महिलाओं को निर्वस्त्र करने की घटना के खिलाफ काले कपड़ों में भीड़ का प्रदर्शन, सुप्रीम कोर्ट बोला, फिर पीएम ने मुंह खोला
हिंसाग्रस्त मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर सड़क पर घुमाने और उनके साथ यौन हिंसा की घटना ने हर किसी को परेशान कर दिया है। घटना 4 मई को राजधानी इंफाल से लगभग 35 किलोमीटर दूर कांगपोकपी जिले में हुई। इसका वीडियो बुधवार को सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इस घटना के विरोध में राज्य में अलग-अलग जगहों पर विरोध प्रदर्शन भी शुरू हो गए हैं। चुड़ाचांदपुर में गुरुवार को भीड़ ने प्रदर्शन शुरू कर दिया। हजारों लोग काले कपड़े पहनकर जमा हो गए हैं। वे नारेबाजी करते हुए आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं। वहीं, इस मामले को सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया तो तब जाकर पीएम मोदी ने मणिपुर मुद्दे पर अपना मुंह खोला। यहां ये भी सवाल उठता है कि मई माह की इस घटना में पुलिस भी तब हरकत में आई, जब इसका वीडियो वायरल हुआ। सवाल ये भी है कि यदि ऐसी घटनाओं की जानकारी ढाई माह बाद लग रही है तो वहां सरकार नाम की कोई चीज है या नहीं।
हालांकि, आज मोदी जब पहली बार इस मामले में बोले तो बीजेपी नेताओं में जोश चढ़ गया और अब वे पीएम के भाषण की वीडियो वायरल करने में लग गए। इन लोगों को पीएम से सवाल ये भी करना चाहिए कि आखिरकार वह मणिपुर का दौरा कब करेंगे। वहां के लोगों के घाव भरने के लिए क्या उपाय करेंगे। वहीं, कई बीजेपी नेता मणिपुर की घटना को अन्य राज्यों की घटनाओं से जोड़ रहे हैं कि दूसरे राज्यों में भी ऐसा हो चुका है। सवाल ये भी है कि मणिपुर तो ढाई माह से जल रहा है। क्या कोई दूसरा राज्य इस तरह की हिंसा की आग में झुलस रहा है। हालांकि, ऐसी घटनाएं निंदनीय हैं। चाहे पंचायत चुनाव में पश्चिम बंगाल में लोगों की हत्या हों या किसी दूसरे राज्य की घटनाएं हों। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पीएम ने मुंह खोला, लेकिन टोन राजनीतिक रही। मणिपुर की घटना उनके बयान में कम दिखाई देगा, छत्तीसगढ़, राजस्थान की कांग्रेस की सरकारें ज्यादा सुनाई देंगी। यदि बैलेंस बयान होता तो मध्य प्रदेश भी आ जाता। उत्तराखंड में अंकिता भंडारी और उत्तरकाशी में लव जिहाद के नाम पर मुस्लिमों से दुकान व मकान खाली कराने के फरमान का भी जिक्र आ जाता। कम से कम पीएण ब्रजभूषण शरण सिंह का ही नाम ले लेते। जो उनकी ही पार्टी से सांसद हैं। जिन पर महिला पहलवानों ने यौन शोषण के आरोप लगाए। मणिपुर पर मुंह खोला तो भारत के सारे राज्य याद आने लगे, लेकिन बीजेपी शासित अन्य राज्य याद नहीं आए। बात मणिपुर की घटना की बात हो रही थी, लेकिन पीएम ने अकेले उस पर नहीं बोला, जबकि मणिपुर में तीन मई से हिंसा जारी है। वहीं, स्मृति ईरानी ने भी पीएम का भाषण का ट्विट किया। इसमें भी कांग्रेस की सरकारों को लपेटा। इन सरकारों की तो उन्हें याद आई, लेकिन ब्रजभूषण शरण सिंह पर भी उनके मुंह से एक शब्द नहीं फूटा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
तीन मई से जातीय हिंसा में झुलस रहा मणिपुर
बता दें कि करीब तीन माह पूर्व मणिपुर हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को मेइती समुदाय को एसटी दर्जे की मांग पर चार हफ्ते के भीतर केंद्र को एक सिफारिश भेजने के लिए कहा था। गैर आदिवासी मेइती समुदाय को एसटी के दर्जे की मांग के खिलाफ ऑल ट्राइबल स्टूडेंट यूनियन मणिपुर ने आदिवासी एकजुटता मार्च निकाला था, लेकिन इस दौरान हिंसा भड़क गई थी। इस हिंसा में दो समुदाय कुकी और मैतेई शामिल हैं। तीन मई से शुरू हुई इस हिंसा में करीब 140 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। 50 हजार लोग बेघर हो गए और राज्य सरकार के शेल्टर होम में रहने के लिए बाध्य हैं। हजारों लोगों के घर जला दिए गए। लोगों ने सांसदों और विधायकों को घरों को भी नहीं छोड़ा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दो महिलाओं का वीडियो आया सामने, गैंगरेप
अब हिंसाग्रस्त राज्य मणिपुर में तीन महीने पहले महिलाओं को निर्वस्त्र कर उनकी परेड कराने का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। उनके इस वीडियो के वायरल होने के बाद राज्य में सीएम बीरेन सिंह के इस्तीफे की मांग हो रही है। इस वीडियो के मुताबिक उन महिलाओं को निर्वस्त्र कर पुरुषों की भीड़ उनको कहीं लेकर जाती हुई दिख रही है। इस भीड़ में उनको ले जा रहे कई शख्स उनके निजी अंगो को छू रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
यह घटना 4 मई को राजधानी इंफाल से लगभग 35 किलोमीटर दूर कांगपोकपी जिले में हुई। इसका वीडियो बुधवार को सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इस वीडियो को केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया में डालने पर रोक लगा दी है। इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (ITLF) ने आरोप लगाया है कि दोनों महिलाओं के साथ एक खेत में गैंगरेप किया गया। इस जघन्य कृत्य का कारण कथित तौर पर एक फर्जी वीडियो था। बताया जा रहा है कि भीड़ ने उस दौरान इन महिला में से एक के भाई को मार डाला। वहीं, पुलिस तमाशबीन बनी रही। फोरम का दावा है कि दोनों महिलाएं कुकी जनजाति से हैं। इस मामले में पुलिस ने अज्ञात हमलावरों के खिलाफ किडनैपिंग, गैंगरेप और हत्या का मामला दर्ज किया है। बताया तो ये जा रहा है कि एक फर्जी सूचना के बाद ये हिंसा भड़की। ये दो महिलाएं परिवार के साथ छिपी हुई थी। पुलिस भी मौके पर थी। भीड़ ने पुलिस की आंंखों के सामने ही इन महिलाओं को पकड़ लिया। एक महिला के भाई तक को मार दिया। जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस बीच सूचना है कि ढाई माह पूर्व के इस वीडियो के मामले में मणिपुर पुलिस ने गुरुवार को मुख्य आरोपियों में से एक को गिरफ्तार कर लिया। मणिपुर पुलिस ने गुरुवार को कहा कि 26 सेकंड के वायरल फुटेज में दिख रहे एक शख्स को थौबल जिले से गिरफ्तार किया गया है। बाकियों की तलाश की जा रही है. अधिकारियों के मुताबिक, इस शख्स को ही घटना का मास्टरमाइंड माना जा रहा है। पुलिस उससे उसके साथियों के बारे में पूछताछ कर रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सीएम का आया बयान
दिल को दहला देने वाला वीडियो सामने आने के बाद मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने जनता को आश्वासन दिया कि इस जघन्य अपराध में शामिल सभी दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाया जाएगा. उन्हें मौत की सजा दिलाने में कोई कसर नहीं छोड़ा जाएगा। सीएम ने बताया कि घटना की जांच करने और त्वरित न्याय सुनिश्चित करने के लिए कई पुलिस यूनिट गठित की गई हैं। बीरेन सिंह ने गुरुवार को ट्वीट किया कि उन दो महिलाओं के प्रति मेरा दिल दुखी है। उनके साथ बेहद अपमानजनक और अमानवीय काम किया गया। मामले की गहन जांच चल रही है। पीड़ितों को न्याय सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
SC ने कहा-यह संविधान का सबसे घृणित अपमान
इस मामले को सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वीडियो देखकर हम बहुत परेशान हुए हैं। हम सरकार को वक्त देते हैं कि वो कदम उठाए। अगर वहां कुछ नहीं हुआ तो हम कदम उठाएंगे। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और मणिपुर सरकार से पूछा है कि अपराधियों पर कार्रवाई के लिए आपने क्या कदम उठाए हैं। सीजेआई ने कहा कि सांप्रदायिक संघर्ष के दौरान महिलाओं का एक औजार की तरह इस्तेमाल कभी स्वीकार नहीं किया जा सकता है। यह संविधान का सबसे घृणित अपमान है. मामले में अगली सुनवाई शुक्रवार को होगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पीएम ने ढाई माह बाद मुंह खोला
मणिपुर जातीय हिंसा में झुलस रहा है, लेकिन पीएम नरेंद्र मोदी ने ढाई माह बाद इस पर मुंह तब खोला, जब मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया। हालांकि, पहले तक विपक्ष के लोग पीएम से सवाल कर रहे थे कि आखिर वह मणिपुर हिंसा को लेकर कब बोलेंगे। कब वहां शांति की अपील करेंगे। इस मामले पर पीएम मोदी ने कहा कि मेरा दिल आज पीड़ा और क्रोध से भरा है। ये घटना किसी भी सभ्य समाज के लिए शर्मसार करने वाली घटना है। मणिपुर की बेटियों के साथ जो हुआ, उसे कभी माफ नहीं किया जा सकता। ये बेइज्जती पूरे देश की हो रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
हालांकि, पीएम इस मामले में राजनीति करने से भी नहीं चूके और नसीहत अन्य राज्यों को भी दे डाली। प्रधानमंत्री ने सभी मुख्यमंत्रियों से अपने-अपने राज्यों में कानून-व्यवस्था को और मजबूत करने और खासकर महिलाओं की सुरक्षा के लिए कठोर से कठोर कदम उठाने का आग्रह किया। उन्होंने मणिपुर की घटना को कांग्रेस शासित राज्यों की घटना से भी जोड़ दिया और कहा कि घटना चाहे राजस्थान की हो, छत्तीसगढ़ की हो या मणिपुर की हो, कानून व्यवस्था कायम करें जहां पर नारी का सम्मान किया जाए। किसी भी गुनाहगार को नहीं बख्शा जाएगा. मणिपुर की इन बेटियों के साथ जो हुआ है, इसको माफ नहीं किया जा सकता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
राहुल गांधी ने भी किया था ट्विट
सुबह गांधी ने एक ट्वीट में कहा कि प्रधानमंत्री की चुप्पी और निष्क्रियता ने मणिपुर को अराजकता की ओर धकेल दिया है। जब मणिपुर में भारत के विचार पर हमला किया जा रहा है तो भारत चुप नहीं रहेगा। उन्होंने कहा हम मणिपुर के लोगों के साथ खड़े हैं। शांति ही आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
प्रियंका गांधी ने कहा-दिल दहला देने वाली तस्वीरें
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी वीडियो पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि मणिपुर से सामने आ रही “महिलाओं के खिलाफ यौन हिंसा” की तस्वीरें दिल दहला देने वाली हैं। उन्होंने हिंदी में एक ट्वीट में कहा “महिलाओं के खिलाफ हिंसा की इस भयावह घटना के लिए जितनी भी निंदा की जाए वह पर्याप्त नहीं है। समाज में हिंसा का सबसे अधिक खामियाजा महिलाओं और बच्चों को भुगतना पड़ता है। प्रियंका गांधी ने कहा, “मणिपुर में शांति के प्रयासों को आगे बढ़ाते हुए हम सभी को एक स्वर में हिंसा की निंदा करनी चाहिए।” उन्होंने पूछा “प्रधानमंत्री जी, केंद्र सरकार ने मणिपुर में हिंसक घटनाओं पर आंखें क्यों मूंद ली हैं? क्या ऐसी तस्वीरें और हिंसक घटनाएं उन्हें परेशान नहीं करतीं? (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
लोकसभा में जोरदार हंगामा
गुरुवार से शुरू हुए संसद के मानसून सत्र में इस घटना को लेकर जोरदार हंगामा हुआ। लोकसभा में संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि हमने स्पष्ट कर दिया है कि हम दोनों सदनों में मणिपुर पर चर्चा के लिए तैयार हैं। मणिपुर एक संवेदनशील विषय है. गृह मंत्री विस्तार से चर्चा का जवाब देंगे। स्पीकर को चर्चा की तारीख तय करने दीजिए हम चर्चा करने के लिए तैयार हैं। हंगामा जारी रहने के बाद लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दी गई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
राज्यसभा में भी हंगामा
राज्यसभा में चर्चा की मांग करते हुए विपक्ष के नेता और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि मणिपुर जल रहा है, महिलाओं के साथ बलात्कार हो रहे हैं, उन्हें निर्वस्त्र घुमाया जा रहा है और प्रधानमंत्री चुप बैठे हैं। वह सदन के बाहर बयान दे रहे हैं। हम मणिपुर पर विस्तृत चर्चा चाहते हैं और पीएम मोदी को सदन में इस पर बयान देना चाहिए। हम मणिपुर के मुख्यमंत्री के तत्काल इस्तीफे और राष्ट्रपति शासन लगाने की भी मांग करते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सरकार का जवाब
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि आज सदन की कार्रवाई और व्यापार सलाहकार समिति की बैठक में विपक्ष का रवैया देखकर ये स्पष्ट हो जाता है कि वो मन बनाकर आए थे कि सदन की कार्रवाई नहीं चलने देंगे। सरकार ने स्पष्ट कर दिया कि हम मणिपुर की घटनाओं पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं, उसके बावजूद कांग्रेस और बाकी विपक्षी दल सदन की कार्रवाई को रोका। ये स्पष्ट करता है कि विपक्ष सदन की कार्रवाई को चलने नहीं देना चाहती है।
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।