दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों में दिल्ली दूसरे नंबर पर, एशिया के सबसे प्रदूषित 10 शहरों में आठ भारत के
SAFAR के डेटा बताते हैं कि दिल्ली में प्रदूषण में पराली जलाने की हिस्सेदारी 2 से 3 फीसदी है। पिछले साल की तुलना में इस बार इसमें करीब 15 फीसदी की कमी आई है। प्रदूषक PM2.5 का स्तर वर्तमान में दक्षिण दिल्ली में ग्रेटर कैलाश में करीब 400 MM प्रति माइक्रोग्राम है, जो कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की 5 माइक्रोग्राम (वार्षिक औसत) की सुरक्षित सीमा से करीब 80 गुना है। न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार, दिल्ली का वायु गुणवत्ता स्तर आज सुबह बेहद खराब (very poor) में पहुंच गया। पटाखों और पराली जलने के कारण प्रदूषण की स्थिति पर विपरीत अधर पड़ा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दिल्ली का AQI आज सुबह छह बजे 298 मापा गया। बता दें कि शून्य से 50 तक के AQI को अच्छे (good), 51 से 100 के बीच को संतोषजनक (satisfactory), 101 से 2000 के बीच के AQI को मॉडरेट (moderate) और 200 से 300 के बीच के AQI को पुअर (poor)की श्रेणी में रखा जाता है। 301 से 400 के बीच के स्तर को बेहद खराब (very poor) और 401 से 500 के बीच के स्तर को सीवियर (severe) की श्रेणी में रखा जाता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
रविवार को राष्ट्रीय राजधानी में 24 घंटे का AQI औसत 259 था जो कि दीपावली के पूर्व सात दिनों में सबसे कम था। तापमान और हवा की गति कम होने के बाद रातों-रात प्रदूषण का स्तर बढ़ गया और लोगों ने दिल्ली के कई हिस्सों में पटाखे फोड़े। खेत में आग लगने की संख्या बढ़कर 1,318 हो गई, जो इस सीजन में अब तक का सबसे अधिक है।
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भानु बंगवाल
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।