अपराधिक घटनाओं को रोकने को रात को गश्त बढ़ाने के डीजीपी के निर्देश, सड़कों पर उतरेंगे पुलिस कप्तान और घुड़सवार
उत्तराखंड में अपराधिक घटनाओं पर अंकुश लगाने, महिलाओं की सुरक्षा को लेकर उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार ने सभी जिलों के प्रभारियों (पुलिस कप्तान) को निर्देश दिए। उन्होंने रात के समय गश्त को बढ़ाने के निर्देश के साथ ही पुलिस कप्तानों से कहा कि वे खुद सड़कों पर उतरकर देर रात तक गश्ती दलों की रेंडम चेकिंग करें। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पुलिस महानिदेशक की ओर से दिए गए निर्देश में कहा गया कि प्रदेश में अपराधों की प्रभावी रोकथाम एवं सुदृढ़ पुलिसिंग के तहत आम नागरिकों के मध्य सुरक्षा का माहौल स्थापित करने के लिये गश्त (फुट पैट्रोलिंग) प्रभावी रूप से की जाए। ताकि जन सामान्य में सुरक्षा के प्रति विश्वास की भावना उत्पन्न हो सके। साथ ही समस्त जनपद प्रभारियों को उन्होंने आवश्यक निर्देश दिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ये दिए निर्देश
1-प्रायः रात्रि के समय आपराधिक तत्वों की सक्रियता बढ़ जाती है और चोरी, लूट, डकैती तथा महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार की घटनाएं घटित होती हैं। इनका आम जनमानस पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इस प्रकार की घटनाओं पर प्रभावी अंकुश लगाने व रोकथाम के लिए रात्रि में पुलिस की सक्रियता बढ़ा कर प्रभावी नियंत्रण किया जाये।
2- प्रत्येक जनपद में थानावार आपराधिक घटनाओं के हॉटस्पॉट चिह्नित कर इनकी मैपिंग करते हुये प्रभावी गश्त, फुट पैट्रोलिंग व चेकिंग सुनिश्चित की जाये। थाना क्षेत्र के संवेदनशील स्थानों को चिह्नित कर गश्त की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये।
3- सभी थाना, चौकी क्षेत्र के प्रमुख चौराहों, बाजारों, शापिंग मॉल, बस स्टैण्ड, रेलवे स्टेशन, पार्क इत्यादि के आस-पास प्रत्येक दिवस पैदल गश्त अनिवार्य रूप से की जाये।
4- संवेदनशील मार्गों पर गश्त के लिए पर्याप्त संख्या में पेट्रोलिंग वाहन लगाये जाये। इसके अतिरिक्त अन्य संवदेनशील स्थानों पर पुलिस पिकेट्स लगायी जाये तथा महत्वपूर्ण स्थलों पर सीसीटीवी कैमरों का व्यवस्थापन भी कराया जाये।
5- सभी जनपद प्रभारी यह सुनिश्चित करेंगे कि जनपद के शहर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में रात्रि गश्त वे चैकिंग के लिए प्रत्येक दिन रोस्टरवार एक क्षेत्राधिकारी की ड्यूटी लगायी जाय। अपर पुलिस अधीक्षक इस गश्त चैकिंग का भ्रमणशील रहकर पर्यवेक्षण करेंगे।
6- सभी जनपद प्रभारी रात्रि एक बजे तक स्वयं भ्रमणशील रहकर रात्रि गश्त पार्टियों की रेंडम चेकिंग सुनिश्चित करेंगे। रात्रि गश्त में अनुपस्थित, शिथिल एवं लापरवाह पाये जाने वाले पुलिस कर्मियों को सचेत किया जाय। इसकी पुनरावृत्ति होने पर उनके विरूद्ध नियमानुसार अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की जाय। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
7- राजपत्रित पुलिस अधिकारी, थानाध्यक्षों द्वारा अपने-अपने क्षेत्र में प्रतिदिन सांय के समय भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों, कस्बों में कम से कम 01-01 घंटा फुट पेट्रोलिंग की जाय।
8- फुट पेट्रोलिंग, गश्त चेकिंग के दौरान उस क्षेत्र के अभ्यस्त, सक्रिय अपराधियों, हिस्ट्रीशीटर व अन्य कुख्यात अपराधियों की भी आकस्मिक व अधिक से अधिक पुलिस बल के साथ चेकिंग की जाय।
9- स्कूल एवं कॉलेज, विभिन्न शिक्षण संस्थानों एवं औद्योगिक क्षेत्र के आस-पास खुलने व बन्द होने के समय प्रभावी पैदल गश्त करते हुए संदिग्ध व्यक्तियों (मनचले, पान की दुकानों के पास खड़े तथा संदिग्ध गाड़ियों में बैठे व्यक्तियों आदि) की अवश्य चेकिंग की जाय।
10- पैदल गश्त के दौरान समस्त अधिकारियों, पुलिस कर्मियों द्वारा यथासम्भव जनता से सम्पर्क कर उनमें सुरक्षा की भावना पैदा करने एवं पुलिस को महत्वपूर्ण सूचनाएं एवं सहयोग देने के लिए अवश्य प्रेरित किया जाय।
11- पैदल गश्त के दौरान पुलिस अधिकारी एवं कर्मचारी जनसंवाद के साथ-साथ क्षेत्र के संभ्रांत व्यक्तियों से मोबाईल नम्बरों का आदान-प्रदान करेंगे एवं थाना व कार्यालयों पर इसका पृथक से अभिलेखीकरण भी किया जाय।
12- फुट पैट्रोलिंग के दौरान पुलिस अधिकारी, कर्मी द्वारा जनता के व्यक्तियों के साथ शालीनता एवं शिष्टाचार का व्यवहार किया जाय।
13- आवश्यकतानुसार मैदानी क्षेत्र के जनपदों में उपलब्ध घुड़सवार पुलिस का भी प्रयोग किया।
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