ई रिक्शा संचालकों का उत्पीड़न और पतंजलि फार्मेसी में श्रमिकों के उत्पीड़न के खिलाफ सीटू का सचिवालय पर प्रदर्शन
ई रिक्शा संचालकों की समस्याओं के साथ ही पतंजलि फार्मेसी में श्रमिकों के उत्पीड़न के खिलाफ सैन्टर आफ इण्डियन टेड यूनियन्स (सीआईटीयू) ने देहरादून में सचिवालय कूच किया। इस मौके पर अपर तहसीलदार के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया गया। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि हरिद्वार में बाबा रामदेव की दवा फार्मेसी में श्रमिकों को निकाल दिया गया है। इनकी शीघ्र बहाली की जाए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
राजपुर रोड स्थित सीआईटीयू के जिला मुख्यालय से श्रमिकों ने जुलूस निकाला। घंटाघर, राजपुर रोड, एश्लेहाल चौक से होते हुए जुलूस सचिवालय पहुंचा। सचिवालय से कुछ पहले जुलूस को पुलिस ने रोक दिया। इस पर सड़क पर ही धरना दिया गया। साथ ही जनसभा आयोजित की गई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि वर्ष 2005 में बाबा रामदेव की फार्मेसी के साथ हुये समझौते का पालन करने के लिए श्रम न्यायालय, उच्च न्यायालय तथा उच्चतम न्यायालय के आदेशों का पालन नहीं हो रहा है। निकाले गये कर्मचारियों की बहाली शीघ्र की जानी चाहिए। इस मौके पर आरटीए की ओर से ई रिक्शा के संदर्भ में लिए गए निर्णय का विरोध किया गया। साथ ही पुलिस उत्पीड़न को रोकने की मांग की गई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
1. देहरादून में सेलाकुई, हर्बर्टपुर, लांघा रोड, देहरादून नगर, ऋषिकेश में ई- रिक्शा संचालन पर रोक लगाना एक बड़ी आबादी के उपर रोजीरोटी का संकट खड़ा हो गया है। ई- रिक्शा प्रदुषण मुक्त होने के साथ – साथ कम स्थान घेरता है। इससे यातायात को कोई हानि नही होती है। ई- रिक्शा विकलांग भी चलाया करते हैं, जिससे वे आत्म सम्मान का जीवन व्यतीत करते हैं। वहीं, नो एंट्री के बावजूद पुलिस द्वारा भारी वाहनों को चलने दिया जाता है, किन्तु ई- रिक्शा के संचालन पर रोक लगाना सरासर गलत व जनविरोधी है। इस सन्दर्भ में रोक तत्काल हटाई जाए।
2. ई- रिक्शा चालको पर पुलिस की ओर से किया जा रहा उत्पीड़न बंद किया जाए।
3. ई- रिक्शा का संचालन राष्ट्रीय राजमार्गो पर पड़ने वाले नगरो में करने से न रोका जाए।
4. ई-रिक्शा चालको का ड्राइविंग लाइसेंस, अन्य प्रपत्र क्षेत्रों में कैम्प लगा कर व मानकों में छुट दे कर बनाये जाएं।
5. ई- रिक्शा चालको को भी अन्य परिवहन चालको कि भांति लॉकडाउन के दौरान आर्थिक सहयता नही दी गयी थी। ये समाज का सबसे दबा कुचला वर्ग है। अब इनका उत्पीड़न किया जा रहा है। 24 दिसंबर को सेलाकुई पुलिस ने बड़ी संख्या में ई – रिक्शाओ को थाने में लाकर खड़ा कर दिया। ऐसी कार्रवाई पर रोक लगाई जाए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस मौके पर जनसभा को सीटू के प्रांतीय अध्यक्ष राजेंद्र सिंह नेगी, महामन्त्री एमपी जखमोला, सचिव लेखराज, कृष्ण गुनियाल, भगवंत पयाल, रविन्द्र नौडियाल, सीपीएम के जिला सचिव राजेन्द्र पुरोहित, अनंत आकाश, एसएफआई के प्रांतीय सचिव हिमांशु चौहान, शैलेन्द्र परमार, ई रिक्शा वर्कर्स यूनियन के संयोजक सुंदर थापा, जितेंद्र गुप्ता, अध्यक्ष सोनू कुमार, बिलाल अहमद आदि ने सम्बोधित किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
प्रदर्शनकारियों में सईद हसन, असलम, मोहम्मद अहमद, संग्राम सिंह, अजय, रविंद्र, नौशाद, संजय, साधु यादव, फुरकान, संजू कुमार, इरशाद मोहम्मद, नौशाद, अरशद, पंकज, सुरजीत, काशीराम, शहजाद, आसिफ, समीर खान, विशाल, अनिकेत, अब्दुल समद, दवा कामगार यूनियन से मोहन शर्मा, कपिल नगर, सोहनलाल, चंद्रपाल, विशेष शर्मा, सचिन प्रजापति, योगेश कुमार, राजू पाल, सूरजमल, पवन कुमार, कृष्ण पाल, सुखबीर, राजेंद्र, तेजपाल चौहान, श्रीधर, वजन अली, गौतम, जयपाल, हरीश मलकोटी, विनोद नेगी, मनोज, सुभाष, इंदु जोशी, सरल चौहान, सुषमा श्रीवास्तव, शांति रावत, सावित्री पवार, सरला रावत, सरला शर्मा, कविता लोधी, कमला बंदनी, सुनीता शुक्ला, मंजू पांडे, प्रमिला वर्मा, दीप भट्ट आदि शामिल थे।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।