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September 14, 2025

चारधाम में उमड़ रहे श्रद्धालु, ऐसे करें रजिस्ट्रेशन, देखें यात्रा के नियम, अब तक 33 की मौत, मौतों पर ये बोले सीएम

उत्तराखंड में चारधाम यात्रा जोरों पर है। इसके साथ ही ऑक्सीजन की कमी के चलते हृदय गति से मौत की घटनाओं में भी वृद्धि हो रही है। ऐसे में यात्रियों को तबीयत बिगड़ने में समय से उपचार देना भी चुनौती बना हुआ है।

उत्तराखंड में चारधाम यात्रा जोरों पर है। इसके साथ ही ऑक्सीजन की कमी के चलते हृदय गति से मौत की घटनाओं में भी वृद्धि हो रही है। ऐसे में यात्रियों को तबीयत बिगड़ने में समय से उपचार देना भी चुनौती बना हुआ है। केदारनाथ और बदरीनाथ धाम में अब तक कुल 284060 यात्री पहुंच चुके हैं। वहीं, अब तक चारों धामों में कुल 33 लोगों की हृदय गति रुकने से मौत हो चुकी है। चारधामों के अत्यधिक ऊंचाई में होने के कारण वहां ऑक्सीजन की कमी रहती है। ऐसे में लोगों को सांस लेने में दिक्कत होती है। इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग ने भी एडवाइजरी जारी कर रखी है।
हृदय गति रुकने से मरने वाले श्रद्धालु
यमुनोत्री———- 12
गंगोत्री———— 03
केदारनाथ———13
बदरीनाथ——— 05
मौतों पर बोले सीएम धामी
नैनीताल में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि चारधाम यात्रा में मौतें भगदड़ या अव्यवस्था के कारण नहीं, बल्कि स्वास्थ्य कारणों से हुई है। यात्रा को सफल बनाने की जिम्मेदारी सरकार के साथ ही विपक्ष व जनता की भी है। यात्रा आसान, सरल व सुगम हो, इसके लिए सरकार भरपूर प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि जनता, जनप्रतिनिधियों व अफसरों से संवाद करके बहुमूल्य सुझावों को बजट में शामिल किया जाएगा। प्रदेश को 2025 तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कल्पना के अनुरूप देश का नंबर वन व श्रेष्ठ राज्य बनाना हमारा लक्ष्य है।
अब तक बदरीनाथ और केदारनाथ में 284060 श्रद्धालुओं ने किए दर्शन
गौरतलब है कि तीन मई को अक्षय तृतीया के दिन गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के बाद से ही चारधाम यात्रा का शुभारंभ हो गया था। केदारनाथ धाम के कपाट छह मई और बदरीनाथ धाम के कपाट आठ मई को खुले थे। श्री बदरीनाथ धाम कपाट खुलने की तिथि 8 मई से 14 मई शाम तक 117703 श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। इनमें बदरीनाथ धाम में 14 मई शाम 4 बजे तक 13438 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। श्री केदारनाथ धाम कपाट खुलने की तिथि 6 मई से 14 मई तक 166357 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। इनमें श्री केदारनाथ धाम शाम 4 बजे तक 14387 लोगों ने दर्शन किए।
चारधाम में वीआइपी दर्शन की व्यवस्था समाप्त
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर चारों धामों में वीआईपी दर्शन की व्यवस्था को समाप्त कर दिया गया है। मुख्यमंत्री ने पुलिस विभाग के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि पुलिस विभाग नियमों का कड़ाई से पालन करें और अतिरिक्त सावधानी बरते।
एक दिन में इतने श्रद्धालु कर सकते हैं दर्शन
शासनादेश के अनुसार चार धाम यात्रा के लिये यात्रा सीजन के प्रथम 45 दिनों के लिये तीर्थयात्री प्रतिदिन दर्शन के लिए अधितम संख्या निर्धारित की गई है। इसके तहत श्री गंगोत्री में 8 हजार, श्री यमुनोत्री में 5 हजार, श्री केदारनाथ में 13 हजार एवं श्री बद्रीनाथ में 16 हजार है।
यहां कराएं पंजीकरण
यात्रियों के लिए पर्यटन विभाग की वेबसाइट https://registrationandtouristcare.uk.gov.in/ में पंजीकरण अनिवार्य किया गया। वर्तमान में चारधाम यात्रा मार्ग के 18 स्थानों पर आफलाइन व आनलाइन पंजीकरण की व्यवस्था की गई है।
केदारनाथ में दर्शन करने के समय में की बढ़ोतरी
केदारनाथ धाम में श्रद्धालुओं के दर्शन करने के समय में पांच घंटे की बढ़ोतरी की जा चुकी है। अब सुबह चार से दोपहर तीन बजे और फिर शाम चार बजे से रात 10:30 बजे तक श्रद्धालु बाबा केदार के दर्शन कर सकेंगे।
जारी की गई एडवाइजरी
चारधाम में काफी संख्या में यात्रियों की मौत के बाद स्वास्थ्य महकमा भी सतर्क है। इसके लिए एडवाइडरी जारी की गई है। इसमें कहा गया है कि उत्तराखंड में समस्त तीर्थस्थल उच्च हिमालयी क्षेत्र में स्थित हैं। इनकी ऊंचाई समुद्र तल से 2700 मीटर से भी अधिक है। इन स्थानों पर श्रद्धालु अत्यधिक सर्दी, कम आद्रता, अत्यधिक अल्ट्रा वॉयलेट रेडिएशन, कम हवा का दबाव, कम ऑक्सीजन से प्रभावित हो सकते हैं। ऐसे में यात्रियों की सुरक्षा के लिए ये दिशा निर्देश जारी किए जा रहे हैं।
ये जारी किए गए हैं निर्देश
-स्वात्थ्य परीक्षण के उपरांत ही यात्रा के लिए प्रस्थान करें।
-पूर्व से बीमार व्यक्ति अपने चिकित्सक का परामर्श पर्चा एवं चिकित्सक का संपर्क नम्बर, एवं चिकित्सक द्वारा लिखी गई दवाईयां अपने साथ रखें।
-आति वृद्ध एव बीमार व्यक्तियों एवं पूर्व में कोविड से ग्रसित व्यक्तियों के लिए यात्रा पर ना जाना या कुछ समय के लिए स्थगित करना उचित होगा।
-तीर्थेस्थल पर पहुँचने से पूर्व मार्ग में एक दिन का विश्राम करना उचित होगा।
-गर्म एवं ऊनी वस्त्र साथ में अवश्य रखें।
-हदय रोग, श्वास रोग, मधुमेह, उच्य रक्तचाप से ग्रस्त रोगी ऊंचाई वाले क्षेत्रों में जाते समय विशेष सावधानी बरतें।
-लक्षण जैसे- सिर दर्द होना, चक्कर आना, घबराहट का होना, दिल की धड़कन तेज होना, उल्टी आना, हाथ- पांव व होठों का नीला पड़ना, थकान होना, सांस फूलना, खॉसी होना अथवा अन्य लक्षण होने पर तत्काल निकटतम स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे एवं 104 हैल्पलाईन नम्बर पर संपर्क करें।
-धूम्रपान व अन्य मादक पदार्थों के सेवन से परहेज करें।
-सन स्क्रीन एसपीएफ 50 का उपयोग अपनी त्वचा को तेज धूप से बचाने के लिए करें।
-युवी किरणों से अपनी आंखों के बचाव के लिए सन ग्लासेस का उपयोग करें।
-यात्रा के दौरान पानी पीते रहें और भूखे पेट ना रहें।
-लम्बी पैदल यात्रा के दौरान बीच-बीच में विश्राम करें।
-ऊचाई वाले क्षेत्रों में व्यायाम से बचें ।
-किसी भी स्वास्थ्य सम्बन्धी जानकारी के लिए 104 एवं एम्बुलेंस के लिए 108 हैल्पलाईन नम्बर सम्पर्क करें।

Bhanu Bangwal

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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