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December 17, 2024

धामी कैबिनेट की बैठकः हल्ला मचाकर भी नहीं आया यूसीसी पर प्रस्ताव

है ना कमाल की बात। उत्तराखंड में जिस समान नागरिक संहिता के लिए काफी समय से हल्ला मचाया जा रहा था, उस पर ही धामी कैबिनेट की बैठक में चर्चा नहीं हुई। अब बताया जा रहा है कि इस पर छह फरवरी को कैबिनेट में प्रस्ताव रखा जाएगा। इसका कारण क्या हो सकता है, ये तो सरकार को ही पता होगा। वहीं कयास लगाए जा रहे हैं कि अभी ऊपर से इसे लेकर कोई मुहर नहीं लगी है। कारण ये भी है कि केंद्र सरकार ने देशभर में समान नागरिक संहिता का प्रस्ताव ठंडे बस्ते में डाला हुआ है। देश में इसे लागू करने के लिए आदिवासी समुदाय का सबसे बड़ा विरोध आया। वहीं, उत्तराखंड में आज हुई कैबिनेट की बैठक में 18 प्रस्ताव आए, जिसमें से16 पास हुए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

बता दें कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में आज शनिवार को मंत्रिमंडल की बैठक हुई। इसमें समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के प्रस्ताव को चर्चा के बाद विधानसभा में यूसीसी विधेयक लाने की मंजूरी मिल सकती थी। हैरानी करने वाली बात ये है कि हर जगह सीएम समान नागरिक संहिता का राग अलापते हैं, लेकिन कैबिनेट की बैठक में आज यूसीसी पर कोई चर्चा नहीं हुई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

यूसीसी को लेकर पांच फरवरी से विधानसभा सत्र का आयोजन किया जा रहा है। इससे पहले धामी मंत्रिमंडल की बैठक अहम मानी जा रही थी। प्रदेश में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने के लिए गठित विशेषज्ञ समिति ने अपनी मसौदा रिपोर्ट शुक्रवार को सीएम पुष्कर सिंह धामी को सौंप दी थी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

यूसीसी को लेकर सुझाव आमंत्रित किए
2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री धामी ने यूसीसी लागू करने के लिए जस्टिस देसाई की अध्यक्षता में समिति बनाई थी। ड्राफ्ट तैयार करने के लिए मुख्यमंत्री ने समिति का तीन बार कार्यकाल बढ़ाया। इस दौरान समिति ने ऑनलाइन और ऑफलाइन आधार पर जनता से यूसीसी को लेकर सुझाव आमंत्रित किए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उत्तराखंड में कुप्रथाएं होंगी खत्म
उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू होने से दशकों से चली आ रहीं कुरीतियां और कुप्रथाएं खत्म होंगी। सभी को एक समान अधिकार मिल सकेगा। बेटा-बेटी और स्त्री-पुरुष के बीच का भेदभाव खत्म होगा। सभी को एक समान अधिकार मिल सकेगा। बेटा-बेटी और स्त्री-पुरुष के बीच का भेदभाव खत्म होगा। यह कहना है कि समान नागरिक संहिता की कानूनी जंग लड़ने वाले अधिवक्ता अश्वनी उपाध्याय का। सीएम आवास में यूसीसी की विशेषज्ञ समिति की ड्राफ्ट रिपोर्ट सौंपने के दौरान उपाध्याय ने मीडिया से समान नागरिक संहिता की विशेषताओं और उनके संभावित प्रावधानों को साझा किया। कहा, समिति ने यूसीसी का ड्राफ्ट सौंप दिया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

ये है यूसीसी
समान नागरिक संहिता का जिक्र संविधान के अनुच्छेद 44 में है. अनुच्छेद 36 से 51 तक राज्यों को कई सुझाव दिए गए हैं। इसी में से एक है समान नागरिक संहिता। यह देश के हर नागरिक को विवाह, तलाक, गोद और उत्तराधिकार जैसे मामलों में समान अधिकार देता है। चाहे व्यक्ति किसी भी धर्म या समुदाय से हो, देश का कानून सभी पर समान रूप से लागू होगा। अभी अलग-अलग धर्म और समुदायों के व्यक्तिगत कानून हैं। आपराधिक कानून एक ही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

कैबिनेट के फैसले
-विशेष श्रेणी के स्कूलों में नियुक्ति को मंजूरी। रिटायर टीचरों को तत्कालीन व्यवस्था के तहत मिलेगी नियुक्ति। बाकी युवाओं के लिए नियुक्ति प्रक्रिया जारी है।
-फिल्म नीति मे बड़ा फैसला। अब क्षेत्रीय भाषा में निर्माण करने वाले को फिल्म निर्माण करने मे 2 करोड़ रूपए मिलेंगे। पहले 25 लाख मिलता था।
-राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय फिल्म OTT को भी अब मिल सकेगी आर्थिक सब्सिडी। फिल्म को 30 प्रतिशत की सब्सिडी मिलेगी।
-बच्चों के लिए फिल्म बनाई तो 10 प्रतिशत एक्स्ट्रा मिलेगा पैसा।
-राज्य के कलाकारों को मुख्य भूमिका मे रखा जाएगा, तो 10 लाख मिलेगा।
-फ़िल्म ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट मे अगर sc और st का बच्चा पढ़ाई करेगा तो उसकी 75 प्रतिशत फीस सरकार देगी।
-पर्वतीय इलाकों में सिनेमा हाल बनाया जाएगा, तो 25 लाख रुपये सरकार देगी।
-फिल्म सिटी कोई बनाता हैं तो उसे 50 लाख मिलेंगे।
-पोस्ट प्रोडक्शन लैब बनाने वाले को 25 लाख मिलेगा।
-उत्तराखण्ड घुडसवार पुलिस सेवा संसोधन नियमावली 2024 को मंजूरी।
-उत्तराखण्ड अधीनस्थ सिविल न्यायालय लिपिक वर्गीय सेवा नियमावली 2007 में संसोधन।
– जनपद चंपावत के तहसील पाटी को नगर पंचायत बनाये जाने का निर्णय।
-नगर पालिका खटीमा के सीमा विस्तार का निर्णय।
-ग्रामीण पेयजल योजना संचालन एवं रख रखाव नियमावली 2024 को मंजूरी।
-उत्तराखण्ड ऑन डिमांड ठेका गाडी द्वारा परिवहन संसोधन नियमावली।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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