्षेत्रों में भी क्षेत्रीय भाषाओं को यथाशीघ्र क्रियान्वित करने, कुमाऊनी भाषा क्लब का गठन करने, नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत पाठ्यक्रम में क्षेत्रीय भाषाओं में बाल नाटिकाओं का समावेश करने, उत्तराखंड शासन से गठित उत्तराखंड भाषा संस्थान की कार्यप्रणाली को क्षेत्रीय भाषाओं के अनुरूप सशक्त करने, कूर्मांचल की सांस्कृतिक विभूतियों का संरक्षण करने की मांग की गई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
गोष्ठी के मुख्य अतिथि साप्ताहिक कुर्मांचल अखबार नवल प्रिंटर्स नन्दादेवी बाजार अल्मोड़ा के प्रकाशक एवं मुद्रक डॉ चन्द्र प्रकाश फुलोरिया रहे। इस मौके पर केंद्रीय कुर्मांचल परिषद अध्यक्ष कमल सिंह रजवार, माजरा शाखा के सचिव डॉ अनिल कुमार मिश्रा, कार्यकारी अध्यक्ष डीके पांडे, वरिष्ठ उपाध्यक्ष योगेश पांडे, संतोष जोशी, धर्मा नन्द जोशी, हेमा परिहार, डॉक्टर सुधीर सिंह बिष्ट, डॉक्टर एचवी पंत, पी के भट्ट, सुरेंद्र सिंह बसेरा, जया बसेरा आदि ने प्रतिभाग किया। गोष्ठी का संचालन माजरा शाखा सचिव डॉक्टर अनिल कुमार मिश्रा ने किया।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।